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40 प्रतिशत गांवों ने भारत में खुद को ओडीएफ प्लस घोषित किया

 केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्वच्छ भारत मिशन - ग्रामीण चरण- II के तहत केवल एक वर्ष में भारत में ओडीएफ प्लस गांवों में पांच गुना वृद्धि की उपलब्धि की सराहना कीजिसमें भारत के 40 प्रतिशत से अधिक लोग रहते हैं और इन गांवों ने खुद को ओडीएफ प्लस घोषित किया है। केंद्रीय मंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ओडीएफ प्लस गांव मार्च 2022 में 46,121 (7.4 प्रतिशतसे बढ़कर मार्च 2023 में 2,38,973 गांव (40.21 प्रतिशतहो गए। श्री शेखावत ने आगे कहा, “इनमें से 2,38,973 ओडीएफ प्लस गांवों में 1,60,709 ओडीएफ प्लस आकांक्षी श्रेणी में, 27,409 ओडीएफ प्लस राइजिंग श्रेणी में और 50,855 ओडीएफ प्लस मॉडल श्रेणी में हैं।
श्री शेखावत ने मार्च 2022 में केवल 46,480 की तुलना में 2.38 लाख से अधिक ओडीएफ प्लस गांव होने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सराहना की। संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 में अपनी हालिया भागीदारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “भारत ने दुनिया भर में पहचान अर्जित की है और स्वच्छता के क्षेत्र में इसे रोल मॉडल माना जाता है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीणजिसने पूरे ग्रामीण भारत में स्वच्छता की पहुंच सुनिश्चित कीवास्तव में एक गेम चेंजर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की वार्षिक कार्यान्वयन योजनाओं (एआईपी) पर विचार करने के लिए 28 मार्च, 2023 को हुई राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति (एनएसएससी) ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के बजट को मंजूरी दे दी है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए एसबीएम-जी चरण-II की  गतिविधियों के लिए 52,049 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय शेयर कोष में 14,030 करोड़ के अस्थायी आवंटन को लेकर राज्यों को सूचित कर दिया गया है।
राज्यों के प्रदर्शन पर मंत्री ने बताया कि तीन केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूहलक्षद्वीपदादरा और नगर हवेली और दमन और दीव ने न केवल ओडीएफ प्लस थेबल्कि उनके सभी गांव ओडीएफ प्लस मॉडल श्रेणी में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों के साथ तेलंगाना शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य है। इसके बाद 95.7 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों के साथ तमिलनाडु दूसरे और 93.7% ओडीएफ प्लस गांवों के साथ कर्नाटक तीसरे पायदान पर है।
दूसरी ओरउल्लेखनीय प्रगति करने वाले राज्य हिमाचल प्रदेश है जहां 2022 में 18% ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या 2023 में बढ़कर 79%  पर पहुंच गईइसके बाद मध्य प्रदेश है जहां 2022 में 6% ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या 2023 में बढ़कर 62% गईऔर उत्तर प्रदेश जहां 2022 में 2% ओडीएफ प्लस गांवों थे उनकी संख्या 2023 में बढ़कर 47% हो गई।

 

 राज्यों द्वारा कुल खर्च को लेकर केंद्रीय मंत्री ने 2022-23 के चालू वित्त वर्ष में सबसे अधिक फंड (90% से अधिक) खर्च करने के लिए के बिहार और यूपी के प्रयासों की सराहना की। श्री शेखावत ने वर्ष 2022-23 में एसबीएम-जी के तहत उपलब्धियों का उल्लेख किया जिसमें एसएलडब्ल्यूएम प्रगति को पकड़ने के लिए एसबीएम 2.0 मोबाइल ऐप का शुभारंभ शामिल हैएसएलडब्ल्यूएम में महिला एसएचजी को शामिल करना और उन्हें आय सृजन के अवसर प्रदान करनाठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) घटकों के लिए तकनीकी नियमावली और टूल किट जारी करनाएकीकृत धूसर जल प्रबंधन और मल कीचड़ प्रबंधन के लिए सुजलाम और रेट्रोफिट टू ट्विन पिट अभियानएसबीएम अकादमी - आईवीआरएस-आधारित (ऑनलाइन पाठ्यक्रम) और डीडीडब्ल्यूएस को गोबरधन के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग नामित किया जा रहा है।
श्री शेखावत ने गोबरधन पहल के महत्व को भी दोहराया। इसका उद्देश्य कचरे को धन में परिवर्तित करनाग्रामीण बायोडिग्रेडेबल कचरे का प्रबंधन करनाग्रामीण आय उत्पन्न करना और एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। गोबरधन के तहत उपलब्धि जो आज की तारीख में अन्य हितधारक मंत्रालयों के साथ समन्वय में कार्यान्वित की जा रही हैएसबीएम (जीके तहत 510 सामुदायिक गोबरधन परियोजनाओं को पूरा किया गया हैसाथ ही एमओपीएंडएनजी द्वारा एसएटीएटी के तहत 43 सीबीजी परियोजनाओं और एमएनआरई फंडिंग के तहत 36 परियोजनाओं को पूरा किया गया है। अंत मेंमंत्री ने 'संपूर्ण सरकारऔर 'संपूर्ण समाजदृष्टिकोण का आह्वान कियाजो 2024 तक 100% ओडीएफ प्लस गांवों या संपूर्ण स्वच्छता को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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