शिवसमर्थ संस्था की ओर से रोजा इफ्तार का किया आयोजन
हड़पसर, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
संयम, त्याग, दया, क्षमा, शांति, अच्छाई, ईमानदारी की शिक्षा सभी शास्त्रों में की दी गई है। सशक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए आनेवाली पीढ़ी को अच्छी संस्कृति प्रदान करना हमारा कर्तव्य है। यह रमज़ान का पवित्र महीना है जो आपसी मतभेदों को कम करता है और आपस में स्नेह और सद्भावना बढ़ाता है।
इस मौके पर जगह-जगह इफ्तार समारोह का आयोजन किया जाता है। ऐसे समारोह में सभी धर्मों की भागीदारी विकसित राष्ट्र और स्वस्थ समाज की निशानी है। यह विचार पुलिस उपायुक्त शशिकांत बोराटे ने व्यक्त किए।
हड़पसर की शिवसमर्थ संस्था की ओर से सातववाडी व परिसर के स्कूल और महाविद्यालय के छात्रों के लिए रोजे इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां हड़पसर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक दिगंबर शिंदे, उपनिरीक्षक सोमनाथ पडसलकर, हड़पसर गुरुद्वारा के डॉ. बच्चूसिंह टाक, ज्ञानी चत्तर सिंह, आलमगीर मस्जिद के मेहबूब शेख, उन्नतिनगर गणेश मंडल के युवराज मोहरे, हड़पसर ख्रिश्चन समाज के समन्वयक अमित मेहेंदले, मानवी युवा विकास संस्था के दिगंबर माने, डॉ. शंतनु जगदाले, तुषार पायगुडे, सुषमा पिसाल, कार्यक्रम की आयोजिका शिवसमर्थ संस्था की अध्यक्षा मनीषा वाघमारे, सूरज अग्रवाल, पार्थ वाघमारे, सिद्धेश चिकबेनुर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
प्रमुख अतिथि हड़पसर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक दिगंबर शिंदे ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य में रहते हैं। राज्य के संविधान ने सामाजिक, आर्थिक, विचार और अभिव्यक्ति के साथ-साथ धर्म और पूजा की स्वतंत्रता दी है। आइए हम एक दूसरे की आस्था और पूजा का सम्मान करते हुए सामाजिक समरसता बनाए रखने में अपना योगदान दें। यह रमजान का पवित्र महीना है। हमारे भाइयों के लिए आयोजित रोजे इफ्तार एक दूसरे के बीच स्नेह और सद्भावना बढ़ाते हैं।
कार्यक्रम का प्रास्ताविक करते हुए कार्यक्रम की आयोजिका शिवसमर्थ संस्था की अध्यक्षा मनीषा वाघमारे ने कहा कि आज के रोजे इफ्तार कार्यक्रम में 80 छात्रों ने भाग लिया। पहल का यह छठवां साल है। इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं ने सद्भावना प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरुआत की और विश्व कल्याणकारी पसायदान से समापन किया। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने छात्रों को रमजान के पवित्र महीने के महत्व और पूजा के बारे में मार्गदर्शन किया।
संयम, त्याग, दया, क्षमा, शांति, अच्छाई, ईमानदारी की शिक्षा सभी शास्त्रों में की दी गई है। सशक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए आनेवाली पीढ़ी को अच्छी संस्कृति प्रदान करना हमारा कर्तव्य है। यह रमज़ान का पवित्र महीना है जो आपसी मतभेदों को कम करता है और आपस में स्नेह और सद्भावना बढ़ाता है।
इस मौके पर जगह-जगह इफ्तार समारोह का आयोजन किया जाता है। ऐसे समारोह में सभी धर्मों की भागीदारी विकसित राष्ट्र और स्वस्थ समाज की निशानी है। यह विचार पुलिस उपायुक्त शशिकांत बोराटे ने व्यक्त किए।
हड़पसर की शिवसमर्थ संस्था की ओर से सातववाडी व परिसर के स्कूल और महाविद्यालय के छात्रों के लिए रोजे इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां हड़पसर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक दिगंबर शिंदे, उपनिरीक्षक सोमनाथ पडसलकर, हड़पसर गुरुद्वारा के डॉ. बच्चूसिंह टाक, ज्ञानी चत्तर सिंह, आलमगीर मस्जिद के मेहबूब शेख, उन्नतिनगर गणेश मंडल के युवराज मोहरे, हड़पसर ख्रिश्चन समाज के समन्वयक अमित मेहेंदले, मानवी युवा विकास संस्था के दिगंबर माने, डॉ. शंतनु जगदाले, तुषार पायगुडे, सुषमा पिसाल, कार्यक्रम की आयोजिका शिवसमर्थ संस्था की अध्यक्षा मनीषा वाघमारे, सूरज अग्रवाल, पार्थ वाघमारे, सिद्धेश चिकबेनुर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
प्रमुख अतिथि हड़पसर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक दिगंबर शिंदे ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य में रहते हैं। राज्य के संविधान ने सामाजिक, आर्थिक, विचार और अभिव्यक्ति के साथ-साथ धर्म और पूजा की स्वतंत्रता दी है। आइए हम एक दूसरे की आस्था और पूजा का सम्मान करते हुए सामाजिक समरसता बनाए रखने में अपना योगदान दें। यह रमजान का पवित्र महीना है। हमारे भाइयों के लिए आयोजित रोजे इफ्तार एक दूसरे के बीच स्नेह और सद्भावना बढ़ाते हैं।
कार्यक्रम का प्रास्ताविक करते हुए कार्यक्रम की आयोजिका शिवसमर्थ संस्था की अध्यक्षा मनीषा वाघमारे ने कहा कि आज के रोजे इफ्तार कार्यक्रम में 80 छात्रों ने भाग लिया। पहल का यह छठवां साल है। इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं ने सद्भावना प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरुआत की और विश्व कल्याणकारी पसायदान से समापन किया। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने छात्रों को रमजान के पवित्र महीने के महत्व और पूजा के बारे में मार्गदर्शन किया।

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