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पेयजल सेवाओं का आंकलन करने के लिए जल सेवा आंकलन का शुभारंभ

 

जल जीवन मिशन के अंतर्गत सेवा वितरण और सामुदायिक स्वामित्व को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने आज जल जीवन मिशन (जेजेएम) पोर्टल पर ग्राम पंचायत के नेतृत्व में संचालित डिजिटल पेयजल सेवा कार्यक्षमता मूल्यांकन उपकरण ' जल सेवा आंकलनका ई-लॉन्च किया।
यह पहल अवसंरचना निर्माण से सतत सेवा वितरण की ओर एक निर्णायक बदलाव का प्रतीक हैजो हर घर जल (एचजीजे) गांवों में पेयजल आपूर्ति की नियमिततापर्याप्ततागुणवत्ता और स्थिरता का आंकलन करने के केंद्र में ग्राम पंचायतों और ग्राम संस्थानों को रखती है।
कई ग्राम पंचायतों को हर घर जल का दर्जा प्राप्त होने के साथजल जीवन मिशन एक नए चरण में प्रवेश कर चुका हैजहां नल कनेक्शन से प्रतिदिन विश्वसनीय और सुरक्षित पेयजल सेवाएं सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है। जल सेवा आंकलन को एक सामुदायिक स्वामित्व वाली स्व-मूल्यांकन प्रणाली के रूप में परिकल्पित किया गया हैजो गांवों को केवल अनियमित और महंगे तृतीय-पक्ष सर्वेक्षणों पर निर्भर रहने के बजाय अपनी जल सेवा वितरण प्रणालियों पर सामूहिक रूप से विचार करने में सक्षम बनाती है।

इस टूल का औपचारिक ई-लॉन्च केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने किया। इस कार्यक्रम में जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना और श्री राज भूषण चौधरी , पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियोंराज्यों और संस्थानों के प्रतिनिधिपंचायत सचिवसरपंच और ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्य उपस्थित थे। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से हर घर जल ग्राम पंचायतों के लगभग 10,000 प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया।
सभा को संबोधित करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य केवल संसाधन सृजन करना ही नहीं हैबल्कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सतत आधार पर विश्वसनीय पेयजल सेवाएं उपलब्ध कराना भी है। उन्होंने मिशन के चार प्रमुख स्तंभों - राजनीतिक इच्छाशक्तिजनभागीदारीहितधारकों का सहयोग और संसाधनों का इष्टतम उपयोग - का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जनभागीदारी हर घर जल की उपलब्धियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है।

उन्होंने कहा कि जल सेवा आंकलन ग्राम पंचायतों को अपनी जल आपूर्ति प्रणालियों का संरक्षक बनने का अधिकार देता है और ग्राम सभाओं के माध्यम से लोकतांत्रिक निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन जनता और गांवों के लिए हैऔर इसे जारी रखने की जिम्मेदारी स्वयं समुदाय की हैयह केवल जन भागीदारी के माध्यम से ही संभव है।
मंत्री महोदय कहा कि ग्रामीण पेयजल प्रणालियों की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए सामुदायिक भागीदारी और पारदर्शिता आवश्यक हैंऔर यह नया टूल सेवा वितरण में मौजूद कमियों की जल्द पहचान करने और समय पर सुधारात्मक कार्रवाई करने में मदद करेगा।

 

जल शक्ति राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और हर घर जल की उपलब्धियों को बनाए रखने और गांवों में बदलाव को गति देने में जन भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जल सेवा आंकलन स्थानीय संस्थानों में सरकार के विश्वास को दर्शाता है और पेयजल सेवाओं के ग्राम-स्तरीय प्रशासन को और मजबूत करेगा।

ग्राम पंचायतों के साथ संवाद

इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण मंत्री श्री सी.आर. पाटिल और घोनाशी ग्राम पंचायत (कराड ब्लॉकसतारा जिलामहाराष्ट्र)गोगाथला ग्राम पंचायत (रेलमगरा ब्लॉकराजसमंद जिलाराजस्थान) और बिल्हापुर ग्राम पंचायत (अमरोधा ब्लॉककानपुर देहात जिलाउत्तर प्रदेश) के पंचायत प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत थी। ग्राम प्रतिनिधियों ने ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियों के प्रबंधनजल आपूर्ति की नियमितता और गुणवत्ता सुनिश्चित करनेनियमित परीक्षणउपयोगकर्ता शुल्क संग्रह और हर घर जल की उपलब्धियों को बनाए रखने के अपने अनुभव साझा किए।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव श्री अशोक के.के. मीना ने स्पष्ट किया कि जल सेवा आंकलन न तो कोई निरीक्षण है और न ही कोई बाहरी ऑडिट , बल्कि यह एक संरचितसमुदाय-नेतृत्व वाली स्व-समीक्षा प्रक्रिया है जो गांवों को यह आंकलन करने में सक्षम बनाती है कि उनकी पाइपलाइन द्वारा जल आपूर्ति प्रणाली कितनी प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल में समुदायोंग्राम पंचायतों और ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों को नियमिततापर्याप्ततागुणवत्ता और प्रणाली रखरखाव जैसे सेवा वितरण मापदंडों के मूल्यांकन के केंद्र में रखा गया हैऔर निष्कर्षों पर ग्राम सभा द्वारा विचार-विमर्श किया जाता है और उन्हें ग्राम सभा द्वारा स्वीकार किया जाता है।

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अतिरिक्त सचिव एवं मिशन निदेशक श्री कमल किशोर सोआन ने जल सेवा आंकलन प्रक्रिया की व्याख्या करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों द्वारा दी गई जानकारी को सही और जिम्मेदारीपूर्वक भरना आवश्यक है , क्योंकि मूल्यांकन आंकड़े राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगाजो सटीकता और विश्वसनीयता के महत्व को रेखांकित करता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जिला पंचायतों की इसमें सक्रिय सहायक भूमिका है , जिसमें जिला स्तर पर योजना और समन्वय शामिल हैजबकि ब्लॉक स्तर पर व्यवस्थित प्रशिक्षण , विशेष रूप से पंचायत सचिवों का प्रशिक्षणसही आंकड़ों का प्रविष्टि सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि मूल्यांकन की प्रामाणिकता केवल ग्राम सभा में विचार-विमर्श और अनुमोदन के माध्यम से ही सुनिश्चित की जा सकती है , जो जल सेवा आंकलन परिणामों के सामूहिक सत्यापन और स्वामित्व के लिए अंतिम मंच के रूप में कार्य करती है।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की संयुक्त सचिव श्रीमती स्वाति मीना नाइक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआजिसके बाद मिशन की उप सचिव श्रीमती अंकिता चक्रवर्ती द्वारा ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के लिए जल सेवा आंकलन उपकरण पर एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया 

जल सेवा आंकलन क्यों महत्वपूर्ण है?

कई ग्राम पंचायतों को हर घर जल का दर्जा प्राप्त हो जाने के बादअब नियमितपर्याप्तसुरक्षित और सतत पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जल सेवा आंकलन अनियमित बाहरी सर्वेक्षणों पर निर्भरता को स्थानीय शासन में निहित एक सततसंस्थागत रूप से स्थापित मूल्यांकन तंत्र से प्रतिस्थापित करता है ।

इस मूल्यांकन में सेवा के प्रमुख मापदंड शामिल हैंजिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • जल आपूर्ति की नियमितता और पर्याप्तता
  • पेयजल की गुणवत्ता
  • प्रणालियों का संचालन और रखरखाव
  • स्रोत स्थिरता
  • ग्राम-स्तर पर संस्थागत और प्रबंधन व्यवस्थाएं।

मूल्यांकन प्रक्रिया

यह प्रक्रिया ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्योंपंचायत सचिवसिस्टम संचालकों और जल उपयोगकर्ताओं के प्रतिनिधियोंजिनमें महिलाएं और कमजोर समूह शामिल हैंके साथ संरचित चर्चाओं से शुरू होती है। इसके बाद निष्कर्षों को खुली चर्चा और अनुमोदन के लिए ग्राम सभा के समक्ष रखा जाता है।

ग्राम सभा के प्रस्ताव द्वारा अनुमोदन प्राप्त होने परमूल्यांकन को डिजिटल रूप से जल जीवन मिशन पंचायत डैशबोर्ड पर अपलोड किया जाता है और ई-ग्राम स्वराज और मेरी पंचायत ऐप जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से सार्वजनिक किया जाता है। अंतिम रूप देने से पहले नागरिकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए 30 दिनों की अवधि दी जाती है। ये निष्कर्ष जिला कलेक्टरों/सीईओ जिला पंचायतों और राज्य-स्तरीय अधिकारियों को भी उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके और समस्याओं का समाधान किया जा सके।

अपेक्षित परिणाम

जल सेवा आंकलन से यह अपेक्षित है:

  • ग्राम सभा की चर्चाओं में पेयजल सेवा मूल्यांकन को आधार प्रदान करना।
  • परिचालनगुणवत्ता और स्थिरता संबंधी चुनौतियों की शीघ्र पहचान को सक्षम बनाना।
  • सेवा प्रदर्शन की सार्वजनिक जानकारी के माध्यम से पारदर्शिता में सुधार करना।
  • साक्ष्य-आधारित जिला और राज्य-स्तरीय योजना का समर्थन करना।
  • ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियों के सामुदायिक प्रबंधन को सुदृढ़ करना।

सभी हर घर जल ग्राम पंचायतों से 26 जनवरी 2026 तक जल सेवा आंकलन को पूरा करने की अपेक्षा की जाती है , जो इस सिद्धांत को सुदृढ़ करता है कि ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियां समुदाय की हैं और उनका प्रबंधन स्वयं समुदाय द्वारा किया जाना चाहिए।

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