हड़पसर, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
छत्रपति शिवाजी महाराज केवल महाराष्ट्र, हिन्दुओं के ही नहीं बल्कि सभी भारतीयों के साथ-साथ पूरी दुनिया के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज बहादुर, बुद्धिमान, राजनयिक, परोपकारी और धर्मी राजा थे। उनका इतिहास बहादुरी और साहस के साथ-साथ उदारता का भी है। उनका राज्य केवल एक जाति का नहीं, बल्कि गरीब जनता का था। यह विचार पुणे शहर कांग्रेस कमेटी के संघटक व दीया फाउंडेशन के अध्यक्ष इमरान शेख ने व्यक्त किए।
जनता के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श लेकर पुणे शहर कांग्रेस कमेटी के संघटक व दीया फाउंडेशन के अध्यक्ष इमरान शेख ने छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों का अनुसरण करते हुए दीया फाउंडेशन के माध्यम से विधवा महिलाओं को मदद का हाथ देकर छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती एक अनोखे तरीके से मनाते हुए एक आदर्श समाज के समक्ष रखते हुए महिलाओं को आदर और सम्मान का स्थान देना चाहिए यह भावना समाज के सामने रखी है। दीया फांउडेशन के जनसंपर्क कार्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पहार इमरान शेख के शुभ हाथों अर्पित किया गया, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां अब्दुल खुद्दुस, बापू मिरेकर, नइम पटेल, अलीम बागवान और दीया फाउंडेशन के सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इमरान शेख ने आगे कहा कि शिवराय ने अपने राज्य में कभी भेदभाव नहीं किया। छत्रपति शिवाजी महाराज का आदेश था कि स्वराज और विदेशी राज्यों की महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। छत्रपति शिवाजी महाराज ने मां जीजाऊसाहब से सलाह ली, इससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं ने स्वराज्य के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लिया। शिवराय का दृढ़ विश्वास था कि महिलाएं बुद्धिमान, साहसी और सक्षम भी होती हैं। शिवाजी महाराज स्त्री-पुरुष में भेद नहीं करते थे। उन्होंने हमेशा महिलाओं के सम्मान, आदर और अवसर देने का काम किया। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती इस वर्ष हम हर्षोल्लास से मना सकते हैं क्योंकि कोरोना का प्रसार कम हुआ है। छत्रपति शिवाजी महाराज बड़े चरित्रवान थे। वह दुनिया के इतिहास में एकमात्र राजा हैं। शिवाजी महाराज हमेशा एक ही शब्द ‘जनता का स्वराज्य’ का प्रयोग करते थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज केवल महाराष्ट्र, हिन्दुओं के ही नहीं बल्कि सभी भारतीयों के साथ-साथ पूरी दुनिया के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज बहादुर, बुद्धिमान, राजनयिक, परोपकारी और धर्मी राजा थे। उनका इतिहास बहादुरी और साहस के साथ-साथ उदारता का भी है। उनका राज्य केवल एक जाति का नहीं, बल्कि गरीब जनता का था। यह विचार पुणे शहर कांग्रेस कमेटी के संघटक व दीया फाउंडेशन के अध्यक्ष इमरान शेख ने व्यक्त किए।
जनता के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श लेकर पुणे शहर कांग्रेस कमेटी के संघटक व दीया फाउंडेशन के अध्यक्ष इमरान शेख ने छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों का अनुसरण करते हुए दीया फाउंडेशन के माध्यम से विधवा महिलाओं को मदद का हाथ देकर छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती एक अनोखे तरीके से मनाते हुए एक आदर्श समाज के समक्ष रखते हुए महिलाओं को आदर और सम्मान का स्थान देना चाहिए यह भावना समाज के सामने रखी है। दीया फांउडेशन के जनसंपर्क कार्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पहार इमरान शेख के शुभ हाथों अर्पित किया गया, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां अब्दुल खुद्दुस, बापू मिरेकर, नइम पटेल, अलीम बागवान और दीया फाउंडेशन के सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इमरान शेख ने आगे कहा कि शिवराय ने अपने राज्य में कभी भेदभाव नहीं किया। छत्रपति शिवाजी महाराज का आदेश था कि स्वराज और विदेशी राज्यों की महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। छत्रपति शिवाजी महाराज ने मां जीजाऊसाहब से सलाह ली, इससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं ने स्वराज्य के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लिया। शिवराय का दृढ़ विश्वास था कि महिलाएं बुद्धिमान, साहसी और सक्षम भी होती हैं। शिवाजी महाराज स्त्री-पुरुष में भेद नहीं करते थे। उन्होंने हमेशा महिलाओं के सम्मान, आदर और अवसर देने का काम किया। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती इस वर्ष हम हर्षोल्लास से मना सकते हैं क्योंकि कोरोना का प्रसार कम हुआ है। छत्रपति शिवाजी महाराज बड़े चरित्रवान थे। वह दुनिया के इतिहास में एकमात्र राजा हैं। शिवाजी महाराज हमेशा एक ही शब्द ‘जनता का स्वराज्य’ का प्रयोग करते थे।

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