जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने विश्व शौचालय दिवस 2025 पर राष्ट्रव्यापी अभियान 'हमारा शौचालय, हमारा भविष्य' शुरू किया।
'हमारा शौचालय, हमारा भविष्य' अभियान शौचालयों के महत्व और उनके उचित रखरखाव को सुनिश्चित करने पर जोर देता है ताकि लोगों को सुरक्षित स्वच्छता प्रदान की जा सके और एक स्वच्छ एवं स्वस्थ भविष्य की तैयारी की जा सके। यह सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (सीएससी) और व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों (आईएचएचएल) दोनों के लिए ग्रामीण शौचालयों की कार्यक्षमता के आकलन, मरम्मत और सौंदर्यपरक सुधार पर बल देता है। यह अभियान स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के उद्देश्यों के अनुरूप है।
अभियान के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं :
- सीएससी और आईएचएचएल की कार्यक्षमता बढ़ाना और मरम्मत करना
- सामुदायिक शौचालयों के लिए मौजूदा संचालन एवं रखरखाव प्रणालियों का मूल्यांकन और सुदृढ़ीकरण
- समुदायों को उनके सीएससी और आईएचएचएल के सौंदर्यकरण के लिए प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना
- समुदाय और विशेष रूप से स्कूलों में निम्नलिखित विषयों पर जागरूकता पैदा करना: (i) व्यक्ति, समुदाय और देश के लिए स्वच्छता और सफाई का महत्व (ii) मल अपशिष्ट के सुरक्षित संचालन, जिसमें रेट्रोफिटिंग या सामुदायिक मल कीचड़ प्रबंधन व्यवस्था की ओर बढ़ना (iii) जलवायु लचीला स्वच्छता और सेवा वितरण प्रोटोकॉल।
- संपूर्ण स्वच्छता के लिए सामूहिक जिम्मेदारी को सुदृढ़ करने के लिए जन भागीदारी
2014 में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की शुरुआत के बाद से, भारत ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता सुनिश्चित करने और गांवों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति की है। 2019 तक 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-II वर्ष 2020 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य ओडीएफ प्लस मॉडल गांव के एक प्रमुख घटक के रूप में ओडीएफ की स्थिरता सुनिश्चित करना है। 'हमारा शौचालय, हमारा भविष्य' अभियान के दौरान, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत जमीनी प्रणालियों को मज़बूत करने पर काम करने का अनुरोध किया गया है।
इस अभियान को विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों की सहभागिता बढ़ाने के लिए चलाया गया है जिसके तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ग्राम पंचायत, ब्लॉक और ज़िला स्तर पर अभियान अवधि के दौरान की जाने वाली गतिविधियों के लिए जिम्मेदारियां आवंटित की गई हैं। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर सभी संबंधित विभागों को इसमें शामिल करने की सलाह दी गई है।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे स्थानीय प्रतिष्ठित हस्तियों/पद्म पुरस्कार विजेताओं/सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों/वरिष्ठ नागरिकों/युवा समूहों (एनएसएस, एनवाईकेएस, एनसीसी आदि) और स्कूली बच्चों की पहचान करें और उन्हें जागरूकता फैलाने तथा शौचालय के उपयोग तथा स्वच्छता को बनाए रखने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों में सहयोग प्रदान करने के लिए शामिल करें। स्वच्छता कर्मियों का सम्मान और पात्र लाभार्थियों को आईएचएचएल स्वीकृति पत्र वितरित करना भी इस अभियान का हिस्सा है।
इस अभियान का समापन मानवाधिकार दिवस यानी 10 दिसंबर 2025 को होगा।

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