हड़पसर,जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
वीनस वर्ल्ड स्कूल ने हड़पसर में पहली बार वीनस ट्रॉफी शतरंज प्रतियोगिता आयोजित करने का गौरव हासिल किया है। जिस प्रकार बच्चों के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान होता है उसी प्रकार शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रतिस्पर्धा के दौर में माता-पिता अपनी आय का 70% हिस्सा अपने बच्चों के भविष्य निर्माण में खर्च कर रहे हैं। शिक्षा ग्रहण करते समय अपना बेहतर स्वास्थ्य रहे इस पर भी छात्र ध्यान दें। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों पर भी ध्यान देना चाहिए। यह अपील मांजरी बुद्रुक के पूर्व सरपंच शिवराज घुले ने की।
वीनस वर्ल्ड स्कूल के प्रमुख माधव राउत की पहल पर वीनस वर्ल्ड स्कूल व पुणे जिला बुद्धिबल एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई जिलास्तरीय शतरंज प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां अनिरुद्ध देशपांडे, स्वप्निल धर्मे, क्रीड़ा प्रशिक्षक डॉ. महेश देशपांडे, महेश टेले व अन्य अतिथिगण प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
वीनस वर्ल्ड स्कूल व पुणे जिला बुद्धिबल एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई जिलास्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में 28 स्कूलों के भाग लेने के साथ दो सौ से अधिक प्रतियोगियों ने भाग लिया, जिसमें वीनस वर्ल्ड स्कूल के 42 बच्चों की भागीदारी विशेष आकर्षण रही। इस प्रतियोगिता में प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी चाल पूरी करने के लिए 15 मिनट का समय और प्रत्येक चाल के बाद 10 सेकंड की वृद्धि की जाती थी, इसलिए खिलाड़ियों को बहुत सावधानी से अपनी चाल चलनी थी। प्रतियोगिता 7, 9, 11, 13, 15, 17 आयु वर्ग और ओपन आयु वर्ग में आयोजित की गई थी। इस बार सात वर्ष के नीचे के गुट में श्रीमथ पोलोरी, समायरा थोरात, नौ साल वर्ष के नीचे के गुट क्षितिज प्रसाद, इरा बोहरा, ग्यारह वर्ष के नीचे के गुट ऋषिकेश साली, सची जैन, तेरा वर्ष के नीचे के गुट भुवन शितोले, प्रीति खंडेलवाल, पंद्रह वर्ष के नीचे के गुट कृशव शर्मा, स्वरांगी गायकवाड, सत्रह वर्ष के नीचे के गुट कौस्तुभ कोरुप्रोलू, तन्वी कुलकर्णी व ओपन आयु वर्ग में शाश्वत गुप्ता, मानसी टिलेकर ने क्रमश: प्रथम और द्वितीय पुरस्कार जीतकर सफलता प्राप्त की। विजेताओं को नकद पुरस्कार, ऑनर कप और मेडल देकर सम्मानित किया गया।
जिलास्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में केतन खैरे, विशाल लोंढे, पवन कटाकडे, प्रमोद चुरनार, सिद्धेश्वर केंद्रे व अन्य ने रेफरी के रूप में काम किया।
वीनस वर्ल्ड स्कूल ने हड़पसर में पहली बार वीनस ट्रॉफी शतरंज प्रतियोगिता आयोजित करने का गौरव हासिल किया है। जिस प्रकार बच्चों के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान होता है उसी प्रकार शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रतिस्पर्धा के दौर में माता-पिता अपनी आय का 70% हिस्सा अपने बच्चों के भविष्य निर्माण में खर्च कर रहे हैं। शिक्षा ग्रहण करते समय अपना बेहतर स्वास्थ्य रहे इस पर भी छात्र ध्यान दें। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों पर भी ध्यान देना चाहिए। यह अपील मांजरी बुद्रुक के पूर्व सरपंच शिवराज घुले ने की।
वीनस वर्ल्ड स्कूल के प्रमुख माधव राउत की पहल पर वीनस वर्ल्ड स्कूल व पुणे जिला बुद्धिबल एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई जिलास्तरीय शतरंज प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां अनिरुद्ध देशपांडे, स्वप्निल धर्मे, क्रीड़ा प्रशिक्षक डॉ. महेश देशपांडे, महेश टेले व अन्य अतिथिगण प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
वीनस वर्ल्ड स्कूल व पुणे जिला बुद्धिबल एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई जिलास्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में 28 स्कूलों के भाग लेने के साथ दो सौ से अधिक प्रतियोगियों ने भाग लिया, जिसमें वीनस वर्ल्ड स्कूल के 42 बच्चों की भागीदारी विशेष आकर्षण रही। इस प्रतियोगिता में प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी चाल पूरी करने के लिए 15 मिनट का समय और प्रत्येक चाल के बाद 10 सेकंड की वृद्धि की जाती थी, इसलिए खिलाड़ियों को बहुत सावधानी से अपनी चाल चलनी थी। प्रतियोगिता 7, 9, 11, 13, 15, 17 आयु वर्ग और ओपन आयु वर्ग में आयोजित की गई थी। इस बार सात वर्ष के नीचे के गुट में श्रीमथ पोलोरी, समायरा थोरात, नौ साल वर्ष के नीचे के गुट क्षितिज प्रसाद, इरा बोहरा, ग्यारह वर्ष के नीचे के गुट ऋषिकेश साली, सची जैन, तेरा वर्ष के नीचे के गुट भुवन शितोले, प्रीति खंडेलवाल, पंद्रह वर्ष के नीचे के गुट कृशव शर्मा, स्वरांगी गायकवाड, सत्रह वर्ष के नीचे के गुट कौस्तुभ कोरुप्रोलू, तन्वी कुलकर्णी व ओपन आयु वर्ग में शाश्वत गुप्ता, मानसी टिलेकर ने क्रमश: प्रथम और द्वितीय पुरस्कार जीतकर सफलता प्राप्त की। विजेताओं को नकद पुरस्कार, ऑनर कप और मेडल देकर सम्मानित किया गया।
जिलास्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में केतन खैरे, विशाल लोंढे, पवन कटाकडे, प्रमोद चुरनार, सिद्धेश्वर केंद्रे व अन्य ने रेफरी के रूप में काम किया।

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