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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी के भुगतान का मिक्स्ड मोड एबीपीएस और एनएसीएच के माध्यम से 31 मार्च तक जारी रहेगा

भारत सरकार प्रत्येक लाभार्थी को समय पर पारिश्रमिक भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
भारत सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एनआरईजीएसके तहत श्रमिकों को प्राप्त होने वाले पारिश्रमिक के लिए राज्यों के अनुरोध पर भुगतान प्रणाली हेतु मिक्स्ड मॉडल को 31 मार्च, 2023 तक जारी रखने का फैसला किया है। इस योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक लाभार्थी को उसकी मजदूरी का भुगतान आधार संख्या पर आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएसके अलावा श्रमिकों की एबीपीएस स्थिति के आकलन पर नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (एनएसीएचका इस्तेमाल करके किया जा रहा है।
पारिश्रमिक का भुगतान करने में उपयोग किए जाने वाले दो माध्यम होते हैं:
पहलाआधार संख्या पर आधारित भुगतान प्रणालीयदि मजदूर एबीपीएस से जुड़ा हुआ है तो उसका श्रम भुगतान केवल एबीपीएस के माध्यम से किया जा सकता है।
दूसरानेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउसयदि श्रमिक किन्हीं तकनीकी कारणों या फिर अन्य वजहों से एबीपीएस से जुड़ा हुआ नहीं हैतो संबंधित अधिकारी उसके पारिश्रमिक के भुगतान के लिए एनएसीएच को दूसरे माध्यम के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जुड़े हुए कामकाजी श्रमिकों की संख्या लगभग 14.96 करोड़ है। भारत सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को उसके पारिश्रमिक भुगतान की उपलब्धता समय पर सुनिश्चित करने के लिए वचनबद्ध है। कुल 14.96 करोड़ मजदूरों में से 14.27 करोड़ श्रमिकों (95.4%) की आधार संख्या नरेगासॉफ्ट में अपडेट कर दी गई हैइनमें से कुल 10.05 करोड़ लाभार्थियों को एबीपीएस के तहत पंजीकृत किया गया है।
फरवरी 2023 में पारिश्रमिक भुगतान के लिए कुल 4.60 करोड़ लेनदेन किये गए थेइनमें से कुल 3.57 करोड़ भुगतान ( करीब 77.6%) एबीपीएस के माध्यम से हुए थे।
आधार संख्या पर आधारित भुगतान प्रणाली को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी का समय पर भुगतान प्रदान करने के लिए नए विकल्पों में से एक के रूप में शुरू किया गया था। इस प्रणाली के माध्यम से श्रमिकों को आश्वस्त किया जाता है कि बैंक खाता संबंधी समस्याओं के कारण उनके भुगतान में देरी नहीं होने पाए। एबीपीएस द्वारा मजदूरों के भुगतान के प्रति पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जाती है। इस पहल के तहत आधार सीडिंग और एबीपीएस वर्ष 2017 से प्रभावी हैं।
भारत सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक लाभार्थी को उसका पारिश्रमिक भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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