
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण है, जिसमें सबकी रूचि बढ़े, युवाओं का भी इसके प्रति आकर्षण हो, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। कृषि क्षेत्र में आजीविका है, लेकिन साथ ही इसमें किसानों की देशभक्ति भी है, वह इसलिए क्योंकि कृषि उत्पादन के बिना काम नहीं चल सकता। कृषि क्षेत्र में अनेक चुनौतियां है, जिनका समाधान करने के लिए टेक्नालाजी का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार, राज्यों के सहयोग से सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है। महंगी फसलों की ओर बढ़ना, फसल विविधीकरण, उपज बिक्री में बिचौलियों की समाप्ति जैसी अनेक चुनौतियों से योजनाबद्ध ढंग से निपटा जा रहा है। श्री तोमर ने कहा कि वैज्ञानिकों ने कृषि क्षेत्र में काफी काम किया है, वहीं किसानों के अथक परिश्रम के साथ ही सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण कृषि में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में हिंदुस्तान आज विश्व में पहले या दूसरे नंबर पर है, जिसे सभी मिलकर और अग्रणी बनाएं। दुनिया की भारत से खाद्यान्न को लेकर काफी अपेक्षाएं है, जिसे हम पूरा कर रहे हैं और आगे भी करते रहना है। कृषि अनुसंधान निरंतरता का क्रम है, वहीं किसानों की मेहनत और सरकार के प्रयासों में भी कहीं कोई कमी नहीं है। आजीविका के लिए नौकरी जरूरी है, लेकिन साथ ही कृषि क्षेत्र को और बेहतर करना भी जरूरी है, क्योंकि इस पर देश की 56 प्रतिशत आबादी निर्भर है।

श्री तोमर ने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा-एग्री बिज़नेस मैनेजमेंट के विद्यार्थियों को डिप्लोमा और मेधावी विद्यार्थियों को पदक दिए। नियाम द्वारा प्रशिक्षित व अनुदानित स्टार्टअप के प्रोडक्ट्स भी श्री तोमर ने लांच किए एवं अनुदान के चेक वितरित किए। स्टार्टअप की प्रदर्शनी व प्रोडक्ट्स डिस्प्ले भी आयोजन हुई, जिसमें नियाम द्वारा प्रशिक्षित व अनुदानित स्टार्टअप ने भाग लिया।
इस मौके पर नियाम के सहभागी संस्थानों को स्टार्टअप प्रशिक्षण व फंडिंग में उनके प्रदर्शन के आधार पर अवार्ड वितरित किए गए, जिनमें श्री करण नरेंद्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी जोबनेर को प्लेटिनम अवार्ड, नेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट कटक (ओडिशा) को डायमंड अवार्ड व बिहार एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी साबोर को गोल्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया। श्री तोमर ने एग्री इनोवेशन व इन्क्यूबेशन सेंटर की वेबसाइट लांच की, फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन बिज़नेस स्कूल व स्मार्ट क्लास रूम का उद्घाटन किया एवं इंडो-जर्मन प्रोजेक्ट की जानकारी ली। नियाम के 9 प्रकाशनों का विमोचन भी किया।
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