मुंबई, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पिछले एक वर्ष में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि कक्ष में कई सुधार किए गए हैं। इन सकारात्मक परिवर्तनों का परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। 6 दिसम्बर 2024 से 6 दिसम्बर 2025 के बीच राज्य के 35,362 मरीजों को कुल ₹299 करोड 43 लाख 52 हजार 400 की चिकित्सा आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
पिछले वर्ष के दौरान कक्ष की ओर से हजारों जरूरतमंद मरीजों को सहायता उपलब्ध कराई गई। भविष्य में और अधिक मरीजों को समय पर मदद मिल सके, इसके लिए त्रिपक्षीय समझौते, स्वास्थ्य से संबंधित सभी सरकारी योजनाओं के एकीकरण जैसे उपक्रमों के माध्यम से सहायता और अधिक आसान होगी।
जिला कक्ष की स्थापना
पहले मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि का लाभ प्राप्त करने के लिए मरीजों और उनके परिजनों को मुंबई आना पड़ता था, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार, इस समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए जिलास्तरीय कक्षों की स्थापना की गई।
एफसीआरए प्रमाणपत्र
इस वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष को प्राप्त एफसीआरए प्रमाणपत्र है। यह अनुमति प्राप्त करने वाला महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष देश में पहला कक्ष बन गया है। अब विदेशों से सीधे दान स्वीकार करने की अनुमति मिल गई है।
स्वास्थ्य योजनाओं का एकीकरण
राज्य की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का एकीकरण किया जाएगा। सभी स्वास्थ्य योजनाओं के लाभ एक ही प्रणाली में उपलब्ध होंगे। पात्रता, दस्तावेज़ और आवेदन प्रक्रिया एकीकृत होने से मरीजों की असुविधा काफी कम होगी। साथ ही, निधि और अस्पतालों के बीच समन्वय बढ़ने से सहायता मिलने की गति भी तेज होगी। एकीकृत स्वास्थ्य सहायता मॉडल गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को सही समय पर उपयुक्त योजना का लाभ दिलाने में सहायक होगा।
त्रिपक्षीय समझौता
राज्य के जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को महंगे चिकित्सा उपचार का लाभ उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही त्रिपक्षीय समझौता किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष, कॉर्पोरेट कंपनी, अस्पताल और कुछ अंश में मरीजों का योगदान शामिल होगा।
सुधारों का प्रत्यक्ष लाभ
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दूरदर्शी नेतृत्व में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि कक्ष में वर्षभर किए गए सुधारों का प्रत्यक्ष लाभ मरीजों तक पहुंच रहा है। ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाने, जिला कक्षों की स्थापना और अन्य नए उपक्रमों के कारण हजारों मरीजों को समय पर सहायता मिल रही है। आर्थिक कठिनाइयों के कारण किसी का उपचार रुक न जाए, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह संकल्प पूर्ण रूप से साकार हो रहा है।
पिछले वर्ष के दौरान कक्ष की ओर से हजारों जरूरतमंद मरीजों को सहायता उपलब्ध कराई गई। भविष्य में और अधिक मरीजों को समय पर मदद मिल सके, इसके लिए त्रिपक्षीय समझौते, स्वास्थ्य से संबंधित सभी सरकारी योजनाओं के एकीकरण जैसे उपक्रमों के माध्यम से सहायता और अधिक आसान होगी।
जिला कक्ष की स्थापना
पहले मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि का लाभ प्राप्त करने के लिए मरीजों और उनके परिजनों को मुंबई आना पड़ता था, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार, इस समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए जिलास्तरीय कक्षों की स्थापना की गई।
एफसीआरए प्रमाणपत्र
इस वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष को प्राप्त एफसीआरए प्रमाणपत्र है। यह अनुमति प्राप्त करने वाला महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष देश में पहला कक्ष बन गया है। अब विदेशों से सीधे दान स्वीकार करने की अनुमति मिल गई है।
स्वास्थ्य योजनाओं का एकीकरण
राज्य की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का एकीकरण किया जाएगा। सभी स्वास्थ्य योजनाओं के लाभ एक ही प्रणाली में उपलब्ध होंगे। पात्रता, दस्तावेज़ और आवेदन प्रक्रिया एकीकृत होने से मरीजों की असुविधा काफी कम होगी। साथ ही, निधि और अस्पतालों के बीच समन्वय बढ़ने से सहायता मिलने की गति भी तेज होगी। एकीकृत स्वास्थ्य सहायता मॉडल गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को सही समय पर उपयुक्त योजना का लाभ दिलाने में सहायक होगा।
त्रिपक्षीय समझौता
राज्य के जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को महंगे चिकित्सा उपचार का लाभ उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही त्रिपक्षीय समझौता किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री सहायता निधि कक्ष, कॉर्पोरेट कंपनी, अस्पताल और कुछ अंश में मरीजों का योगदान शामिल होगा।
सुधारों का प्रत्यक्ष लाभ
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दूरदर्शी नेतृत्व में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि कक्ष में वर्षभर किए गए सुधारों का प्रत्यक्ष लाभ मरीजों तक पहुंच रहा है। ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाने, जिला कक्षों की स्थापना और अन्य नए उपक्रमों के कारण हजारों मरीजों को समय पर सहायता मिल रही है। आर्थिक कठिनाइयों के कारण किसी का उपचार रुक न जाए, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह संकल्प पूर्ण रूप से साकार हो रहा है।

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