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भारत को जापान की आधिकारिक विकास सहायता

    भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव श्री रजत कुमार मिश्रा और भारत में जापान के राजदूत श्री सुजुकी हिरोशी के बीच पत्रियों (नोट) का आदान-प्रदान किया गया। ये नोट 5,509 करोड़ रूपये (98.612 बिलियन जापानी येन) की पटना मेट्रो रेल निर्माण परियोजना (I), 520 करोड़ रुपये (9.308 बिलियन जापानी येन) की पश्चिम बंगाल में जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया के लिए वन व जैव विविधता संरक्षण परियोजना और 1055.53 करोड़ रुपये (18.894 बिलियन जापानी येन) की राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना (II) के लिए हैं।
    पटना मेट्रो रेल निर्माण परियोजना का उद्देश्य नए मेट्रो गलियारे 1 और 2 का निर्माण करके पटना में यातायात की बढ़ती मांग को पूरा करना है, जिससे शहरी पर्यावरण में सुधार और अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन को कम करने में योगदान मिलेगा।
    वहीं, पश्चिम बंगाल में जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया के लिए वन व जैव विविधता संरक्षण परियोजना का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को कम करना और इसके अनुकूल बनना, इकोसिस्टम आधारित जलवायु परिवर्तन उपायों के माध्यम से वातावरण को संरक्षित व फिर से स्थापित करना, जैव विविधता संरक्षण व उसकी बहाली, आजीविका सुधार गतिविधियां और संस्थागत सुदृढ़ीकरण है, जिससे यह राज्य में टिकाऊ सामाजिक- आर्थिक विकास में अपना योगदान दे सके।
    राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना का लक्ष्य पुरुष और महिला, दोनों किसानों की भागीदारी के आधार पर मौजूदा सिंचाई सुविधाओं व कृषि सहायता सेवाओं में सुधार के माध्यम से जल उपयोग दक्षता और कृषि उत्पादकता में सुधार करके किसानों की आजीविका में सुधार के साथ-साथ राज्य में कृषि व सिंचाई क्षेत्र में महिलाओं का सशक्तिकरण करना है, जिससे राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह इस परियोजना के लिए ऋण की दूसरी किश्त है।
    साल 1958 से भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय विकास सहयोग का एक लंबा और परिणामदायी इतिहास रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भारत और जापान के बीच आर्थिक सहयोग में लगातार प्रगति हुई है। यह भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और अधिक सुदृढ़ करता है।

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