पुणे, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
सर परशुरामभाऊ महाविद्यालय, पुणे के हिंदी विभाग द्वारा 16 दिसंबर से 20 दिसंबर 2025 तक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (ठणडअ) के आर्थिक सहयोग से विद्यार्थी कैरियर केंद्रित पाठ्यक्रम हिंदी भाषा, कौशल विकास और उद्योग-व्यवसाय के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की शुरुआत बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के पूर्व राजभाषा महाप्रबंधक और दो बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डॉ. दामोदर खडसे के मंतव्य से हुई, जिन्होंने अनुवाद के क्षेत्र में कैरियर के अवसरों के बारे में छात्रों का मार्गदर्शन किया। दूसरे दिन प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. सुशील धसकटे उपस्थित थे, जिन्होंने ‘प्रकाशन उद्योग में रोजगार के अवसर और संभावनाएं’ विषय पर छात्रों को बहुमोल मार्गदर्शन किया। साथ ही प्रूफ रीडिंग की जानकारी छात्रों को दी। तीसरे दिन आकाशवाणी के पूर्व सहायक निदेशक डॉ. सुनील देवधर उपस्थित थे। आपने ‘हिंदी में अपने आप को अभिव्यक्त कैसे करें’ इस विषय पर प्रैक्टिकल के साथ छात्रों का मार्गदर्शन किया। चौथे दिन वाडिया महाविद्यालय के मराठी विषय के प्राध्यापक प्रा. स्वप्निल जोशी ने छात्रों से मीडिया और पॉडकास्ट के संदर्भ में छात्रों का मार्गदर्शन किया। अंतिम दिन प्रोफेसर नीलय उपाध्याय ने पटकथा लेखन के संदर्भ में छात्रों का विस्तृत मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को हिंदी भाषा में कौशल विकास और उद्योग-व्यवसाय में उपलब्ध अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करना तथा उन्हें इन अवसरों के लिए तैयार करना था।
इस कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अविनाश मोहरील, उपप्राचार्य डॉ. विद्या अवचट इस कार्यशाला के विशेष प्रेरणास्रोत थे। हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. गोरख थोरात के मार्गदर्शन में यह कार्यशाला संपन्न हुई। इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिए डॉ. सचिन जगताप और डॉ. रश्मि नरवाल के साथ-साथ साक्षी, वैष्णवी, अंजलि, मयूरी, निशा, संस्कृति, राहुल, प्रकाश, अभिजीत, अमृता, सोहम, अप्पा, रोशनी, रिद्धि सिद्धि, आर्यन, सिद्धेश, गुणवंत, राज, रिया आदि हिंदी विभाग के छात्रों ने विशेष योगदान दिया।
सर परशुरामभाऊ महाविद्यालय, पुणे के हिंदी विभाग द्वारा 16 दिसंबर से 20 दिसंबर 2025 तक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (ठणडअ) के आर्थिक सहयोग से विद्यार्थी कैरियर केंद्रित पाठ्यक्रम हिंदी भाषा, कौशल विकास और उद्योग-व्यवसाय के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की शुरुआत बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के पूर्व राजभाषा महाप्रबंधक और दो बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डॉ. दामोदर खडसे के मंतव्य से हुई, जिन्होंने अनुवाद के क्षेत्र में कैरियर के अवसरों के बारे में छात्रों का मार्गदर्शन किया। दूसरे दिन प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. सुशील धसकटे उपस्थित थे, जिन्होंने ‘प्रकाशन उद्योग में रोजगार के अवसर और संभावनाएं’ विषय पर छात्रों को बहुमोल मार्गदर्शन किया। साथ ही प्रूफ रीडिंग की जानकारी छात्रों को दी। तीसरे दिन आकाशवाणी के पूर्व सहायक निदेशक डॉ. सुनील देवधर उपस्थित थे। आपने ‘हिंदी में अपने आप को अभिव्यक्त कैसे करें’ इस विषय पर प्रैक्टिकल के साथ छात्रों का मार्गदर्शन किया। चौथे दिन वाडिया महाविद्यालय के मराठी विषय के प्राध्यापक प्रा. स्वप्निल जोशी ने छात्रों से मीडिया और पॉडकास्ट के संदर्भ में छात्रों का मार्गदर्शन किया। अंतिम दिन प्रोफेसर नीलय उपाध्याय ने पटकथा लेखन के संदर्भ में छात्रों का विस्तृत मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को हिंदी भाषा में कौशल विकास और उद्योग-व्यवसाय में उपलब्ध अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करना तथा उन्हें इन अवसरों के लिए तैयार करना था।
इस कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अविनाश मोहरील, उपप्राचार्य डॉ. विद्या अवचट इस कार्यशाला के विशेष प्रेरणास्रोत थे। हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. गोरख थोरात के मार्गदर्शन में यह कार्यशाला संपन्न हुई। इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिए डॉ. सचिन जगताप और डॉ. रश्मि नरवाल के साथ-साथ साक्षी, वैष्णवी, अंजलि, मयूरी, निशा, संस्कृति, राहुल, प्रकाश, अभिजीत, अमृता, सोहम, अप्पा, रोशनी, रिद्धि सिद्धि, आर्यन, सिद्धेश, गुणवंत, राज, रिया आदि हिंदी विभाग के छात्रों ने विशेष योगदान दिया।

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