शिल्पकला के क्षेत्र में अपने और महाराष्ट्र के नाम को स्वर्णाक्षरों में अंकित करने वाले तपस्वी शिल्पकार का युगांत हो गया है। ऐसी शोकभावना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पद्मभूषण, महाराष्ट्र भूषण से सम्मानित शिल्पकार डॉ. राम सुतार के निधन पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने डॉ. सुतार के पुत्र अनिल सुतार से दूरभाष पर संपर्क कर उन्हें सांत्वना दी। साथ ही, डॉ. सुतार के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किए जाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दूरभाष पर अनुरोध किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अनुरोध को तुरंत स्वीकार कर लिया। अन्य स्वर्गीय डॉ. सुतार के पार्थिव का नोएडा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि रामभाऊ के निधन से विश्वविख्यात कलाकार हमसे विदा हो गया है। अनुपातबद्धता और उसमें निहित सजीवता उनकी कला की विशेष पहचान थी। कुछ दिन पूर्व महाराष्ट्र सरकार का ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार प्रदान करने के लिए हम उनके नई दिल्ली स्थित निवास पर गए थे। पुरस्कार स्वीकार करते समय उन्होंने ‘महाराष्ट्र माझा’ गीत की पंक्तियाँ उच्चारित की थीं, जो अत्यंत भावुक करने वाला क्षण था।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा हो, या अंडमान में वीर सावरकर की प्रतिमा. शिल्पकार सुतार ने अनेक भव्य शिल्पों को आकार दिया. सौ वर्ष की आयु में भी वे इंदू मिल स्थित भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक के कार्य में सक्रिय रूप से लगे हुए थे। संसद भवन परिसर में भी उनके द्वारा निर्मित अनेक प्रतिमाएँ स्थापित हैं। हमारे आराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज, भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा एवं सावित्रीबाई फुले तथा हमारे संतों जैसी महान विभूतियों की प्रतिमाओं को आकार देने का महान कार्य उन्होंने किया।
इन शिल्पों के माध्यम से उनकी कला सदियों तक हमारी स्मृति में जीवित रहेगी और प्रत्येक शिल्प को देखते समय उनका स्मरण होगा। मुख्यमंत्री ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हम उनके परिवारजनों के दुःख में सहभागी हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने डॉ. सुतार के पुत्र अनिल सुतार से दूरभाष पर संपर्क कर उन्हें सांत्वना दी। साथ ही, डॉ. सुतार के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किए जाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दूरभाष पर अनुरोध किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अनुरोध को तुरंत स्वीकार कर लिया। अन्य स्वर्गीय डॉ. सुतार के पार्थिव का नोएडा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि रामभाऊ के निधन से विश्वविख्यात कलाकार हमसे विदा हो गया है। अनुपातबद्धता और उसमें निहित सजीवता उनकी कला की विशेष पहचान थी। कुछ दिन पूर्व महाराष्ट्र सरकार का ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार प्रदान करने के लिए हम उनके नई दिल्ली स्थित निवास पर गए थे। पुरस्कार स्वीकार करते समय उन्होंने ‘महाराष्ट्र माझा’ गीत की पंक्तियाँ उच्चारित की थीं, जो अत्यंत भावुक करने वाला क्षण था।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा हो, या अंडमान में वीर सावरकर की प्रतिमा. शिल्पकार सुतार ने अनेक भव्य शिल्पों को आकार दिया. सौ वर्ष की आयु में भी वे इंदू मिल स्थित भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक के कार्य में सक्रिय रूप से लगे हुए थे। संसद भवन परिसर में भी उनके द्वारा निर्मित अनेक प्रतिमाएँ स्थापित हैं। हमारे आराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज, भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा एवं सावित्रीबाई फुले तथा हमारे संतों जैसी महान विभूतियों की प्रतिमाओं को आकार देने का महान कार्य उन्होंने किया।
इन शिल्पों के माध्यम से उनकी कला सदियों तक हमारी स्मृति में जीवित रहेगी और प्रत्येक शिल्प को देखते समय उनका स्मरण होगा। मुख्यमंत्री ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हम उनके परिवारजनों के दुःख में सहभागी हैं।
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