उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया निर्णय
पुणे विभाग में जिला वार्षिक योजना के लिए विभागीय आयुक्त कार्यालय के सभागृह में आयोजित बैठक में अधिकारियों से चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार उक्त चित्र में दिखाई दे रहे हैं।
पुणे, फरवरी (जिमाका)
जिला वार्षिक योजना के लिए पुणे विभाग के लिए 2220 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध कराई गई है। उपमुख्यमंत्री तथा वित्त व नियोजन मंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। जिला विकास के लिए दी गई इस निधि से दर्जेदार काम करें और निधि अखर्चित न रहे, इसकी सतर्कता बरतने के निर्देश उपमुख्यमंत्री व पुणे के पालकमंत्री अजीत पवार ने दिए।
वर्ष 2021-22 के लिए पुणे, सातारा, सांगली, सोलापुर और कोल्हापुर जिलों के मसौदा योजना के संबंध में विभागीय आयुक्त कार्यालय के हॉल में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सोलापुर के पालकमंत्री दत्तात्रय भरणे, सहकार राज्यमंत्री विश्वजीत कदम, वित्त व नियोजन राज्यमंत्री शंभूराज देसाई, विभागीय आयुक्त सौरभ राव और पुणे विभाग के जनप्रतिनिधि, जिलाधिकारी और अधिकारी उपस्थित थे।
सन् 2021-22 के लिए राज्य शासन द्वारा पुणे जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 520.78 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी, जिसके अनुसार इस मर्यादा में जिला वार्षिक योजना का प्रावधान जिला नियोजन समिति द्वारा मंजूर किया गया। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बताया कि 159.22 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ जिले के लिए कुल 680 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की गई है।
सातारा जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 264.49 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 110.51 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 375 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
सांगली जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 230.83 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 89.17 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 320 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
सोलापुर जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 349.87 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 120.13 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 470 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
कोल्हापुर जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 270.85 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 104.15 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 375 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
पुणे विभाग के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 1636.82 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 583.18 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 2220.00 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक संकट रहते हुए भी जिला वार्षिक योजना की निधि में कटौती न कर चालू वर्ष में 100 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा स्थानीय विकास निधि, पहाड़ी विकास निधि, सामाजिक न्याय और आदिवासी उपयोजना के लिए भी निधि दी गई है। कोरोना काल, विधान परिषद और ग्रामपंचायत चुनाव के कारण निधि खर्च होने के लिए निविदा का समय कम करके दिया गया, जिसके कारण विभागों को उपलब्ध निधि तुरंत खर्च करने के प्रयत्न करें।
श्री पवार ने कहा कि पुणे विभाग में नियोजन समिति के माध्यम से प्राप्त निधि समय और निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले जिलों के लिए 50 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसमें आई-पास प्रणाली का उपयोग, न्यूनतम अनिर्दिष्ट धन, सामाजिक न्याय के लिए निधि का पूर्ण उपयोग, आदिवासी उपयोजना निधि का पूर्ण उपयोग, नई योजनाओं का समावेश, शाश्वत विकास घटकों का समावेश आदि मापदंड होंगे। विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलमताई गोर्हे ने जिला वार्षिक योजना में नई योजनाओं के बारे में सुझाव दिए। जिला नियोजन समिति की राज्यस्तरीय बैठक में विभिन्न प्रणालियों के प्रमुख उपस्थित थे।
पुणे, फरवरी (जिमाका)
जिला वार्षिक योजना के लिए पुणे विभाग के लिए 2220 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध कराई गई है। उपमुख्यमंत्री तथा वित्त व नियोजन मंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। जिला विकास के लिए दी गई इस निधि से दर्जेदार काम करें और निधि अखर्चित न रहे, इसकी सतर्कता बरतने के निर्देश उपमुख्यमंत्री व पुणे के पालकमंत्री अजीत पवार ने दिए।
वर्ष 2021-22 के लिए पुणे, सातारा, सांगली, सोलापुर और कोल्हापुर जिलों के मसौदा योजना के संबंध में विभागीय आयुक्त कार्यालय के हॉल में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सोलापुर के पालकमंत्री दत्तात्रय भरणे, सहकार राज्यमंत्री विश्वजीत कदम, वित्त व नियोजन राज्यमंत्री शंभूराज देसाई, विभागीय आयुक्त सौरभ राव और पुणे विभाग के जनप्रतिनिधि, जिलाधिकारी और अधिकारी उपस्थित थे।
सन् 2021-22 के लिए राज्य शासन द्वारा पुणे जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 520.78 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी, जिसके अनुसार इस मर्यादा में जिला वार्षिक योजना का प्रावधान जिला नियोजन समिति द्वारा मंजूर किया गया। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बताया कि 159.22 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ जिले के लिए कुल 680 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की गई है।
सातारा जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 264.49 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 110.51 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 375 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
सांगली जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 230.83 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 89.17 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 320 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
सोलापुर जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 349.87 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 120.13 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 470 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
कोल्हापुर जिले के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 270.85 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 104.15 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 375 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
पुणे विभाग के लिए जिला वार्षिक योजना के लिए 1636.82 करोड़ रुपयों की मर्यादा बताई गई थी। उपमुख्मंत्री अजीत पवार ने जिले की कुल योजना में 583.18 करोड़ रुपयों की वृद्धि कर 2220.00 करोड़ रुपयों की योजना मंजूर की है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक संकट रहते हुए भी जिला वार्षिक योजना की निधि में कटौती न कर चालू वर्ष में 100 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा स्थानीय विकास निधि, पहाड़ी विकास निधि, सामाजिक न्याय और आदिवासी उपयोजना के लिए भी निधि दी गई है। कोरोना काल, विधान परिषद और ग्रामपंचायत चुनाव के कारण निधि खर्च होने के लिए निविदा का समय कम करके दिया गया, जिसके कारण विभागों को उपलब्ध निधि तुरंत खर्च करने के प्रयत्न करें।
श्री पवार ने कहा कि पुणे विभाग में नियोजन समिति के माध्यम से प्राप्त निधि समय और निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले जिलों के लिए 50 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसमें आई-पास प्रणाली का उपयोग, न्यूनतम अनिर्दिष्ट धन, सामाजिक न्याय के लिए निधि का पूर्ण उपयोग, आदिवासी उपयोजना निधि का पूर्ण उपयोग, नई योजनाओं का समावेश, शाश्वत विकास घटकों का समावेश आदि मापदंड होंगे। विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलमताई गोर्हे ने जिला वार्षिक योजना में नई योजनाओं के बारे में सुझाव दिए। जिला नियोजन समिति की राज्यस्तरीय बैठक में विभिन्न प्रणालियों के प्रमुख उपस्थित थे।

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