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पुणे-मिरज रेलवे की दूसरी लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण पूर्ण : रेलवे लाइन का काम भी अंतिम चरण में

जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख द्वारा जानकारी
पुणे, जनवरी (जिमाका) 

जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख के मार्गदर्शन में पुणे-मिरज रेल लाइन की दूसरी लाइन के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण का शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है और रेलवे लाइन का कार्य भी अंतिम चरण में है। कलेक्टर डॉ. देशमुख का मानना है कि डबल लाइन पर रेल यातायात शुरू होने के बाद किसानों, व्यापारियों और कर्मचारियों को आवागमन में आसानी होगी और क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
पुणे-मिरज रेलवे की दूसरी लाइन की कुल लंबाई 280 किमी है, जिसमें से पुणे जिले में प्रभावित लंबाई 35 किमी है। इसके लिए जिले के 14 गांवों में कुल 18 हेक्टेयर जमीन की जरूरत थी। इसमें पुरंदर तालुका के आंबले, बेलसर, धालेवाड़ी, दौंडज, पिंपले खुर्द, वाल्हा, पिसुर्टी, थोपटेवाड़ी, जेजुरी के 9 गांव, हवेली तालुका के लोणी कलभोर, फुरसुंगी और वलती के तीन गांव और दौंड तालुका के दो गांव डालिंब और ताम्हनवाड़ी शामिल हैं।
अधिग्रहित भूमि में से 13.10 हेक्टेयर आर निजी भूमि थी तो 0.3475 हेक्टेयर आर सरकारी जमीन और 4.55 हेक्टेयर. आर वन भूमि का तबादला कर दिया गया है। इस परियोजना के लिए कलेक्टर डॉ. देशमुख के मार्गदर्शन में डिप्टी कलेक्टर भूमि अधिग्रहण समन्वय प्रवीण सालुंके ने समन्वय बनाए रखते हुए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई को गति दी। दौंड-पुरंदर के अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद गायकवाड़ और हवेली के अनुमंडल पदाधिकारी संजय असावले ने 8 माह के भीतर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली। इससे परियोजना की प्रगति में तेजी आई है। राजस्व, वन विभाग, रेलवे के साथ-साथ नगर नियोजन एवं मूल्यांकन विभागों के समुचित समन्वय के कारण रेलवे तेजी से इस जमीन का कब्जा हासिल करने में सफल रहा।
रेलवे विभाग ने विस्तार के लिए आवश्यक भूमि को पहले ही अपने कब्जे में ले लिया है और काम लगभग पूरा कर लिया है। पुणे/ घोरपडी-सासवड रोड, सासवड रोड-फुरसुंगी, फुरसुंगी-आलंदी, दौंडज-वाल्हा, आलंदी-शिंदवणे, आंबले-राजेवाड़ी, राजेवाड़ी-जेजुरी, जेजुरी-दौंडज और वाल्हा-नीरा ब्लॉक खंड में काम लगभग शत प्रतिशत पूरा हो चुका है। रेल विभाग ने बताया है कि तटबंध, छोटे-बड़े पुल, रेलवे क्रासिंग ब्रिज, अंडरपास आदि का कार्य प्रगति पर है।
भूस्वामियों को 47 करोड़ रुपये का मुआवजा
इस परियोजना के लिए बातचीत के माध्यम से निजी भूमि की खरीद की प्रक्रिया जून 2022 तक पूरी कर ली गई थी। जुलाई 2022 से शेष निजी भूमि को अनिवार्य रूप से अधिग्रहित करने की प्रक्रिया तेजी से की गई। 20 अक्टूबर तक 6 गांवों के भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी गई और 30 नवंबर तक अंतिम निर्णय की घोषणा कर दी गई। इनमें से एक गांव रहेल्या वाल्हे के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना 30 नवंबर को जारी की गई थी और फैसले की घोषणा हाल ही में की गई थी। इसके लिए कुल भूमि क्रय एवं भूमि अधिग्रहण के लिए भू-स्वामियों को 47 करोड़ 40 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।
दोहरी रेल लाइन से रेल यातायात को गति मिलने से दैनिक यात्रियों, कर्मचारियों, व्यवसायियों आदि को लाभ होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि जैसे-जैसे यात्रा का समय कम होगा, कृषि उपज और अन्य खराब होने वाली वस्तुएं बाजार में जल्दी पहुंचेंगी और नुकसान कम होगा और माल की अधिक कीमत मिलेगी। दोहरी रेल लाइन होने से रेलवे लाइन पर ग्रामीणों को होने वाली असुविधा दूर होगी क्योंकि क्रासिंग समय की बचत होगी।

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