नयी सोच व नयी दिशा की ओर समाज बढ़ रहा है। देखा जाए तो किसी भी खुशी का क्षण हो या उत्सव आम रूप से महिलाएं ही औक्षण करते हुए समाज में दिखाई देती हैं। लेखिका सोनाली सुमित जाधव के विचारों से प्रेरित होकर हड़पसर निवासी सुनील सावलाराम पवार व उनके परिजनों ने नए विचारों को स्वीकार करते हुए एक नयी पहल की ओर कदम बढ़ाया है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए लेखिका सोनाली जाधव ने कहा कि जन्मदिन वाले व्यक्ति को लंबी उम्र, सफलता, खुशी-संतोष, स्वास्थ्य प्राप्त हो, यह एक भावना रहती है इसलिए उनके जन्मदिन पर उसका औक्षण किया जाता है। यह एहसास सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी महसूस करते हैं, इसलिए उन्हें भी औक्षण करना चाहिए। इस नए विचार को मैंने अपनी कहानी औक्षण में प्रस्तुत किया था। इस नए विचारों की स्वीकृति हड़पसर निवासी सुनील सावलाराम पवार व उनके परिजनों ने किया और अपने बेटे शिवांश सुनील पवार के जन्मदिन पर उसका औक्षण करके एक नई अच्छी परंपरा की नीव रखी है। सुनील पवार ने अपने लड़के का औक्षण करके मेरे नए विचारों को अमल में लाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की। नये बदलाव का समाज में निश्चित रूप से स्वीकार होगा और एक परंपरा समाज में शुरू होगी।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए लेखिका सोनाली जाधव ने कहा कि जन्मदिन वाले व्यक्ति को लंबी उम्र, सफलता, खुशी-संतोष, स्वास्थ्य प्राप्त हो, यह एक भावना रहती है इसलिए उनके जन्मदिन पर उसका औक्षण किया जाता है। यह एहसास सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी महसूस करते हैं, इसलिए उन्हें भी औक्षण करना चाहिए। इस नए विचार को मैंने अपनी कहानी औक्षण में प्रस्तुत किया था। इस नए विचारों की स्वीकृति हड़पसर निवासी सुनील सावलाराम पवार व उनके परिजनों ने किया और अपने बेटे शिवांश सुनील पवार के जन्मदिन पर उसका औक्षण करके एक नई अच्छी परंपरा की नीव रखी है। सुनील पवार ने अपने लड़के का औक्षण करके मेरे नए विचारों को अमल में लाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की। नये बदलाव का समाज में निश्चित रूप से स्वीकार होगा और एक परंपरा समाज में शुरू होगी।
-लेखिका सोनाली जाधव



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