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महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दा : अदालती लड़ाई में समन्वय के लिए राज्य मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों की नियुक्ति : मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

मुंबई, नवंबर (महासंवाद)
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्र के भाइयों के साथ मजबूती से खड़ी है। वे इस संबंध में कानूनी लड़ाई के लिए एकजुट प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त किया गया है। मंत्री सर्वश्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को न्यायिक प्रक्रिया के समन्वय के लिए नियुक्त किया गया है। यह कहते हुए कि सीमा मुद्दों से निपटने वाले विशेष प्रकोष्ठ को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं का लाभ सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को प्रभावी ढंग से दिया जा सके। मुख्यमंत्री सहायता कोष का लाभ सीमावर्ती क्षेत्रों को पूर्व की भांति दिया जाए और महात्मा जोतिबा फुले जन आरोग्य योजना का भी लाभ दिया जाए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यहां कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को लाभ प्रदान करने के लिए सकारात्मक है।
सह्याद्री गेस्ट हाउस में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति की बैठक हुई। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, समिति के सदस्य मंत्री सर्वश्री चंद्रकांत पाटिल, डॉ. तानाजी सावंत, दीपक केसरकर, शंभूराज देसाई, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, विधायक पृथ्वीराज चव्हाण, राजेश क्षीरसागर, मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ संपादक किरण ठाकुर सहित महाराष्ट्र एकता समिति के सदस्य उपस्थित थे।
सुजाता सौनिक, अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताविक किया। वकील शिवाजी जाधव ने सीमा मुद्दे को लेकर चल रही अदालती लड़ाई की जानकारी दी।
स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे भी सीमा क्षेत्र के लोगों के साथ हमेशा रहे, यह कहते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार सीमा मुद्दे के समाधान पर गंभीरता से ध्यान दे रही है। इसके लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त किया गया है। जरूरत पड़ी तो और वकीलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। राज्य सरकार ने इस मसले पर अपना पूरा ध्यान लगा रखा है। साथ ही मैं, उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस, हम जल्द ही इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार की ओर से मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को समन्वयक नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।
सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यमंत्री सहायता कोष का लाभ पूर्व की भांति मिलेगा
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं का लाभ प्रभावी ढंग से मिले। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सीमा मुद्दे से निपटने वाले विशेष प्रकोष्ठ को भी मजबूत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हालांकि अदालती कार्यवाही चल रही है, लेकिन कर्नाटक सरकार के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाषा के उपयोग और उन क्षेत्रों में भाइयों द्वारा आवश्यक सुविधाओं के संबंध में संचार जारी रखा जाना चाहिए।
सीमावर्ती क्षेत्रों में मुख्यमंत्री सहायता कोष का लाभ पूर्व की भांति देने का निर्णय इस बार लिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने यह भी कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में महाराष्ट्र सरकार की महात्मा जोतिबा फुले जन आरोग्य योजना का लाभ दिलाने के लिए सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सीमा आंदोलन के शहीदों के परिवारों को स्वतंत्रता सेनानियों की तरह पेंशन देने का फैसला किया। साथ ही एकता समिति द्वारा अदालती लड़ाई के लिए भुगतान किये गये शुल्क की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया गया।
औपचारिक माध्यमों से सीमा विवाद के समाधान के लिए प्रतिबद्ध : उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि सीमा का मुद्दा बहुत संवेदनशील मुद्दा है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं। हम इस मुद्दे को वैध, लोकतांत्रिक तरीके से हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सब सीमा वासियों के साथ हैं।
इस मौके पर मध्य महाराष्ट्र एकता समिति के प्रकाश मारगले, दिनेश ओउलकर, विनोद आंबेवाडकर ने सीमा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी। समिति के सदस्यों ने सीमा मुद्दे पर अदालती लड़ाई के लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को धन्यवाद दिया। इस समय श्री दानवे, श्री चव्हाण, श्री ठाकुर ने मनोगत व्यक्त किया।

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