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नीरा डावा नहर की युद्धस्तर पर की जाएगी मरम्मत : कार्यकारी अभियंता राजेंद्र धोडपकर

पुणे, अप्रैल (जिमाका)
नीरा डावा नहर सिंचाई परियोजना का दायरा बहुत बड़ा है और चूंकि इस बारहमासी नहर पर पेयजल योजना है, इसलिए इसकी मरम्मत में मुश्किलें आ रही हैं। अगले 10 से 12 दिनों में युद्धस्तर पर मोरी के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत कर नहर सिंचाई को बहाल कर दिया जाएगा। पुणे सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता राजेंद्र धोडपकर ने अपील की है कि इस क्षेत्र के हितग्राही किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें।
नीरा डावा नहर पर कुल 85 वितरिकाएँ हैं। यह नहर वीर बांध से सड़कों, नालों और नालों को पार करते हुए पुरंदर, बारामती और इंदापुर तालुकों से होकर गुजरी है, इसलिए इस नहर पर 18 पानी के पुल, 90 जलमार्ग, 41 पुल, 9 साइफन हैं और ये सभी धनुषाकार पत्थर के निर्माण से बने हैं। नीरा डावा नहर का निर्माण 1882 से 1889 के बीच किया गया था। नीरा डावा नहर बारहमासी है तथा नहर पर सिंचाई एवं जल निकासी कार्यों (सीडी कार्य) के निर्माण को 138 वर्ष पूरे हो चुके हैं।
बारिश, धूप और हवा के प्राकृतिक चक्र के कारण नहर का निर्माण और भरना समय के साथ बिगड़ गया है। नहर पर संरचनाओं का जीवन काल तकनीकी रूप से समाप्त हो गया है। ये निर्माण जर्जर होने के कारण अचानक गिर जाते हैं। सिंचाई प्रबंधन के सुचारू संचालन के लिए बांधों और नहरों की दैनिक निगरानी, रखरखाव और समय पर मरम्मत की आवश्यकता है।
नहर के निर्माण की मरम्मत, भरने की मरम्मत और नहर चालू होने पर गाद को हटाने में कठिनाइयाँ होती हैं। इसके लिए नहर को बंद करना होगा। लेकिन नीरा डावा नहर बारहमासी है और नहर को बंद नहीं किया जा सकता, क्योंकि पेयजल योजनाएं इसी पर निर्भर हैं। इससे नहर की मरम्मत में दिक्कत आती है, जिससे समय पर नहर की मरम्मत नहीं हो पाती है।
नीरा डावा नहर का ग्रीष्मकालीन आवर्तन क्रमांक-1, एक मार्च से लगातार किया जा रहा है। जब नहर के ऊपरी भाग से सिंचाई चल रही थी तो देखा गया कि 13 मार्च 2023 को सा. क्रमांक 107/080 ग्राम के रायते माला के निकट बोरहोल संख्या 59 में नहर अचानक धंस गई। इस मूर से वितरण सं. संख्या 39 से 59 रबी सीजन में फसलों को 40 दिनों तक पानी दिया गया। इस वितरण के 14 हजार 197 हेक्टेयर में फसल को नुकसान न हो, इसके लिए 5 दिनों के भीतर युद्धस्तर पर टूटे हुए पाइप के हिस्से की मरम्मत कर नहर को सिंचाई के लिए तैयार किया गया था।
पिछले 15 दिनों में वितरिका संख्या 57 व 59 की सिंचाई पूरी कर दी गई। हालांकि 7 अप्रैल 2023 की सुबह देखा गया कि मोरी नंबर 59 से फिर से रिसाव शुरू हो गया। उक्त रिसाव उस स्थान पर नहीं है, जहां पूर्व में कार्य हुआ था, बल्कि उसके किनारे का निर्माण धराशायी हो रहा है। इस पाइप की मरम्मत का काम पूरा होने में करीब दो महीने का समय लगता है। यदि मरम्मत के लिए इतनी देर तक नहर को बंद रखा गया तो पानी के अभाव में फसलें जल जाएंगी, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा, इसलिए अगले 10 से 12 दिनों में मोरी के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत कर नहर से सिंचाई की जाएगी।
इस क्षेत्र के हितग्राही किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। पूरे छेद की मरम्मत के लिए पर्याप्त समय न होने के कारण मोरी क्रमांक 59 की मरम्मत संभव नहीं थी। इसमें किसी फील्ड कर्मचारी की गलती नहीं है। कार्यकारी अभियंता श्री राजेंद्र धोडपकर हालांकि ने हितग्राहियों से प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।

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