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प्रधान नियंत्रक (रक्षा लेखा) दक्षिण कमान, पुणे कार्यालय में नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती कार्यक्रम का किया गया आयोजन

पुणे, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
प्रधान नियंत्रक (रक्षा लेखा) दक्षिण कमान, पुणे कार्यालय में दिनांक 23.01.2023 को अपराहन (04.00) बजे 126 वीं नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में डॉ. राजीव चव्हाण, भा.र.ले.से., एनडीसी, प्रधान नियंत्रक (रक्षा लेखा) दक्षिण कमान महोदय ने नेताजी की प्रतिमा को माल्यार्पण कर विनम्र अभिवादन एवं नमन किया। तत्पश्यात् श्रीमती पूजा भट, भा.र.ले.से., रक्षा लेखा वरिष्ठ उप नियंत्रक ने भी माल्यार्पण कर वंदन किया। कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमती सुनलिनी बोईड, भा.र.ले.से.,  रक्षा लेखा उपनियंत्रक, श्री पी बी अगरवाल, भा.र.ले.से., रक्षा लेखा सहायक नियंत्रक, श्री आलोक कुमार तिवारी, भा.र.ले.से., रक्षा लेखा सहायक नियंत्रक, श्री रमेश जाधव, भा.र.ले.से.,  रक्षा लेखा सहायक नियंत्रक तथा श्री स्वप्निल हनमाने, भा.र.ले.से., रक्षा लेखा सहायक नियंत्रक ने भी नेताजी की प्रतिमा को पुष्प अर्पित कर नमन किया।
उक्त अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राजीव चव्हाण, भा.र.ले.से., एनडीसी, प्रधान नियंत्रक (रक्षा लेखा) दक्षिण कमान, महोदय ने  नेताजी की 126 वीं जयंती पर सभागृह में उपस्थित सभी गणमान्य गणों को आजादी के पूर्व की पृष्ठभूमि और इस आजादी के लिए नेताजी द्वारा किए गए प्रयत्नों का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया। मुख्यत: उनके द्वारा किए गए योगदान एवं बलिदान के बारे में बताया। नेताजी के अतुलनीय व्यक्तिव का वर्णन करते हुए उन्होने अपने उद्बोधन में कहा कि नेताजी एक महान क्रांतिकारी, राष्ट्रभक्त, देशभक्त थे जो अजोड़ बुद्धिमत्ता, आत्मविश्वास व कर्मठ मनशक्ति के धनी थे। उन्होंने उस समय की अंग्रेजों द्वारा अति कठिन स्तर पर रची आईसीएस परीक्षा अत्यंत कुशलता से पास की थी। भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के पद को त्याग कर 1938 में उन्होने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होने जापान के सहयोग से आजाद हिन्द फौज का निर्माण किया था। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा यह उनका नारा जनसमान्य का नारा बन गया था। उनकी नवनिर्मित फौज ने अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में भी सर्वप्रथम आजाद हिन्द का तिरंगा फहराया था। उन्होने महिला ब्रिगेड ‘रानी लक्ष्मीबाई रेजीमेंट’ की स्थापना की थी जिसमें कैप्टन लक्ष्मी सहगल जी ने बहुत ही कर्मठता से अपनी ज़िम्मेदारी निभाई थी।
त्याग व बलिदान के प्रखर व्यक्तित्व को पुन: नमन करते हुए डॉ. राजीव चव्हाण, भा.र.ले.से., एनडीसी, प्रधान नियंत्रक (रक्षा लेखा) दक्षिण कमान, महोदय ने कहा कि हमें भी स्वयं का परीक्षण एवं आत्मचिंतन करते हुए यह विचार करना चाहिए कि अपने देश, समाज व कार्य के प्रति हम कितने कर्तव्यनिष्ठ, कर्तव्यपरायण व कटिबद्ध हैं। एक नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों के बारे में अधिक सजग रहने की सलाह सभी को देते हुए उन्होंने नतमस्तक होकर नेताजी को पुन: अभिवादन किया और अपनी वाणी को जयहिंद की उद्घोषणा के साथ विराम दिया। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन श्री बृजेश शुक्ल, ले.प. द्वारा किया गया।
यह जानकारी पुणे रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी श्री महेश अय्यंगार द्वारा दी गई है।

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