• यूनेस्को में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर प्रतिमा अनावरण को लेकर राजदूत विशाल शर्मा ने मुख्यमंत्री फडणवीस से भेंट की
मुंबई, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क) भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का यूनेस्को के मुख्यालय में स्थापित होना गौरवपूर्ण, ऐतिहासिक और वैश्विक स्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है, ऐसा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा। उन्होंने आगे कहा भारतीय संविधान के शिल्पकार, सामाजिक न्याय, समानता, बंधुता और मानवाधिकारों के वैश्विक प्रवक्ता के रूप में डॉ. आंबेडकर की पहचान है। शिक्षा ही सफलता की ओर ले जाने वाला साधन है—बाबासाहेब के इस संदेश को विश्वभरमें पहुचाने के उद्देश्य से भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा यूनेस्को को भेंट स्वरूप प्रदान की गई है।
यूनेस्को, पेरिस में भारत के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा यूनेस्को को भेंट किए जाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मंत्रालय में शिष्टाचार भेंट कर आभार व्यक्त किया। शर्मा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के मंच पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित होना भारत की 80 वर्षों की सदस्यता के इतिहास में पहली बार हुआ है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पहल से यूनेस्को में बाबासाहेब की प्रतिमा का अनावरण होना अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को बधाई दी।
केंद्र सरकार की ओर से संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर 2025 को यूनेस्को में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण राजदूत शर्मा द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में यूनेस्को के महानिदेशक, 50 से अधिक देशों के राजदूत तथा यूनेस्को सचिवालय के सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के संदेश पढ़कर सुनाए गए, जबकि मुख्यमंत्री फडणवीस ने वीडियो संदेश के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बाबासाहेब के समानता के संदेश और शिक्षा के महत्व को विश्वभर के युवाओं तक पहुचाने का यह राज्य और केंद्र सरकार का संयुक्त प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े देश के 12 किले—जिसमें 11 किले महाराष्ट्र में और एक तमिलनाडु में है—का यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होना राज्य के लिए अत्यंत गौरव की बात है। इस नामांकन का समारोह छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर शिवनेरी किले में भव्य रूप से आयोजित करने का शासन का मानस है।
राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की समृद्ध विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। शिवनेरी में उनकी जयंती पर भव्य आयोजन के माध्यम से उनका इतिहास आने वाली पीढ़ियों तक पहुचाया जाएगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा अर्थात “लोककल्याण के लिए ही राज्य”—इस विचार के साथ सुशासन के संदेश को जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए। साथ ही, दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में शामिल करते समय केवल दिखावे के बजाय उसके पीछे निहित मूल्यों पर ध्यान देकर सुशासन की अवधारणा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
किलों और विरासत आधारित विकास से 50 हजार से अधिक रोजगार सृजित होंगे और लगभग एक हजार करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इस संबंध में सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर इस अवसर पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री कार्यालय की अपर मुख्य सचिव अश्विनी भिड़े, सांस्कृतिक कार्य विभाग के सचिव किरण कुलकर्णी तथा राज्य पुरातत्त्व विभाग के निदेशक डॉ. तेजस गारगे इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सांस्कृतिक और पुरातत्त्व विभाग के अधिकारियों के साथ भी राजदूत शर्मा ने चर्चा की। राजदूत शर्मा चैत्यभूमि जाकर भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे।
यूनेस्को, पेरिस में भारत के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा यूनेस्को को भेंट किए जाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मंत्रालय में शिष्टाचार भेंट कर आभार व्यक्त किया। शर्मा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के मंच पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित होना भारत की 80 वर्षों की सदस्यता के इतिहास में पहली बार हुआ है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पहल से यूनेस्को में बाबासाहेब की प्रतिमा का अनावरण होना अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को बधाई दी।
केंद्र सरकार की ओर से संविधान दिवस के अवसर पर 26 नवंबर 2025 को यूनेस्को में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण राजदूत शर्मा द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में यूनेस्को के महानिदेशक, 50 से अधिक देशों के राजदूत तथा यूनेस्को सचिवालय के सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के संदेश पढ़कर सुनाए गए, जबकि मुख्यमंत्री फडणवीस ने वीडियो संदेश के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बाबासाहेब के समानता के संदेश और शिक्षा के महत्व को विश्वभर के युवाओं तक पहुचाने का यह राज्य और केंद्र सरकार का संयुक्त प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े देश के 12 किले—जिसमें 11 किले महाराष्ट्र में और एक तमिलनाडु में है—का यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होना राज्य के लिए अत्यंत गौरव की बात है। इस नामांकन का समारोह छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर शिवनेरी किले में भव्य रूप से आयोजित करने का शासन का मानस है।
राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की समृद्ध विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। शिवनेरी में उनकी जयंती पर भव्य आयोजन के माध्यम से उनका इतिहास आने वाली पीढ़ियों तक पहुचाया जाएगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा अर्थात “लोककल्याण के लिए ही राज्य”—इस विचार के साथ सुशासन के संदेश को जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए। साथ ही, दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में शामिल करते समय केवल दिखावे के बजाय उसके पीछे निहित मूल्यों पर ध्यान देकर सुशासन की अवधारणा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
किलों और विरासत आधारित विकास से 50 हजार से अधिक रोजगार सृजित होंगे और लगभग एक हजार करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इस संबंध में सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर इस अवसर पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री कार्यालय की अपर मुख्य सचिव अश्विनी भिड़े, सांस्कृतिक कार्य विभाग के सचिव किरण कुलकर्णी तथा राज्य पुरातत्त्व विभाग के निदेशक डॉ. तेजस गारगे इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सांस्कृतिक और पुरातत्त्व विभाग के अधिकारियों के साथ भी राजदूत शर्मा ने चर्चा की। राजदूत शर्मा चैत्यभूमि जाकर भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे।

0 टिप्पणियाँ