"श्रेयस" अम्ब्रेला योजना में केंद्रीय क्षेत्र की 4 उप-योजनाएं - "अनुसूचित जाति के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा", "अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मुफ्त कोचिंग योजना", "अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय प्रवासी योजना" और "अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप"शामिल हैं। चूंकि ये सभी उप-योजनाएं केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं हैं, इसलिए इन योजनाओं के लिए राज्य-वार डेटा नहीं रखा जाता है। पिछले 9 वर्षों यानी 2014-15 से आवंटित बजट, व्यय विवरण और लाभार्थियों की संख्या के साथ श्रेयस के तहत उप-योजनाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
2014-15 से 2022-23 तक 19,995 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए कुल 109.77 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
छात्रवृत्ति की कुल संख्या 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 21,500 (2021-22 के लिए 4100, 2022-23 के लिए 4200, 2023-24 के लिए 4300, 2024-25 के लिए 4400 और 2025-26 के लिए 4500) सीमित होगी।
योजना के तहत, (i) पूर्ण ट्यूशन शुल्क और गैर-वापसीयोग्य शुल्क (निजी क्षेत्र के संस्थानों के लिए प्रति छात्र प्रति वर्ष 2.00 लाख रुपये की सीमा होगी (ii) अध्ययन के पहले वर्ष में 86,000 रुपये का शैक्षणिक भत्ता और जीवन यापन और अन्य खर्चों की देखभाल के लिए हर अगले वर्ष 41,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं।
2014-15 से 2022-23 तक 21,988 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए कुल 398.43 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
योजना के अंतर्गत ऐसे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं जिनकी अभ्यर्थी सहित परिवार की कुल आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष हो, योग्यता परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किया हो, 35 वर्ष से कम आयु हो और शीर्ष 500 क्यूएस रैंकिंग वाले विदेशी संस्थानों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया हो। योजना के तहत, पुरस्कार विजेताओं को कुल ट्यूशन शुल्क, रखरखाव और आकस्मिकता भत्ता, वीजा शुल्क, आने-जाने का हवाई मार्ग का किराया आदि प्रदान किया जाता है।
2014-15 से 2022-23 तक 950 लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए कुल 197.14 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
यह योजना प्रति वर्ष 2000 नए स्लॉट (विज्ञान स्ट्रीम के लिए 500 और मानविकी और सामाजिक विज्ञान के लिए 1500) प्रदान करती है, जिन्होंने यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा- जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी-जेआरएफ) उत्तीर्ण की है और विज्ञान स्ट्रीम के लिए यूजीसी- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) द्वारा आयोजित संयुक्त परीक्षा में जूनियर रिसर्च फेलो योग्यता प्राप्त की है।
- अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना :
2014-15 से 2022-23 तक 19,995 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए कुल 109.77 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- अनुसूचित जाति के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा :
छात्रवृत्ति की कुल संख्या 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 21,500 (2021-22 के लिए 4100, 2022-23 के लिए 4200, 2023-24 के लिए 4300, 2024-25 के लिए 4400 और 2025-26 के लिए 4500) सीमित होगी।
योजना के तहत, (i) पूर्ण ट्यूशन शुल्क और गैर-वापसीयोग्य शुल्क (निजी क्षेत्र के संस्थानों के लिए प्रति छात्र प्रति वर्ष 2.00 लाख रुपये की सीमा होगी (ii) अध्ययन के पहले वर्ष में 86,000 रुपये का शैक्षणिक भत्ता और जीवन यापन और अन्य खर्चों की देखभाल के लिए हर अगले वर्ष 41,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं।
2014-15 से 2022-23 तक 21,988 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए कुल 398.43 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय प्रवासी योजना :
योजना के अंतर्गत ऐसे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं जिनकी अभ्यर्थी सहित परिवार की कुल आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष हो, योग्यता परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किया हो, 35 वर्ष से कम आयु हो और शीर्ष 500 क्यूएस रैंकिंग वाले विदेशी संस्थानों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया हो। योजना के तहत, पुरस्कार विजेताओं को कुल ट्यूशन शुल्क, रखरखाव और आकस्मिकता भत्ता, वीजा शुल्क, आने-जाने का हवाई मार्ग का किराया आदि प्रदान किया जाता है।
2014-15 से 2022-23 तक 950 लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए कुल 197.14 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप :
यह योजना प्रति वर्ष 2000 नए स्लॉट (विज्ञान स्ट्रीम के लिए 500 और मानविकी और सामाजिक विज्ञान के लिए 1500) प्रदान करती है, जिन्होंने यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा- जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी-जेआरएफ) उत्तीर्ण की है और विज्ञान स्ट्रीम के लिए यूजीसी- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) द्वारा आयोजित संयुक्त परीक्षा में जूनियर रिसर्च फेलो योग्यता प्राप्त की है।

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