राज्य में नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या जैसे अमानवीय तथा मानवता को कलंकित करने वाले अपराधों में दोषियों को त्वरित और कठोर सजा मिले, इसके लिए राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है, यह जानकारी उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज विधानसभा में दी।
नासिक जिले के मालेगांव तालुका में तीन वर्षीय बच्ची के साथ हुए अत्याचार की घटना को विधानसभा सदस्य सुहास कांदे ने लक्षवेधी सूचना के माध्यम से सदन में उठाया था। इसके उत्तर में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने सरकार का पक्ष स्पष्ट किया।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि ऐसे गंभीर अपराधों में पुलिस द्वारा आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन न्याय प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न हो और अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगे, इस दृष्टि से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा संबंधित तंत्र के साथ चर्चा कर आवश्यक निर्णय लिए गए हैं।
मालेगांव तालुका के इस प्रकरण में तुरंत विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति की जाएगी और इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक अदालत में की जाएगी। सभी साक्ष्य और गवाहों के बयान समय पर एकत्र कर निर्धारित समयसीमा के भीतर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे, ऐसा भी उपमुख्यमंत्री शिंदे ने बताया।
उन्होंने कहा कि अत्यंत क्रूर, अमानवीय और समाज को झकझोर देने वाले अपराधों में दोषियों को फांसी तक की सजा दिलाने के लिए सरकार पूरी ताकत से प्रयास करेगी। ऐसे अपराधियों को स्थायी सबक मिलना चाहिए और समाज में कड़ा संदेश जाना चाहिए—यही राज्य सरकार की स्पष्ट भूमिका है, उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा।
इस लक्षवेधी सूचना पर हुई चर्चा के दौरान सदस्य योगेश सागर, अतुल भातखळकर, किशोर पाटील, बालाजी कल्याणकर और श्रीमती सना मलिक ने उपप्रश्न पूछे।
नासिक जिले के मालेगांव तालुका में तीन वर्षीय बच्ची के साथ हुए अत्याचार की घटना को विधानसभा सदस्य सुहास कांदे ने लक्षवेधी सूचना के माध्यम से सदन में उठाया था। इसके उत्तर में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने सरकार का पक्ष स्पष्ट किया।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि ऐसे गंभीर अपराधों में पुलिस द्वारा आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन न्याय प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न हो और अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगे, इस दृष्टि से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा संबंधित तंत्र के साथ चर्चा कर आवश्यक निर्णय लिए गए हैं।
मालेगांव तालुका के इस प्रकरण में तुरंत विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति की जाएगी और इस मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक अदालत में की जाएगी। सभी साक्ष्य और गवाहों के बयान समय पर एकत्र कर निर्धारित समयसीमा के भीतर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे, ऐसा भी उपमुख्यमंत्री शिंदे ने बताया।
उन्होंने कहा कि अत्यंत क्रूर, अमानवीय और समाज को झकझोर देने वाले अपराधों में दोषियों को फांसी तक की सजा दिलाने के लिए सरकार पूरी ताकत से प्रयास करेगी। ऐसे अपराधियों को स्थायी सबक मिलना चाहिए और समाज में कड़ा संदेश जाना चाहिए—यही राज्य सरकार की स्पष्ट भूमिका है, उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा।
इस लक्षवेधी सूचना पर हुई चर्चा के दौरान सदस्य योगेश सागर, अतुल भातखळकर, किशोर पाटील, बालाजी कल्याणकर और श्रीमती सना मलिक ने उपप्रश्न पूछे।

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