पुणे, सितंबर (जिमाका)
भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय, पश्चिमी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर और दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के सहयोग से लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे मेमोरियल हॉल में आयोजित क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव का समापन साधना सरगम के मधुर गीतों के साथ हुआ।
तीसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत में नागपुर के स्वरसंगम कल्चरल फोरम द्वारा प्रस्तुत भरत नाट्यम को प्रशंसकों ने खूब सराहा। इस कलापथक ने प्रथम अलारिप्पू नृत्य पेश किया। अभंग की साथ से श्री विठ्ठल को नमन किया। इसके बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन तो..’ पर भरत नाट्यम की प्रस्तुति हुई। वंदे मातरम् की प्रस्तुति भी उतनी ही सुंदर थी।
साधना सरगम की गायकी से मंत्रमुग्ध
साधना सरगम के गाए मधुर फिल्मी गीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके गाए हिंदी फिल्मी गानों को प्रशंसकों ने खूब सराहा। ‘सात समुंदर पार...’, ‘पहला नशा पहला खुमार...’, ‘नीले नीले अंबर में’ गाने को दर्शकों की सहज तालियां मिलीं। आठ राज्यों के लोक कलाकारों ने भी रंगारंग प्रस्तुतियां दीं।
भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय, पश्चिमी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर और दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के सहयोग से लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे मेमोरियल हॉल में आयोजित क्षेत्रीय संस्कृति महोत्सव का समापन साधना सरगम के मधुर गीतों के साथ हुआ।
तीसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत में नागपुर के स्वरसंगम कल्चरल फोरम द्वारा प्रस्तुत भरत नाट्यम को प्रशंसकों ने खूब सराहा। इस कलापथक ने प्रथम अलारिप्पू नृत्य पेश किया। अभंग की साथ से श्री विठ्ठल को नमन किया। इसके बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन तो..’ पर भरत नाट्यम की प्रस्तुति हुई। वंदे मातरम् की प्रस्तुति भी उतनी ही सुंदर थी।
साधना सरगम की गायकी से मंत्रमुग्ध
साधना सरगम के गाए मधुर फिल्मी गीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके गाए हिंदी फिल्मी गानों को प्रशंसकों ने खूब सराहा। ‘सात समुंदर पार...’, ‘पहला नशा पहला खुमार...’, ‘नीले नीले अंबर में’ गाने को दर्शकों की सहज तालियां मिलीं। आठ राज्यों के लोक कलाकारों ने भी रंगारंग प्रस्तुतियां दीं।
आर्मी पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा गोंड, वारली, मांडणा का प्रदर्शन
महोत्सव के दौरान आयोजित वारली कला शिविर एवं कार्यशाला का भी रविवार को समापन हो गया। महाराष्ट्र के पालघर जिले के 23 कलाकारों ने वारली पेंटिंग के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में आर्मी पब्लिक स्कूल, दिघी के 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रसिद्ध कलाकारों से प्रशिक्षण लेकर विद्यार्थियों ने मांडना, गोंड और वारली कला का चित्रण किया।
संस्कृति मंत्रालय के सहसचिव अमिता प्रसाद सरभाई, अपर सचिव पीएस खींची, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की संचालक किरण सोनी गुप्ता, दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के संचालक प्रोफेसर शर्मा ने विद्यार्थियों की कलाकृतियों की सराहना की और उन्हें बधाई दी।
महोत्सव के दौरान आयोजित वारली कला शिविर एवं कार्यशाला का भी रविवार को समापन हो गया। महाराष्ट्र के पालघर जिले के 23 कलाकारों ने वारली पेंटिंग के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में आर्मी पब्लिक स्कूल, दिघी के 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रसिद्ध कलाकारों से प्रशिक्षण लेकर विद्यार्थियों ने मांडना, गोंड और वारली कला का चित्रण किया।
संस्कृति मंत्रालय के सहसचिव अमिता प्रसाद सरभाई, अपर सचिव पीएस खींची, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की संचालक किरण सोनी गुप्ता, दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के संचालक प्रोफेसर शर्मा ने विद्यार्थियों की कलाकृतियों की सराहना की और उन्हें बधाई दी।



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