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प्रबोधन, प्रशिक्षण और शोध लोकतंत्र की समृद्धि की त्रिसूत्री : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

विधानमंडल में हुई चर्चाओं से बने कानूनों में जनमानस का प्रतिबिंब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

 नागपुर, दिसंबर 
(हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
    राष्ट्रमंडल संसदीय अध्ययन मंडल के माध्यम से राजनीति शास्त्र के विद्यार्थी प्रशिक्षण के लिए विधानमंडलों में आते हैं। इन विद्यार्थियों को कानून निर्माण की प्रक्रिया और संसदीय प्रणाली का अध्ययन करने का अवसर मिलता है। ऐसे प्रशिक्षण और प्रबोधन से ही लोकतंत्र समृद्ध होता है। इसलिए प्रबोधनप्रशिक्षण और शोधये तीनों समृद्ध लोकतंत्र की त्रिसूत्री हैंऐसा प्रतिपादन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया।
महाराष्ट्र विधान परिषद द्वारा पारित महत्वपूर्ण विधेयकोंठरावों और नीतियों पर आधारित       व्ही. एस. पागे संसदीय प्रशिक्षण केंद्र की ओर से प्रकाशित संदर्भ-समृद्ध ग्रंथ श्रृंखला के द्वितीय ग्रंथ का विमोचन आज विधान परिषद सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी के हाथों संपन्न हुआ।
इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति प्रो. राम शिंदेविधानसभा अध्यक्ष ऍड. राहुल नार्वेकरमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीसउपमुख्यमंत्री अजित पवारसंसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील तथा उपसभापति डॉ. नीलम गोऱ्हे उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जिस सभागृह ने 18 वर्षों तक उन्हें अनुभव-संपन्न बनाया और देश की सेवा करने का अवसर दियाउसी सभागृह में पुनः आने का सौभाग्य आज प्राप्त हुआ है। इस अवसर ने अनेक स्मृतियों को ताजा कर दिया। चर्चा के माध्यम से सामने वाले से राज्य के विकास हेतु आवश्यक बातों को निकालने का कौशल इसी सभागृह ने सिखाया। विधान परिषद में कानून निर्माण पर हुई चर्चाओं से प्रभावी कानून बने हैं। इस सभागृह में राज्य के विभिन्न प्रश्नों पर नियमों की लड़ाई जरूर हुईपरंतु व्यक्तिगत संबंधों में कभी कटुता नहीं आईयही हमारी लोकतांत्रिक परंपरा की समृद्धि है।
लोकतंत्र में संविधान ने अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया हैजिससे विकास के समान अवसर उपलब्ध हुए हैं। विधिमंडल ने लोकतंत्र की श्रेष्ठ परंपराओं का पालन किया है। इन ग्रंथों के माध्यम से सभागृह की वैचारिक विरासत नई पीढ़ी तक पहुँचेगी। इसलिए सभी को इन ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिएऐसा आवाहन भी केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने किया।
चर्चाओं से बने कानूनों में जनमानस का प्रतिबिंब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कानून निर्माण की प्रक्रिया में सभागृहों में होने वाली चर्चाएँ अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। इन्हीं चर्चाओं से परिपक्व और प्रभावी कानून बनते हैं। चर्चाओं से निर्मित कानूनों में जनमानस का प्रतिबिंब दिखाई देता है और ऐसे कानून निश्चित रूप से लोककल्याण के लिए उपयोगी सिद्ध होते हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधान परिषद के सदस्य थे। इस सभागृह ने अत्यंत बुद्धिमान और अनुभवी सदस्य दिए हैंजिनकी बुद्धिमत्ता और अनुभव का लाभ कानून निर्माण की प्रक्रिया में मिला है। इस सभागृह द्वारा पारित कानूनों और नीतियों पर आधारित समृद्ध ग्रंथसंपदा तैयार हो रही है। सभागृह के कार्यवृत्त और रिकॉर्ड का संरक्षण अत्यंत आवश्यक हैक्योंकि रिकॉर्ड के अभाव में हम अनेक ऐतिहासिक संदर्भों से वंचित रह गए हैं।
पश्चिमी देशों में रिकॉर्ड उपलब्ध होने के कारण हमें उनके संदर्भ लेने पड़ते हैं। हमारी लोकतांत्रिक परंपरा उनसे दो हजार वर्ष पुरानी होने के बावजूद रिकॉर्ड के अभाव में संदर्भ उपलब्ध नहीं होते। इतिहास का संकलन करना आवश्यक है। इसलिए सभागृह में दिए गए भाषणों और निर्मित कानूनों का संकलन कर प्रकाशित किया गया यह ग्रंथ सदैव एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में माना जाएगाऐसा विश्वास मुख्यमंत्री फडणवीस ने व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्य की भी सराहना करते हुए कहा कि 1950 के बाद पहली बार संविधान में उपलब्ध प्रावधानों का उपयोग कर राज्य के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए ठोस कदम उठाए गएजिससे विकास के अनुशेष को दूर करने के लिए शासन स्तर पर प्रभावी प्रयास संभव हुए।
राज्य के विकास में सभागृह का महत्वपूर्ण योगदान विधान परिषद सभापति प्रो. राम शिंदे
विधान परिषद सभापति प्रो. राम शिंदे ने कहा कि देश में द्विसदनीय व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण हैक्योंकि इससे प्रभावी कानून निर्माण संभव होता है। राज्य के विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चाओं के बाद बनने वाले कानून और नीतियाँ राज्य के विकास के लिए सहायक सिद्ध होती हैं। राज्य के विकास में विधान परिषद सभागृह का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि निर्दोष और प्रभावी कानून बनाने के लिए द्विसदनीय व्यवस्था अनिवार्य है। वरिष्ठ सभागृह के अनुभवी सदस्यों द्वारा की गई चर्चाओं के उपरांत बने कानून अत्यंत प्रभावशाली होते हैं। कानून निर्माण की प्रक्रिया को अधिकाधिक निर्दोष बनाना वरिष्ठ सभागृह की जिम्मेदारी हैइसलिए यहाँ हुई चर्चाएँ ऐतिहासिक महत्व रखती हैं।
प्रस्तावना में उपसभापति डॉ. नीलम गोऱ्हे ने व्ही. एस. पागे संसदीय प्रशिक्षण केंद्र के कार्यों तथा विधान परिषद के कानूनोंठरावों और नियमों पर आधारित ग्रंथों की जानकारी दी। ग्रंथ संपादन कार्य में योगदान देने वाले पत्रकार योगेश त्रिवेदीविलास मुकादम और किशोर आपटे का इस अवसर पर सत्कार किया गया।
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन विधानसभा अध्यक्ष ऍड. राहुल नार्वेकर ने कियाजबकि सूत्रसंचालन जनसंपर्क अधिकारी नीलेश मदाने ने किया। कार्यक्रम में मंत्रीगणविधिमंडल सदस्यपत्रकारअधिकारी तथा संसदीय अध्ययन वर्ग के विद्यार्थी उपस्थित थे।

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