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नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए पासपोर्ट सत्यापन रिकॉर्ड अब डिजिलॉकर पर उपलब्ध

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवायके तहत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (एनईजीडीने विदेश मंत्रालय (एमईएके सहयोग सेडिजिलॉकर प्लेटफ़ॉर्म पर पासपोर्ट सत्यापन रिकॉर्ड (पीवीआरकी सुविधा उपलब्ध कराकर नागरिक सेवाओं में एक बड़े विस्तार का ऐलान किया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत डिजिलॉकरएक सुरक्षितक्लाउड-आधारित प्लेटफार्म है, जो डिजिटल दस्तावेज़ों और प्रमाणपत्रों को जारी करनेसंग्रहित करनेसाझा करने और सत्यापित करने में मददगार है।
नागरिकों के लिए दस्तावेज़ प्रबंधन को सरल बनाकर और भौतिक रिकार्ड्स पर निर्भरता को कम करते हुए यह पहल, डिजिटल इंडिया के विज़न को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। इस एकीकरण के साथपासपोर्ट सत्यापन रिकार्ड को अब डिजिलॉकर व्यवस्था में सुरक्षित रूप से एक्सेससंग्रहितसाझा और डिजिटल रूप से सत्यापित किया जा सकता हैजिससे कागज़ रहितसंपर्क रहित और नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण को बढ़ावा मिलेगा।
सफल सत्यापन के बादनागरिक अपने डिजिलॉकर खाते के "जारी किए गए दस्तावेज़" भाग में अपने पासपोर्ट सत्यापन रिकॉर्ड देख सकते हैं। यह पहल नागरिकों के लिए आधिकारिक सत्यापन दस्तावेज़ों (ओवीडी) की सुविधा और पहुँच को बढ़ाएगाऔर यह भी सुनिश्चित करेगा कि उनके रिकॉर्ड डिजिलॉकर में सुरक्षितविश्वसनीय और डिजिटल रूप से सत्यापन योग्य रहें।
डिजिलॉकर पर पीवीआर की उपलब्धता नागरिकों को कई प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करती है:
  • सुविधा और किसी भी समय पहुँच: सफल सत्यापन के बाद नागरिकभौतिक प्रतियाँ साथ रखने या संग्रहित किए बगैर, वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशनदोनों के ज़रिए अपने डिजिलॉकर खाते के "जारी किए गए दस्तावेज़" भाग से अपने पासपोर्ट सत्यापन रिकॉर्ड को आसानी से हासिल कर सकेंगे।
  • तेज़ प्रक्रियाएँ और कम कागज़ी कार्रवाई: पीवीआर तक डिजिटल पहुँच से यात्रारोज़गार और अनुपालन जैसे मामलों में सत्यापन संबंधी प्रक्रियाओं में बड़ा सुधार होने की उम्मीद हैजिससे मैनुअल कागजी कार्रवाई कम होगी और सत्यापित पासपोर्ट रिकॉर्ड पर निर्भर रहने वाले नागरिकों और संस्थानोंदोनों के लिए समय की बचत होगी।
  • सुरक्षितछेड़छाड़-रहित और प्रामाणिक रिकॉर्ड: डिजिलॉकर के ज़रिए उपलब्ध कराए गए पीवीआर, संबंधित सरकारी प्रणालियों द्वारा सीधे डिजिटल रूप में जारी किए जाते हैंजो डिजिलॉकर की सुरक्षित संरचना के मुताबिक प्रमाणिकताअखंडता और किसी भी तरह की छेड़छाड़ से सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
  • आसान डिजिटल साझाकरण और सत्यापन: नागरिक, डिजिलॉकर के ज़रिए अधिकृत अनुरोधकर्ताओं के साथ अपने पीवीआर को डिजिटल रूप से साझा कर सकेंगेजिससे तत्कालसहमति-आधारित पहुँच और सत्यापन मुमकिन होगाऔर सत्यापित फोटोकॉपी या कई भौतिक कॉपी देने की ज़रुरत कम होगी।
  • कागज़ रहित और हरित शासन के लिए समर्थन: पासपोर्ट-संबंधी सत्यापन रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटल वर्कफ़्लो में बदलकरयह पहल कागज़ रहित शासनसंसाधन दक्षता और पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार प्रशासनिक प्रथाओं की दिशा में सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाती है।
पीवीआर का डिजिलॉकर के साथ एकीकरण नागरिक सेवाओं के आधुनिकीकरण और भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह सुरक्षित डिजिटल रिकॉर्ड को उपयोगकर्ता-अनुकूल पहुँच के साथ जोड़कर 'नागरिक-प्रथमके दृष्टिकोण को मज़बूत करता हैजिससे सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ता है।
विदेश मंत्रालय और एनईजीडीएमईआईटीवाय के बीच यह सहयोग, एक सुरक्षित और कुशल सेवा वितरण के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाने हेतु एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस कदम से सत्यापन की प्रक्रिया को और बेहतर बनाकरसेवा में सुधार लाकरऔर सार्वजनिक तथा निजी उपयोग के मामलों में सुरक्षित डिजिटल दस्तावेज़ों को अपनाने में तेज़ी लाकर लाखों पासपोर्ट आवेदकों और धारकों को लाभ होने की उम्मीद है।

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