हड़पसर, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
अपने देश के स्वतंत्रता सेनानी आज की युवा पीढ़ी के लिए सही मायने में आदर्श होने चाहिए। देश के प्रति उनका जज्बा, त्याग और बलिदान का हमेशा स्मरण करें। देशभक्ति व एक राष्ट्रनिर्माण की नींव रखने में स्वतंत्रतासेनानियों द्वारा दिया गया योगदान हमारे जीवन में बहुत बहुमूल्य है। उनके विचारों को आत्मसात करते हुए हमें अपने भारत देश को आगे बढ़ाना है। यह विचार जिला परिषद के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक जाधव ने व्यक्त किए।
महात्मा फुले विद्यानिकेतन के ज्ञानप्रबोधिनी विद्यालय में जिला परिषद के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक जाधव के शुभ हाथों ध्वजारोहण किया गया, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां संस्था की अध्यक्षा स्मिता वाघ, संस्था के सचिव प्राचार्य रवींद्र वाघ, प्राचार्या नीशा गोसावी, डीटीएड की प्राचार्या उज्ज्वला सावंत, प्राचार्या कल्पना त्रिपाठी, को-ऑर्डिनेटर कल्पना लूक, प्रभारी मुख्याध्यापिका रेश्मा सातपुते, सुषमा कराले, अनिल दरेकर, संदीप पवार, आधार प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महेश ससाणे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
संस्था के सचिव प्राचार्य रवींद्र वाघ ने उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र अवस्था में क्रमिक पुस्तकों के साथ महान व्यक्तित्वों के विचार प्रेरणादायक है, उनकी आत्मकथाएं पढ़नी चाहिए। मोबाइल के अति उपयोग के कारण पढ़ने की संस्कृति कम हो रही है। अतिरिक्त पढ़ना भी महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम का सूत्र-संचालन अरविंद महाडिक व वैशाली कुंजीर और आभार प्रदर्शन दीपश्री वडूसकर ने किया।
अपने देश के स्वतंत्रता सेनानी आज की युवा पीढ़ी के लिए सही मायने में आदर्श होने चाहिए। देश के प्रति उनका जज्बा, त्याग और बलिदान का हमेशा स्मरण करें। देशभक्ति व एक राष्ट्रनिर्माण की नींव रखने में स्वतंत्रतासेनानियों द्वारा दिया गया योगदान हमारे जीवन में बहुत बहुमूल्य है। उनके विचारों को आत्मसात करते हुए हमें अपने भारत देश को आगे बढ़ाना है। यह विचार जिला परिषद के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक जाधव ने व्यक्त किए।
महात्मा फुले विद्यानिकेतन के ज्ञानप्रबोधिनी विद्यालय में जिला परिषद के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक जाधव के शुभ हाथों ध्वजारोहण किया गया, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां संस्था की अध्यक्षा स्मिता वाघ, संस्था के सचिव प्राचार्य रवींद्र वाघ, प्राचार्या नीशा गोसावी, डीटीएड की प्राचार्या उज्ज्वला सावंत, प्राचार्या कल्पना त्रिपाठी, को-ऑर्डिनेटर कल्पना लूक, प्रभारी मुख्याध्यापिका रेश्मा सातपुते, सुषमा कराले, अनिल दरेकर, संदीप पवार, आधार प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महेश ससाणे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
संस्था के सचिव प्राचार्य रवींद्र वाघ ने उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र अवस्था में क्रमिक पुस्तकों के साथ महान व्यक्तित्वों के विचार प्रेरणादायक है, उनकी आत्मकथाएं पढ़नी चाहिए। मोबाइल के अति उपयोग के कारण पढ़ने की संस्कृति कम हो रही है। अतिरिक्त पढ़ना भी महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम का सूत्र-संचालन अरविंद महाडिक व वैशाली कुंजीर और आभार प्रदर्शन दीपश्री वडूसकर ने किया।

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