पुणे, मार्च (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
एक सड़क हादसे के बाद एक 65 साल के मरीज को पुणे के कमांड हॉस्पिटल सदर्न कमांड में लाया गया। जब एडमिट किया गया तो उनके ब्रेन में जीवन के कोई संकेत नहीं दिख रहे थे। मृत्यु के बाद अंगदान के बारे में उनके परिवारवालों को अवगत किया गया।
हॉस्पिटल के ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर से बात करने के बाद, उन्होंने किडनी दान करने का फैसला लिया। आवश्यक मंजूरी के बाद कमांड हॉस्पिटल सदर्न कमांड में प्रत्यारोपण टीम को तुरंत सक्रिय कर दिया गया और अलर्ट को जोनल ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन सेंटर (ZTCC) और आर्मी ऑर्गन रिट्रीवल एंड ट्रांसप्लांट अथॉरिटी (AORTA) को भी भेजा गया। 15 मार्च 2023 को डॉक्टर्स की टीम ने ब्रेन डेड मरीज के शरीर से दोनो किडनी निकालकर, एक किडनी कमांड हॉस्पिटल सदर्न कमांड में एक 36 वर्ष की महिला, जोकि एक भारतीय सेना के सिपाही की पत्नी है, को लगाई गई और दूसरी किडनी 35 वर्ष के एक मरीज को लगाई गई, जो नाशिक के एक अस्पताल में भर्ती थे।
मृत्यु के बाद अंगदान का एक उदार संकेत और कमांड हॉस्पिटल सदर्न कमांड में अच्छी तरह से समन्वित प्रयास ने गंभीर रूप से बीमार 2 रोगियों को जीवन दिया। यह यही दर्शाता है कि हम किसी भी अंग को अपने साथले जाकर क्या करेंगे, जबकि इससे कुछ लोगों को जीवन मिल सकता है। जो नेत्रहीन हैं, उन्हें आंखें, जरूरतमंद को किडनी, लीवर जैसे अंगदान कर सकते हैं। यह ऐसी परिस्थितियों में जरूरतमंद रोगियों को अंगदान की अमूल्य भूमिका के बारे में जागरूकता भी फैलाता है।
यह जानकारी पुणे रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी श्री महेश अय्यंगार द्वारा दी गई है।
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