सिंहगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय का टेरेस गार्डन उद्घाटित : हर क्षेत्रीय कार्यालय में तैयार किए जाएं ऐसे गार्डन
पुणे, फरवरी (जिमाका)
पुणे महानगरपालिका के सिंहगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय, साईं जनसेवा प्रतिष्ठान और ग्रीन विजन मैनेजमेंट द्वारा संयुक्त रूप से गीले कचरे से तैयार किए गए टैरेस गार्डन का उद्घाटन राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री और जिला पालक मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल ने किया।
कार्यक्रम में विधायक भीमराव तपकीर, मनपा आयुक्त विक्रम कुमार, अपर आयुक्त कुणाल खेमनार, उपायुक्त आशा राउत, वनराई संस्थान के रवींद्र धारिया, साईं जनसेवा फाउंडेशन के सूरज लोखंडे, ग्रीन विजन मैनेजमेंट की गीता मेहरकर, सहायक आयुक्त प्रदीप आव्हाड आदि उपस्थित थे।
पालक मंत्री श्री पाटिल ने इस मौके पर कहा कि हम अलग-अलग तरीकों से कचरे को खत्म कर स्वच्छ भारत की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। इस प्रतियोगिता में पुणे शहर का प्रदर्शन बढ़ाने की जरूरत है। एक सोसाइटी को एक गांव मानकर विभागवार स्वच्छता के लिए प्रयत्न होना आवश्यक है। उन्होंने आग्रह किया कि गीला और सूखा कचरा प्रबंधन पर नियमावली नागरिकों को वितरित की जानी चाहिए और उन्हें आश्वस्त किया जाना चाहिए कि कचरे का सदुपयोग किया जा सकता है।
पालक मंत्री ने यह भी आग्रह किया कि नगर निगमों के सभी भवनों पर ऐसी परियोजनाएं शुरू की जाएं और जनप्रतिनिधियों को भी ऐसी अभिनव गतिविधियों के लिए पहल करनी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पुणे महानगरपालिका द्वारा लागू की गई पहल सराहनीय है और इसके माध्यम से नागरिकों को भी पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पुणे महानगरपालिका के सिंहगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय, साईं जनसेवा प्रतिष्ठान और ग्रीन विजन मैनेजमेंट द्वारा संयुक्त रूप से गीले कचरे से तैयार किए गए टैरेस गार्डन का उद्घाटन राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री और जिला पालक मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल ने किया।
कार्यक्रम में विधायक भीमराव तपकीर, मनपा आयुक्त विक्रम कुमार, अपर आयुक्त कुणाल खेमनार, उपायुक्त आशा राउत, वनराई संस्थान के रवींद्र धारिया, साईं जनसेवा फाउंडेशन के सूरज लोखंडे, ग्रीन विजन मैनेजमेंट की गीता मेहरकर, सहायक आयुक्त प्रदीप आव्हाड आदि उपस्थित थे।
पालक मंत्री श्री पाटिल ने इस मौके पर कहा कि हम अलग-अलग तरीकों से कचरे को खत्म कर स्वच्छ भारत की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। इस प्रतियोगिता में पुणे शहर का प्रदर्शन बढ़ाने की जरूरत है। एक सोसाइटी को एक गांव मानकर विभागवार स्वच्छता के लिए प्रयत्न होना आवश्यक है। उन्होंने आग्रह किया कि गीला और सूखा कचरा प्रबंधन पर नियमावली नागरिकों को वितरित की जानी चाहिए और उन्हें आश्वस्त किया जाना चाहिए कि कचरे का सदुपयोग किया जा सकता है।
पालक मंत्री ने यह भी आग्रह किया कि नगर निगमों के सभी भवनों पर ऐसी परियोजनाएं शुरू की जाएं और जनप्रतिनिधियों को भी ऐसी अभिनव गतिविधियों के लिए पहल करनी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पुणे महानगरपालिका द्वारा लागू की गई पहल सराहनीय है और इसके माध्यम से नागरिकों को भी पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
यह है प्रोजेक्ट....
गीले कचरे के आसान निपटान और नागरिकों के लाभ के लिए सिंहगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की छत पर एक ‘टेरेस गार्डन’ परियोजना बनाई गई है। इस परियोजना में प्रतिदिन 30 लीटर की 100 बाल्टियों में 300 किलोग्राम गीले कचरे का प्रसंस्करण किया जा रहा है।
रोजाना गीला कचरा पुणे महानगरपालिका के कर्मचारी लाते हैं और बची हुई सब्जी और फूलों का कचरा वडगांव सब्जी मंडी से आता है। बाल्टी में कचरा इकट्ठा करते समय बाल्टी के तल में सात से आठ छेद किए जाते हैं, बाल्टी के तल में ईंट के टुकड़े, नारियल के गोले, बायोकल्चर और गीले कचरे को फिर से पौधों की परतों से भर दिया जाता है।
इस उद्यान में फलदार, फूलदार व तुलसी के पौधे भी लगाए गए हैं। गीले कचरे को बाल्टी में डेढ़ साल तक पचाया जा सकता है और जमा खाद को हटाकर दोबारा लगाया जा सकता है। इस तरह की परियोजना के कारण नागरिकों के लिए घर या समाज के स्तर पर गीले कचरे का निपटान करना और आसान हो जाता है। यदि बड़े समाज भवन की छत पर इस तरह का प्रोजेक्ट करते हैं तो उनके गीले कचरे को घर में ही निपटाने में काफी मदद मिलेगी।
गीले कचरे के आसान निपटान और नागरिकों के लाभ के लिए सिंहगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की छत पर एक ‘टेरेस गार्डन’ परियोजना बनाई गई है। इस परियोजना में प्रतिदिन 30 लीटर की 100 बाल्टियों में 300 किलोग्राम गीले कचरे का प्रसंस्करण किया जा रहा है।
रोजाना गीला कचरा पुणे महानगरपालिका के कर्मचारी लाते हैं और बची हुई सब्जी और फूलों का कचरा वडगांव सब्जी मंडी से आता है। बाल्टी में कचरा इकट्ठा करते समय बाल्टी के तल में सात से आठ छेद किए जाते हैं, बाल्टी के तल में ईंट के टुकड़े, नारियल के गोले, बायोकल्चर और गीले कचरे को फिर से पौधों की परतों से भर दिया जाता है।
इस उद्यान में फलदार, फूलदार व तुलसी के पौधे भी लगाए गए हैं। गीले कचरे को बाल्टी में डेढ़ साल तक पचाया जा सकता है और जमा खाद को हटाकर दोबारा लगाया जा सकता है। इस तरह की परियोजना के कारण नागरिकों के लिए घर या समाज के स्तर पर गीले कचरे का निपटान करना और आसान हो जाता है। यदि बड़े समाज भवन की छत पर इस तरह का प्रोजेक्ट करते हैं तो उनके गीले कचरे को घर में ही निपटाने में काफी मदद मिलेगी।


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