नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने दिनांक 20 फरवरी 2023 को कोच्चि में आईएनएस निरीक्षक का दौरा किया। उन्होंने अरब सागर में 219 मीटर की गहराई पर बचाव कार्यों में शामिल जहाज की डाइविंग टीम के साथ बातचीत की और सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुरक्षित और सफल सैन्य ऑपेरशन के लिए जहाज की सराहना की। यह देश की जलसीमा में सबसे अधिक गहराई में किया गया सॉल्वेज ऑपेरशन है। जहाज के चालक दल को अपने संबोधन के दौरान नौसेना प्रमुख ने डीप डाइविंग ऑपेरशन के लिए जहाज के समर्पित प्रयास की सराहना की। उन्होंने 'मेन बिहाइंड द मशीन' की अदम्य भावना का आह्वान किया।
सीएनएस ने जहाज को 'ऑन द स्पॉट' यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया, जो भारतीय नौसेना में पहली बार हुआ है। उन्होंने बचाव कार्य में शामिल चालक दल को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। निरीक्षक जहाज ने हाल ही में 80 मीटर की गहराई पर गुजरात तट पर एक पवित्र गोता लगाया था और पुष्पांजलि अर्पित की थी, यह स्थान 1971 के युद्ध के दौरान डूबी खुखरी का रेस्टिंग स्थल था।
आईएनएस निरीक्षक भारतीय नौसेना का एक डाइव सपोर्ट और पनडुब्बी बचाव पोत है। वर्ष 1985 में मझगाँव शिपबिल्डर्स द्वारा निर्मित यह जहाज 1989 से नौसेना के साथ सेवा में है और वर्ष 1995 में इसको नौसेना में कमीशन किया गया था। आईएनएस निरीक्षक विभिन्न डाइविंग ऑपरेशनों का हिस्सा रहा है और देश में सर्वाधिक 257 मीटर की गहराई में गोता लगाने का रिकॉर्ड भी इसके नाम है।
सीएनएस ने जहाज को 'ऑन द स्पॉट' यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया, जो भारतीय नौसेना में पहली बार हुआ है। उन्होंने बचाव कार्य में शामिल चालक दल को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। निरीक्षक जहाज ने हाल ही में 80 मीटर की गहराई पर गुजरात तट पर एक पवित्र गोता लगाया था और पुष्पांजलि अर्पित की थी, यह स्थान 1971 के युद्ध के दौरान डूबी खुखरी का रेस्टिंग स्थल था।
आईएनएस निरीक्षक भारतीय नौसेना का एक डाइव सपोर्ट और पनडुब्बी बचाव पोत है। वर्ष 1985 में मझगाँव शिपबिल्डर्स द्वारा निर्मित यह जहाज 1989 से नौसेना के साथ सेवा में है और वर्ष 1995 में इसको नौसेना में कमीशन किया गया था। आईएनएस निरीक्षक विभिन्न डाइविंग ऑपरेशनों का हिस्सा रहा है और देश में सर्वाधिक 257 मीटर की गहराई में गोता लगाने का रिकॉर्ड भी इसके नाम है।
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