पुणे, जनवरी (जिमाका)
मराठी विश्वकोश ज्ञान के लोकतंत्रीकरण के लिए एक साधन है और मराठी भाषा के संवर्धन और वृद्धि में विश्वकोश का महत्वपूर्ण योगदान है। यह विचार महाराष्ट्र राज्य मराठी विश्वकोश निर्मिती मंडल के अध्यक्ष डॉ. राजा दीक्षित ने व्यक्त किए।
वे मराठी भाषा प्रचार पखवाड़े के अवसर पर विभागीय सूचना कार्यालय एवं जिला सूचना कार्यालय, पुणे द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘विश्वकोश संरचना एवं मराठी भाषा’ विषय पर आयोजित व्याख्यान के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर पुणे विभागीय सूचना उपसंचालक डॉ. पुरुषोत्तम पाटोदकर, जिला सूचना अधिकारी डॉ. किरण मोघे, भाषा संचालनालय के अधीक्षक सुनील सिरसाट आदि उपस्थित थे।
डॉ. दीक्षित ने कहा, चूंकि मराठी विश्वकोश ज्ञान का एक उपकरण है, इसलिए उत्पादन प्रक्रिया में सटीकता और गुणवत्ता को महत्व दिया जा रहा है। सार्वजनिक शिक्षा के शिक्षण में विश्वकोश मूल्यवान उपकरण है। विश्वकोश भाषा के विकास और संवर्धन में योगदान करते हैं। बोर्ड परिभाषाएँ और मानक भाषा बनाने के लिए सचेत प्रयास करता है। ग्रामीण क्षेत्रों, आदिवासी अंचलों और छोटे बच्चों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रिंट और डिजिटल मीडिया को मिलाकर यह चलन जारी रहेगा।
मराठी विश्वकोश के दूसरे संस्करण पर काम शुरू हो गया है। सटीकता और अप-टू-डेट रिकॉर्ड सुनिश्चित करने और विवाद से बचने की तिकड़ी का उपयोग करते हुए, वेबसाइट पर नए रिकॉर्ड के साथ मूल मुद्रित रिकॉर्ड को मिलाकर एक दूसरा विस्तारित संस्करण बनाया जाएगा। कुमार कोष के दो नए खंड लगभग छह महीने में प्रकाशित होने की उम्मीद है, जबकि नई संदर्भ पुस्तक आने वाले वर्ष में प्रकाशित होने की उम्मीद है। आने वाले समय में बालकोश और ओलम्पिक कोश बनाने का भी प्रस्ताव है।
मराठी विश्वकोश ज्ञान के लोकतंत्रीकरण के लिए एक साधन है और मराठी भाषा के संवर्धन और वृद्धि में विश्वकोश का महत्वपूर्ण योगदान है। यह विचार महाराष्ट्र राज्य मराठी विश्वकोश निर्मिती मंडल के अध्यक्ष डॉ. राजा दीक्षित ने व्यक्त किए।
वे मराठी भाषा प्रचार पखवाड़े के अवसर पर विभागीय सूचना कार्यालय एवं जिला सूचना कार्यालय, पुणे द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘विश्वकोश संरचना एवं मराठी भाषा’ विषय पर आयोजित व्याख्यान के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर पुणे विभागीय सूचना उपसंचालक डॉ. पुरुषोत्तम पाटोदकर, जिला सूचना अधिकारी डॉ. किरण मोघे, भाषा संचालनालय के अधीक्षक सुनील सिरसाट आदि उपस्थित थे।
डॉ. दीक्षित ने कहा, चूंकि मराठी विश्वकोश ज्ञान का एक उपकरण है, इसलिए उत्पादन प्रक्रिया में सटीकता और गुणवत्ता को महत्व दिया जा रहा है। सार्वजनिक शिक्षा के शिक्षण में विश्वकोश मूल्यवान उपकरण है। विश्वकोश भाषा के विकास और संवर्धन में योगदान करते हैं। बोर्ड परिभाषाएँ और मानक भाषा बनाने के लिए सचेत प्रयास करता है। ग्रामीण क्षेत्रों, आदिवासी अंचलों और छोटे बच्चों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रिंट और डिजिटल मीडिया को मिलाकर यह चलन जारी रहेगा।
मराठी विश्वकोश के दूसरे संस्करण पर काम शुरू हो गया है। सटीकता और अप-टू-डेट रिकॉर्ड सुनिश्चित करने और विवाद से बचने की तिकड़ी का उपयोग करते हुए, वेबसाइट पर नए रिकॉर्ड के साथ मूल मुद्रित रिकॉर्ड को मिलाकर एक दूसरा विस्तारित संस्करण बनाया जाएगा। कुमार कोष के दो नए खंड लगभग छह महीने में प्रकाशित होने की उम्मीद है, जबकि नई संदर्भ पुस्तक आने वाले वर्ष में प्रकाशित होने की उम्मीद है। आने वाले समय में बालकोश और ओलम्पिक कोश बनाने का भी प्रस्ताव है।
विश्वकोश के बेहतर कामकाज के लिए सरकार ने सकारात्मक रुख अपनाया है। मराठी भाषा विभाग के मंत्री दीपक केसरकर ने वाई स्थित मराठी विश्वकोश कार्यालय का दौरा किया और घोषणा की कि एक नई और अद्यतन इमारत का निर्माण किया जाएगा। सरकार के सहयोग से और अधिक शिद्दत से कार्य कर आगे की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए डॉ. दीक्षित ने दृढ़ निश्चय व्यक्त किया।
डॉ. दीक्षित ने बताया कि सूचना और प्रौद्योगिकी के तेज युग में प्रौद्योगिकी के माध्यम से विश्वकोश पाठकों तक पहुँचाए जा रहे हैं। मराठी विश्वकोश 2007 में सीडी पर, 2011 में वेबसाइट पर, 2017 में पेन ड्राइव और 2018 में मोबाइल डिवाइस पर उपलब्ध कराया गया है। लगभग तीन करोड़ पाठक दोनों वेबसाइटों को देख चुके हैं।
पुणे विभागीय सूचना उपसंचालक डॉ. पुरुषोत्तम पाटोदकर ने कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय की ओर से सरकार के विभिन्न जनकल्याणकारी निर्णयों, नीतियों और गतिविधियों की जानकारी प्रचार के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाई जाती है। विभाग हमेशा नागरिकों को सटीक और वस्तुनिष्ठ जानकारी देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्य को करते समय मराठी भाषा का अच्छा ज्ञान होना बहुत जरूरी है और इसके लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संदर्भ में हमेशा मराठी विश्वकोश का उपयोग किया जाता है।
डॉ. दीक्षित ने बताया कि सूचना और प्रौद्योगिकी के तेज युग में प्रौद्योगिकी के माध्यम से विश्वकोश पाठकों तक पहुँचाए जा रहे हैं। मराठी विश्वकोश 2007 में सीडी पर, 2011 में वेबसाइट पर, 2017 में पेन ड्राइव और 2018 में मोबाइल डिवाइस पर उपलब्ध कराया गया है। लगभग तीन करोड़ पाठक दोनों वेबसाइटों को देख चुके हैं।
पुणे विभागीय सूचना उपसंचालक डॉ. पुरुषोत्तम पाटोदकर ने कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय की ओर से सरकार के विभिन्न जनकल्याणकारी निर्णयों, नीतियों और गतिविधियों की जानकारी प्रचार के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाई जाती है। विभाग हमेशा नागरिकों को सटीक और वस्तुनिष्ठ जानकारी देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्य को करते समय मराठी भाषा का अच्छा ज्ञान होना बहुत जरूरी है और इसके लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संदर्भ में हमेशा मराठी विश्वकोश का उपयोग किया जाता है।


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