मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में गढ़–किलों की तर्ज पर राज्य संरक्षित स्मारकों के स्थलों पर अतिक्रमण रोकने के लिए सांस्कृतिक कार्य मंत्री की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।
इस निर्णय के अनुसार सांस्कृतिक कार्य विभाग के 20 जनवरी 2025 के पूर्ववर्ती शासन निर्णय में गढ़–किलों पर अतिक्रमण हटाने संबंधी प्रावधानों का दायरा बढ़ाया गया है तथा अब इसमें राज्य संरक्षित स्मारकों को भी शामिल किया गया है।
राज्य के सभी गढ़–किलों तथा राज्य संरक्षित स्मारकों पर हुए अतिक्रमण हटाने और भविष्य में अतिक्रमण रोकने के लिए राज्य स्तरीय समिति के गठन को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी है। इस समिति के अध्यक्ष सांस्कृतिक कार्य मंत्री होंगे। समिति में राजस्व मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, पर्यटन मंत्री, सार्वजनिक बांधकाम मंत्री, वन मंत्री, बंदरगाह एवं विकास मंत्री तथा संबंधित विभागों के सचिव, प्रधान सचिव या अपर मुख्य सचिव सदस्य होंगे।
राज्य स्तरीय समिति में चार आमंत्रित सदस्यों को शामिल करने तथा प्रत्येक जिले में गठित की जाने वाली जिला स्तरीय समिति में चार अशासकीय सदस्यों को शामिल करने की भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। ये अशासकीय सदस्य गढ़–किलों और राज्य संरक्षित स्मारकों के अध्येता हों अथवा संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति, संस्था या स्वयंसेवी संगठन हों—ऐसी शर्त निर्धारित की गई है।
जिले के गढ़–किलों और राज्य संरक्षित स्मारकों पर अतिक्रमण रोकने तथा उन्हें हटाने की कार्रवाई संबंधित भूमि के स्वामित्व वाले विभाग के समन्वय से संबंधित जिलाधिकारी द्वारा की जाएगी। इसके लिए होने वाला व्यय जिला नियोजन एवं विकास निधि से किया जा सकेगा।
इस निर्णय के अनुसार सांस्कृतिक कार्य विभाग के 20 जनवरी 2025 के पूर्ववर्ती शासन निर्णय में गढ़–किलों पर अतिक्रमण हटाने संबंधी प्रावधानों का दायरा बढ़ाया गया है तथा अब इसमें राज्य संरक्षित स्मारकों को भी शामिल किया गया है।
राज्य के सभी गढ़–किलों तथा राज्य संरक्षित स्मारकों पर हुए अतिक्रमण हटाने और भविष्य में अतिक्रमण रोकने के लिए राज्य स्तरीय समिति के गठन को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी है। इस समिति के अध्यक्ष सांस्कृतिक कार्य मंत्री होंगे। समिति में राजस्व मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, पर्यटन मंत्री, सार्वजनिक बांधकाम मंत्री, वन मंत्री, बंदरगाह एवं विकास मंत्री तथा संबंधित विभागों के सचिव, प्रधान सचिव या अपर मुख्य सचिव सदस्य होंगे।
राज्य स्तरीय समिति में चार आमंत्रित सदस्यों को शामिल करने तथा प्रत्येक जिले में गठित की जाने वाली जिला स्तरीय समिति में चार अशासकीय सदस्यों को शामिल करने की भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। ये अशासकीय सदस्य गढ़–किलों और राज्य संरक्षित स्मारकों के अध्येता हों अथवा संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति, संस्था या स्वयंसेवी संगठन हों—ऐसी शर्त निर्धारित की गई है।
जिले के गढ़–किलों और राज्य संरक्षित स्मारकों पर अतिक्रमण रोकने तथा उन्हें हटाने की कार्रवाई संबंधित भूमि के स्वामित्व वाले विभाग के समन्वय से संबंधित जिलाधिकारी द्वारा की जाएगी। इसके लिए होने वाला व्यय जिला नियोजन एवं विकास निधि से किया जा सकेगा।

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