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लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक का पदभार ग्रहण किया

    लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने 30 सितंबर, 2023 को सीमा सड़क संगठन के 28वें महानिदेशक (डीजीबीआर) का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी की सेवानिवृत्ति के बाद यह पदभार ग्रहण किया है। डीजीबीआर के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले, जनरल ऑफिसर पुणे के कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग के कमांडेंट के पद पर नियुक्त थे।
    लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन राष्ट्रीय रक्षा अकादमीखडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमीदेहरादून के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 1987 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन प्राप्त हुआ था। वह अपनी शानदार सेवा के दौरान ऑपरेशन विजयऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन पराक्रम में भाग ले चुके है। उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रोंविशेष रूप से लद्दाखअरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेवा करने का महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त है।
    जनरल ऑफिसर ने अपने करियर में कई प्रमुख कमांड और स्टाफ नियुक्तियों पर कार्य किया है और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेजहायर कमांड और नेशनल डिफेंस कॉलेज पाठ्यक्रमों को पूरा किया है। उनकी उल्लेखनीय नियुक्तियों में58 इंजीनियर रेजिमेंट और 416 इंजीनियर ब्रिगेड की कमान शामिल हैं। उन्होंने रक्षा मंत्रालय (सेना) के मुख्यालय में उप महानिदेशकअनुशासन और सतर्कताकमांडेंट बंगाल इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर रुड़कीमुख्य अभियंता दक्षिणी कमान और रक्षा मंत्रालय (सेना) के आईएचक्यू में इंजीनियर-इन-चीफ शाखा में एडीजी जैसी नियुक्तियों पर भी काम किया है। वह भारतीय सैन्य सलाहकार दललुसाकाजाम्बिया और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षक भी रहे हैं। उनकी विशिष्ट सेवा के लिएउन्हें विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने पदभार ग्रहण करने के बाद बीआरओ कर्मियों को दिए अपने संदेश में सबसे चुनौतीपूर्ण और दुर्गम परिस्थितियों में महत्वपूर्ण सड़कों और संबद्ध अवसंरचना को बनाए रखने और निर्माण करने के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सशस्त्र बलों को सीमाओं की सुरक्षा करने और दूर-दराज के क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ने के अपने अभियान में निरंतर समर्पणलचीलापन और व्यावसायिकता का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
    सीमा सड़क संगठन की स्थापना 07 मई1960 को उत्तर और उत्तर-पूर्वी राज्यों के दूरदराज के क्षेत्रों में अवसंरचना के विकास के माध्यम से भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने के उद्देश्य से की गई थी। अपनी स्थापना के बाद सेबीआरओ ने 63,000 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों976 पुलोंछह सुरंगों और 21 एयरफील्ड का निर्माण किया है और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया है। पिछले एक वर्ष में बीआरओ ने आठ सीमावर्ती राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में 5,400 करोड़ रुपये की लागत से रिकॉर्ड 193 परियोजनाएं पूरी की हैं।

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