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राज्य का 5 लाख 47 हजार 450 करोड़ का बजट विधानसभा में पेश

राज्य के विकास के लिए पंचामृत पर आधारित व्यापक बजट : उपमुख्यमंत्री तथा वित्तमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुंबई, मार्च (महासंवाद)
वर्ष 2023-24 के लिए महाराष्ट्र राज्य का 5 लाख 47 हजार 450 करोड़ का बजट विधानसभा में उपमुख्यमंत्री तथा वित्त एवं नियोजन मंत्री देवेंद्र फडणवीस और विधान परिषद में मंत्री दीपक केसरकर ने पेश किया। इस बजट के अनुसार राजस्व संचय 4 लाख 49 हजार 522 करोड़ तथा राजस्व व्यय 4 लाख 65 हजार 645 करोड़ है। राजस्व घाटा 16 हजार 112 करोड़ है जबकि राजकोषीय घाटा 95 हजार पांच सौ करोड़ 80 लाख रुपये इतना है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि देश के अमृत काल के पंचामृत पर आधारित बजट में ‘शाश्वत खेती-समृद्ध किसान’ घटक के लिए 29 हजार 163 करोड़ रुपये, महिलाओं, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, ओबीसी सहित सभी सामाजिक समूहों के व्यापक विकास के लिए 43 हजार 36 करोड़ रुपये का प्रावधान है। पर्याप्त पूंजी निवेश से अधोसंरचना सुविधाओं के विकास हेतु 53 हजार 58 करोड़ 55 लाख का प्रावधान, रोजगार निर्माण, सक्षम, कुशल एवं रोजगारपरक युवाओं के लिए 11 हजार 658 करोड़ रुपये तथा पर्यावरण अनुकूल विकास के लिए 13 हजार 437 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। 
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि किसानों के कल्याण व कृषि के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल्पना की गई प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना की तर्ज पर राज्य में 1 करोड़ 15 लाख परिवारों के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘नमो किसान महा सम्मान निधि योजना’ को लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत अब महाराष्ट्र के किसानों को केंद्र और राज्य के माध्यम से प्रति वर्ष 12,000 रुपये की सम्मान निधि प्रदान की जाएगी। इसके लिए 2023-24 में 6,900 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है।
किसानों को अब सिर्फ एक रुपए में फसल बीमा
पहले इस योजना में बीमा प्रीमियम का दो प्रतिशत किसानों से लिया जाता था। इसमें अब सुधार किया जा रहा है अब किसानों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। चूंकि राज्य सरकार किसानों की किश्त का भुगतान करेगी। किसानों को महज एक रुपए में फसल बीमा की सुविधा मिलेगी। इसके लिए 3 हजार 312 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
किसानों के लिए महा कृषि विकास अभियान
राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए महाकृषि विकास अभियान चलाया जायेगा। इसमें फसल, फल फसल घटक उत्पादन से मूल्यवर्धन तक की प्रक्रिया साथ ही तालुका, जिलेवार किसान समूहों, समूहों के लिए एक एकीकृत फसल आधारित परियोजना योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए सरकार पांच साल में तीन हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी।
‘मागेल त्याला शेततळे” योजना का अब व्यापक रूप से विस्तार 
‘मागेल त्याला शेततळे’ इस योजना का अब व्यापक रूप से विस्तार किया गया है। आता मागेल त्याला शेततळे फलबाग, बूंद से सिंचाई, खेतों की परत, जो मांगेगा उसे शेडनेट, हरितगृह, आधुनिक बुवाई मशीन, कॉटन श्रेडर उपलब्ध होने जा रहे हैं। सरकार ने इस योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
काजू सेतु पर प्रक्रिया केंद्र, काजू फल विकास योजना
कोंकण के लिए 200 करोड़ रुपए की पूंजी से काजू बोर्ड का गठन किया गया है। काजू सेतु के बजाए प्रक्रिया किए गए काजू सेतु की कीमत सात गुना अधिक है तो आय वृद्धि के लिए कोंकण में काजू सेतु प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किया जाएगा। कोंकण, चांदगढ़ और अजरा (कोल्हापुर) में काजू फल विकास योजना लागू की जायेगी। इसके लिए अगले 5 वर्षों के लिए 1 हजार 325 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
गोपीनाथ मुंडे किसान सुरक्षा सानुग्रह अनुदान योजना
अब राज्य सरकार की ओर से गोपीनाथ मुंडे किसान सुरक्षा सानुग्रह अनुदान योजना लागू की जाएगी। अब दो लाख रुपए तक का फायदा होगा। साबुत अनाज के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के अवसर पर महाराष्ट्र में ‘श्री अन्न अभियान’ लागू किया जाएगा, इसके लिए 200 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान है। सोलापुर में श्री अन्न उत्कृष्टता केंद्र स्थापन किया जाएगा।
नागपुर में कृषि सुविधा केंद्र, विदर्भ में नारंगी प्रक्रिया केंद्र
नागपुर में डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कृषि सुविधा केंद्र स्थापित की जाएगी। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग और प्रसार इसका उद्देश्य है। इस केंद्र के लिए 227 करोड़ 46 लाख रुपये दिए जाएंगे। नागपुर जिले के नागपुर, काटोल, कलमेश्वर, अमरावती जिले के मोर्शी व बुलढाणा जिले के आधुनिक नारंगी प्रक्रिया केंद्र के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया हैं। विदर्भ, मराठवाडा के 14 आपदा जिलों में केशरी राशनकार्डधारकों को सीधे वित्तीय सहायता दी जाएगी। अनाज की बजाय नकद राशि सीधे आधार बैंक के खाते में प्रति वर्ष, प्रति किसान 1800 रुपये दी जाएगी।
खेती फसल बेचने के लिए आने वाले किसानों को आश्रय-भोजन
कृषि उत्पन्न बाजार समिति में खेती फसल बेचने के लिए आनेवाले किसानों के आश्रय के लिए राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज शेतकरी भवन का निर्माण किया जाएगा, साथ ही उनके भोजन के लिए शिवभोजन थाली उपलब्ध कराई जाएगी।
महिलाओं के लिए विभिन्न सुविधाएं
लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए ‘लेक लाडकी योजना’ लागू की जाएगी। पीला व नारंगी राशनकार्डधारक परिवारों की लड़कियों को इसका लाभ मिलेगा। जन्म के बाद लड़की को 5 हजार रुपये, पहली में चार हजार रुपये, छठवीं में 6 हजार रुपये तो ग्यारहवीं में 8000 रुपये, इस चरण में लड़की को 18 वर्ष की उम्र के बाद 75,000 रुपये मिलेंगे।
नौकरी करनेवाली महिलाओं को फ़िलहाल माह 10 हजार रुपये से अधिक वेतन है तो व्यापार करों को भुगतान करना पड़ता है। महिलाओं की क्रयशक्ति को बढ़ाने के लिए इस सीमा को बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने का प्रस्तावित किया गया है। इसलिए महिलाओं को मासिक 25 हजार रुपये में किसी भी व्यावसायिक कर का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। राज्य परिवहन महामंडल की बस सेवा में टिकट दरों पर महिलाओं को 50% छूट होगी। इसके अलावा, सरकार जल्द ही चौथी व्यापक महिलाओं की नीति की घोषणा करेगी। महिलाओं के बचत गुटों के माध्यम से लातूर जिले में बांबू क्लस्टर तो कोल्हापुर जिले में कोल्हापुरी चप्पल क्लस्टर, साथ ही मुंबई में महिला यूनिटी मॉल स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही महिला सुरक्षा, सुविधाजनक यात्रा के लिए महिला केंद्रित पर्यटन नीति तैयार की जाएगी।
‘मां सुरक्षित, घर सुरक्षित’ अभियान में 4 करोड़ महिलाओं और लड़कियों का स्वास्थ्य परीक्षण और दवाई दी जाएगी। महिलाओं के लिए मुसीबत, यौन शोषण से मुक्त, पारिवारिक समस्याओं से पीड़ित, स्वाधार व उज्ज्वला इन दो योजनाओं को एकत्रित करके केंद्र की मदद से ‘शक्ति सदन’ नई योजना अमल में लाई जाएगी। इस योजना में पीडित महिलाओं को आश्रय, विधि सेवा, स्वास्थ्य सेवा, समुपदेशन आदि सेवाएं दी जाएंगी। इस योजना में 50 नए ‘शक्ति सदन’ बनाए जाएंगे।
मोदी आवास घरकुल योजना
अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 3 साल में 10 लाख घर ‘मोदी आवास घरकुल योजना’ में शुरू किये जाएंगे। अगले तीन साल में इसके लिए 12 हजार करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें से 3 लाख घर इसी साल बनेंगे और इसके लिए 3600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 लाख घर बनाए जाएंगे, जिनमें से 2.5 लाख घर अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए जबकि 1.5 लाख अन्य वर्ग के लिए होंगे। रमाई आवास योजना में 1.5 लाख घरों के लिए 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान है, इनमें से कम से कम 25 हजार घर मातंग समुदाय के होंगे। शबरी, पारधी, आदि आवास अंतर्गत 1 लाख घर 1200 करोड़ रुपये लागत से बनाए जाएंगे। यशवंतराव चव्हाण मुक्त वसाहत के तहत 50,000 घरों के लिए 600 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। इसमें से 25 हजार आवास विमुक्त जाति-घुमंतू जनजातियों के लिए तो धनगर समुदाय के लिए 25 हजार आवास होंगे।
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का यह 350 वां वर्ष है। इस महोत्सव के लिए 350 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसमें आंबेगांव (पुणे) में छत्रपति शिवाजी महाराज संकल्पना उद्यान के लिए 50 करोड़, मुंबई, अमरावती, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, नागपुर में शिव चरित्र उद्यान के लिए 250 करोड़ रुपये, शिवनेरी किले पर  शिव छत्रपति के जीवन चरित्र पर संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। शिवकालीन दुर्गों के संरक्षण के लिए 300 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य के स्वयं के कर राजस्व का संशोधित अनुमान 2 लाख 75 हजार 786 करोड़ रुपये है। इसमें वस्तु एवं सेवा कर, मूल्यवर्धित कर, मुद्रांक शुल्क और पंजीकरण शुल्क, राज्य उत्पाद शुल्क इन करों का हिस्सा दो लाख 43 हजार 411 करोड़ रुपए है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य के स्वयं के कर राजस्व का बजटीय लक्ष्य 2 लाख 98 हजार 181 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। श्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित विभिन्न आर्थिक उपाय योजनाओं से यह उद्देश्य पूरा हो जाएगा।
व्यापार कर अधिनियम में ‘विकलांग व्यक्ति’ की परिभाषा विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार संशोधित करने का प्रस्ताव है। यह संशोधन विकलांग व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि करेगा जो व्यवसाय कर अवकाश के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं। साथ ही व्यापार कर से छूट की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। हवाई यातायात को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से बृहन्मुंबई महानगरपालिका, पुणे महानगरपालिका व रायगढ़ जिले के भौगोलिक क्षेत्रों में एविएशन मिल ईंधन पर (अढऋ) मूल्यवर्धित कर का दाम मूल्यवर्धित 25 प्रतिशत से बैंगलोर और गोवा का समतुल्य 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
वस्तु और सेवा कर अधिनियम के लागू होने से पहले राज्य कर विभाग द्वारा कार्यान्वित किए गए विभिन्न कानूनों के संबंध में महाराष्ट्र कर, ब्याज, जुर्माना और विलंब शुल्क योजना बकाया के लिए समझौता योजना-2023 इस अभय योजना की अवधि 01 मई 2023 से 31 अक्टूबर 2023 तक होगी। यह योजना 01 मई 2023 को लंबित बकाया के लिए लागू रहेगी। वैधानिक आदेश द्वारा किसी भी वर्ष के लिए, यदि व्यापारी का बकाया रुपये 2 लाख तक है, यह राशि उस वर्ष के लिए पूरी तरह से माफ करने का प्रस्ताव है। इस अभय योजना से छोटे व्यापारियों को लगभग एक लाख मामलों में लाभ होगा। किसी भी वैधानिक आदेश के अनुसार व्यापारियों का बकाया 50 लाख रुपये या उससे कम है, ऐसी स्थिति में यदि कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत भुगतान कर दिया जाता है तो शेष 80 प्रतिशत राशि माफ कर दी जाएगी। छोटे और मध्यम व्यापारियों को लगभग 80 हजार मामलों में इसका लाभ होगा।

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