हड़पसर, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
नागरिक लापरवाही से ग्लाइडिंग सेंटर के पास कचरा फेंक देते हैं और इस कचरे में आग लगा दी जाती है, जिससे न केवल पर्यावरण को खतरा होता है, बल्कि धुआं इतना होता है कि यातायात बाधित होता है और दुर्घटनाएं होने की संभावना रहती है। यहां पर यह रोज का नजारा दिखता है। इस तरह का कृत्य करके हम पर्यावरण को गहरा सदमा पहुंचाकर पर्यावरण को प्रभावित कर रहे हैं। पर्यावरण को संतुलित रखना क्या हमारी नैतिक जिम्मेदारी नहीं है? वायु प्रदूषण के कारण इसका गहरा प्रभाव मनुष्य जीवन पर होना खतरे की घंटी है। वायु हमारे श्वसन के लिए अनिवार्य है। वायु का दूषित होना हमारे लिए संकट खड़ा कर सकता है। नागरिकों को लापरवाही से नहीं बल्कि समझदारी से काम करना होगा। यह अपील डॉ. मंगेश बोराटे ने की है।
डॉ. मंगेश बोराटे ने आगे कहा कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है। मनुष्य और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। मनुष्य की बुरी आदतें पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं, जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण हमें अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण को जड़ से खत्म करना हम सब का दायित्व है। वायु प्रदूषण एक विकराल समस्या है, जो हमारे अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह है। प्रत्येक नागरिक को इस प्रदूषण से निजात पाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
नागरिक लापरवाही से ग्लाइडिंग सेंटर के पास कचरा फेंक देते हैं और इस कचरे में आग लगा दी जाती है, जिससे न केवल पर्यावरण को खतरा होता है, बल्कि धुआं इतना होता है कि यातायात बाधित होता है और दुर्घटनाएं होने की संभावना रहती है। यहां पर यह रोज का नजारा दिखता है। इस तरह का कृत्य करके हम पर्यावरण को गहरा सदमा पहुंचाकर पर्यावरण को प्रभावित कर रहे हैं। पर्यावरण को संतुलित रखना क्या हमारी नैतिक जिम्मेदारी नहीं है? वायु प्रदूषण के कारण इसका गहरा प्रभाव मनुष्य जीवन पर होना खतरे की घंटी है। वायु हमारे श्वसन के लिए अनिवार्य है। वायु का दूषित होना हमारे लिए संकट खड़ा कर सकता है। नागरिकों को लापरवाही से नहीं बल्कि समझदारी से काम करना होगा। यह अपील डॉ. मंगेश बोराटे ने की है।
डॉ. मंगेश बोराटे ने आगे कहा कि पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है। मनुष्य और पर्यावरण एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं। मनुष्य की बुरी आदतें पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं, जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण हमें अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण को जड़ से खत्म करना हम सब का दायित्व है। वायु प्रदूषण एक विकराल समस्या है, जो हमारे अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह है। प्रत्येक नागरिक को इस प्रदूषण से निजात पाने के लिए प्रयास करना चाहिए।

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