विमानतल परियोजना से प्रभावित गांवों के प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री का संवाद
• पुरंदर विमानतल के लिए भूमि अधिग्रहण में अधिकतम दर देने पर विचार
• विमानतल परिसर में छत्रपति संभाजी महाराज की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी
• परियोजना-प्रभावित किसानों के बच्चों के लिए कौशल विकास केंद्र, नौकरियों में प्राथमिकता
• परियोजना-प्रभावितों को विशेष रूप से “परियोजना-ग्रस्त प्रमाणपत्र” दिया जाएगा
मुंबई, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पुणे में अनेक उद्योग आने के लिए इच्छुक हैं और इसके लिए पुरंदर विमानतल अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। इस विमानतल से पुणे और आसपास के क्षेत्र के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। यह केवल यात्री विमानतल नहीं बल्कि कार्गो विमानतल भी होगा, जिससे नाशवान (परिशेबल) वस्तुओं के व्यापार को विशेष लाभ मिलेगा। इस परियोजना से पुरंदर और आसपास के नागरिकों को बड़ा फायदा होगा तथा पुणे के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कम से कम 2 प्रतिशत की वृद्धि होगी, ऐसा प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने पुरंदर विमानतल परियोजना से प्रभावित सात गांवों के ग्रामीणों से संवाद साधा। इस अवसर पर पूर्व मंत्री विजय शिवतारे, अपर मुख्य सचिव (वित्त) ओ. पी. गुप्ता, परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय सेठी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव पी. अन्बलगन, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. वेलरासू, पुणे जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी तथा परियोजना-प्रभावित गांवों के नागरिक उपस्थित थे।
भूमि अधिग्रहण के लिए अधिकतम मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरंदर विमानतल महाराष्ट्र और पुणे के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। परियोजना को व्यवहार्य बनाने के लिए सभी पहलुओं पर विचार कर किसानों को उनकी भूमि के लिए अधिकतम मुआवजा देने का निर्णय लिया जाएगा। पुरंदर की एरोसिटी परियोजना में टीडीआर से जुड़े सभी लाभ दिए जाएंगे। परियोजना-प्रभावित किसानों के बच्चों को 100 प्रतिशत नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। भूमि अधिग्रहण का अंतिम दर तय होने के बाद स्थानीय युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्र शुरू कर उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, परियोजना से जुड़े पूर्व आंदोलनों में दर्ज मामलों को वापस लिया जाएगा।
पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि परियोजना से प्रभावित किसानों और नागरिकों के उचित पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों और उनकी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षा मिले, इस दृष्टि से रेडी रेकनर से अधिक दर देने पर विचार किया जाएगा। इसी कारण राज्य सरकार ने बातचीत के माध्यम से भूमि अधिग्रहण दर तय करने का निर्णय लिया है। सिडको परियोजना में पहले साढ़े बाईस प्रतिशत लाभ दिया गया था और पुरंदर विमानतल परियोजना में उससे अधिक लाभ देने का प्रयास किया जाएगा।
परियोजना-प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में परिवार संरचना को ध्यान में रखा जाएगा तथा सज्ञान बच्चों के लिए अतिरिक्त स्थान दिया जाएगा। बहनों के हिस्से से संबंधित मामलों में भी उचित समाधान निकाला जाएगा। अल्पभूधारक और भूमिहीन किसानों के लिए विशेष उपायों पर भी विचार किया जाएगा। यह राज्य का पहला ऐसा प्रकल्प होगा, जिसमें मुआवजे के साथ-साथ वैकल्पिक भूमि भी दी जाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
पुरंदर विमानतल परिसर में छत्रपति संभाजी महाराज की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पहले से अधिग्रहित अतिरिक्त भूमि पर लगे प्रतिबंध हटाए जाएंगे। किसानों को इस परियोजना में भागीदार बनाने पर भी विचार किया जाएगा।
गांवठाण पुनर्बांधणी के संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा। परियोजना-प्रभावितों को विशेष परियोजना-ग्रस्त प्रमाणपत्र दिया जाएगा। बागायती वृक्षों के मुआवजे पर भी चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा। साथ ही, राज्य के सभी परियोजना-प्रभावितों के लिए स्वतंत्र महामंडल स्थापित करने पर विचार जारी है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 2014 के बाद राज्य में लागू की गई सभी परियोजनाएं केवल राज्य के विकास और नागरिकों के हित में हैं। किसी भी परियोजना का उद्देश्य किसानों को भूमिहीन करना नहीं है। नवी मुंबई विमानतल के उदाहरण से स्पष्ट है कि एक विमानतल से क्षेत्र की कृषि, उद्योग और व्यापार में बड़े अवसर पैदा होते हैं। उसी प्रकार, पुरंदर विमानतल से भी इस क्षेत्र के किसानों और नागरिकों को निश्चित रूप से लाभ होगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी ने अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी दी, वहीं उपस्थित ग्राम प्रतिनिधियों ने अपनी मांगें और निवेदन प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने पुरंदर विमानतल परियोजना से प्रभावित सात गांवों के ग्रामीणों से संवाद साधा। इस अवसर पर पूर्व मंत्री विजय शिवतारे, अपर मुख्य सचिव (वित्त) ओ. पी. गुप्ता, परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय सेठी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव पी. अन्बलगन, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी. वेलरासू, पुणे जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी तथा परियोजना-प्रभावित गांवों के नागरिक उपस्थित थे।
भूमि अधिग्रहण के लिए अधिकतम मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरंदर विमानतल महाराष्ट्र और पुणे के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। परियोजना को व्यवहार्य बनाने के लिए सभी पहलुओं पर विचार कर किसानों को उनकी भूमि के लिए अधिकतम मुआवजा देने का निर्णय लिया जाएगा। पुरंदर की एरोसिटी परियोजना में टीडीआर से जुड़े सभी लाभ दिए जाएंगे। परियोजना-प्रभावित किसानों के बच्चों को 100 प्रतिशत नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। भूमि अधिग्रहण का अंतिम दर तय होने के बाद स्थानीय युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्र शुरू कर उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, परियोजना से जुड़े पूर्व आंदोलनों में दर्ज मामलों को वापस लिया जाएगा।
पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि परियोजना से प्रभावित किसानों और नागरिकों के उचित पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों और उनकी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षा मिले, इस दृष्टि से रेडी रेकनर से अधिक दर देने पर विचार किया जाएगा। इसी कारण राज्य सरकार ने बातचीत के माध्यम से भूमि अधिग्रहण दर तय करने का निर्णय लिया है। सिडको परियोजना में पहले साढ़े बाईस प्रतिशत लाभ दिया गया था और पुरंदर विमानतल परियोजना में उससे अधिक लाभ देने का प्रयास किया जाएगा।
परियोजना-प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में परिवार संरचना को ध्यान में रखा जाएगा तथा सज्ञान बच्चों के लिए अतिरिक्त स्थान दिया जाएगा। बहनों के हिस्से से संबंधित मामलों में भी उचित समाधान निकाला जाएगा। अल्पभूधारक और भूमिहीन किसानों के लिए विशेष उपायों पर भी विचार किया जाएगा। यह राज्य का पहला ऐसा प्रकल्प होगा, जिसमें मुआवजे के साथ-साथ वैकल्पिक भूमि भी दी जाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
पुरंदर विमानतल परिसर में छत्रपति संभाजी महाराज की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पहले से अधिग्रहित अतिरिक्त भूमि पर लगे प्रतिबंध हटाए जाएंगे। किसानों को इस परियोजना में भागीदार बनाने पर भी विचार किया जाएगा।
गांवठाण पुनर्बांधणी के संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा। परियोजना-प्रभावितों को विशेष परियोजना-ग्रस्त प्रमाणपत्र दिया जाएगा। बागायती वृक्षों के मुआवजे पर भी चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा। साथ ही, राज्य के सभी परियोजना-प्रभावितों के लिए स्वतंत्र महामंडल स्थापित करने पर विचार जारी है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 2014 के बाद राज्य में लागू की गई सभी परियोजनाएं केवल राज्य के विकास और नागरिकों के हित में हैं। किसी भी परियोजना का उद्देश्य किसानों को भूमिहीन करना नहीं है। नवी मुंबई विमानतल के उदाहरण से स्पष्ट है कि एक विमानतल से क्षेत्र की कृषि, उद्योग और व्यापार में बड़े अवसर पैदा होते हैं। उसी प्रकार, पुरंदर विमानतल से भी इस क्षेत्र के किसानों और नागरिकों को निश्चित रूप से लाभ होगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी ने अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी दी, वहीं उपस्थित ग्राम प्रतिनिधियों ने अपनी मांगें और निवेदन प्रस्तुत किए।

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