जी20 के फ्रेमवर्क के तहत, पर्यटन मंत्रालय गुजरात के कच्छ के रण में 7 से 9 फरवरी, 2023 तक अपनी पहली पर्यटन कार्य समूह की बैठक आयोजित करेगा। पर्यटन मंत्रालय के सचिव श्री अरविंद सिंह ने आज नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि जी20 में पर्यटन के लिए 5 अंतर संबंधित प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। तदनुसार, इन पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर जोर दिया जाएगा अर्थात पर्यटन क्षेत्र को हरित बनाना, डिजिटलीकरण की शक्ति का उपयोग करना, युवाओं को कौशल के साथ सशक्त बनाना, पर्यटन क्षेत्र के एमएसएमई/स्टार्टअप को बढ़ावा देना और पर्यटन गंतव्यों के रणनीतिक प्रबंधन पर पुनर्विचार करना। उन्होंने आगे बताया कि कार्य समूह की पहली बैठक के दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण और पुरातत्व पर्यटन पर अतिरिक्त कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान विदेशी प्रतिनिधियों को भारतीय पर्यटन की सफलता की कहानियां भी दिखाई जाएंगी।
सचिव ने बताया कि जी20 मंच के माध्यम से प्राथमिकताओं में से एक 2030 तक एसडीजी लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाएगा, इस पर आम सहमति तक पहुंचना है। इसके एक हिस्से के रूप में, स्थायी पर्यटन पर जोर दिया जाएगा जो न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि स्थानीय उद्यम के लिए अवसर पैदा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
श्री अरविंद सिंह ने कहा कि जी20 वैश्विक स्तर पर भारत की पर्यटन क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा क्योंकि 55 विभिन्न स्थानों पर बैठकों के प्रतिनिधियों को भारतीय संस्कृति और पर्यटन स्थलों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कच्छ के रण के प्रतिनिधियों को धोलावीरा ले जाया जाएगा जो यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल है और इसके माध्यम से हमारे देश और अन्य देशों में लोगों को ऐसे स्थलों के बारे में पता चलेगा जो पर्यटन को बढ़ाने में मदद करेंगे।
सचिव ने यह भी कहा कि स्थानीय आबादी के आतिथ्य और प्रबंधन कौशल में सुधार, विशेष रूप से युवा जो पर्यटकों के आगमन में बहुत संख्या में होंगे, भी एक एजेंडा है। यही चीज वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की प्रमुख झलकियों में से एक रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रतिनिधियों के समक्ष स्थानीय कलाओं और हस्तशिल्प का लाइव प्रदर्शन होगा और प्रतिनिधियों को विदाई उपहार एक जिला एक उत्पाद पहल के तहत दिया जाएगा।
श्री अरविन्द सिंह ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि जी20 की अध्यक्षता का लाभ उठाने के लिए पर्यटन से जुड़े 3 मेगा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें अप्रैल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, एमआईसीई कन्वेंशन और वर्ल्ड टूरिज्म सीईओ फोरम की बैठक शामिल हैं। ये जी20 संबंधित कार्यक्रमों के अतिरिक्त होने वाले कार्यक्रम हैं।
सचिव ने यह भी कहा कि स्थानीय आबादी के आतिथ्य और प्रबंधन कौशल में सुधार, विशेष रूप से युवा जो पर्यटकों के आगमन में बहुत संख्या में होंगे, भी एक एजेंडा है। यही चीज वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की प्रमुख झलकियों में से एक रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रतिनिधियों के समक्ष स्थानीय कलाओं और हस्तशिल्प का लाइव प्रदर्शन होगा और प्रतिनिधियों को विदाई उपहार एक जिला एक उत्पाद पहल के तहत दिया जाएगा।
श्री अरविन्द सिंह ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि जी20 की अध्यक्षता का लाभ उठाने के लिए पर्यटन से जुड़े 3 मेगा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें अप्रैल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, एमआईसीई कन्वेंशन और वर्ल्ड टूरिज्म सीईओ फोरम की बैठक शामिल हैं। ये जी20 संबंधित कार्यक्रमों के अतिरिक्त होने वाले कार्यक्रम हैं।


श्री अरविंद सिंह ने यह भी बताया कि शिखर सम्मेलन के अंत में विभिन्न देशों द्वारा जी-20 बैठकों के दौरान आगे बढ़ने के लिए सहमत दिशा-निर्देशों को शामिल करते हुए मंत्रिस्तरीय परिपत्र प्रस्तुत किया जाएगा। जी20 आयोजनों के लिए चुने गए विभिन्न स्थानों में ग्रामीण, पुरातात्विक, ऐतिहासिक आदि जैसे विविध क्षेत्र शामिल होंगे।
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