भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की दूरदृष्टि के कारण ही भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
दादर स्थित चैत्यभूमि में 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर अभिवादन कार्यक्रम
मुंबई, दिसंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
भारत विविधता से परिपूर्ण देश है। इतनी विशाल राष्ट्र-रचना में एकता, न्याय और समानता की संगठित भावना को स्थापित करने हेतु संविधान निर्माण करना अत्यंत महान और ऐतिहासिक कार्य था। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने देश की सामाजिक विविधता को एकजुट कर सभी को समान अधिकार प्रदान करने वाला संविधान राष्ट्र को दिया, ऐसा प्रतिपादन राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किया।
मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि में आयोजित भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस के अभिवादन (श्रध्दांजली) कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, विधानसभा उपाध्यक्ष अण्णा बनसोडे, कौशल विकास, रोजगार व उद्यमिता मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, सांस्कृतिक कार्य मंत्री ॲड. आशिष शेलार, मृदा व जलसंधारण मंत्री संजय राठोड़, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, पूर्व मंत्री संजय बनसोडे, विधायक कालिदास कोलंबकर, विधायक चित्रा वाघ, विधायक अमित साटम, पूर्व सांसद एवं महाराष्ट्र राज्य त्रिभाषा समिति के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र जाधव, पूर्व सांसद राहुल शेवाळे, डॉ. आंबेडकर के पोता आनंदराज आंबेडकर, बीएमसी आयुक्त भूषण गगराणी, कोकण विभागीय आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी, सामाजिक न्याय विभाग के प्रधान सचिव डॉ. हर्षदीप कांबले, महापरिनिर्वाण दिन समन्वय समिति के सरचिटणीस नागसेन कांबले पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में अनुयायी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि जब किसी राष्ट्र में युगपुरुष जन्म लेते हैं, तभी सामाजिक न्याय का आंदोलन सशक्त होता है। ऐसे युगपुरुष भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच न हों, परंतु उनके विचार और कार्य सदैव जनता के हृदयों में जीवित रहते हैं — इसी कारण बाबासाहेब अमर हैं। कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने समाज का भविष्य बदलने के लिए शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार माना। एक शिक्षित व्यक्ति पूरे परिवार, समाज और राष्ट्र का भविष्य बदल सकता है — यह संदेश उन्होंने कर्म से दिया।
मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि में आयोजित भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस के अभिवादन (श्रध्दांजली) कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, विधानसभा उपाध्यक्ष अण्णा बनसोडे, कौशल विकास, रोजगार व उद्यमिता मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, सांस्कृतिक कार्य मंत्री ॲड. आशिष शेलार, मृदा व जलसंधारण मंत्री संजय राठोड़, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, पूर्व मंत्री संजय बनसोडे, विधायक कालिदास कोलंबकर, विधायक चित्रा वाघ, विधायक अमित साटम, पूर्व सांसद एवं महाराष्ट्र राज्य त्रिभाषा समिति के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र जाधव, पूर्व सांसद राहुल शेवाळे, डॉ. आंबेडकर के पोता आनंदराज आंबेडकर, बीएमसी आयुक्त भूषण गगराणी, कोकण विभागीय आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी, सामाजिक न्याय विभाग के प्रधान सचिव डॉ. हर्षदीप कांबले, महापरिनिर्वाण दिन समन्वय समिति के सरचिटणीस नागसेन कांबले पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में अनुयायी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि जब किसी राष्ट्र में युगपुरुष जन्म लेते हैं, तभी सामाजिक न्याय का आंदोलन सशक्त होता है। ऐसे युगपुरुष भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच न हों, परंतु उनके विचार और कार्य सदैव जनता के हृदयों में जीवित रहते हैं — इसी कारण बाबासाहेब अमर हैं। कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने समाज का भविष्य बदलने के लिए शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार माना। एक शिक्षित व्यक्ति पूरे परिवार, समाज और राष्ट्र का भविष्य बदल सकता है — यह संदेश उन्होंने कर्म से दिया।
भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की दूरदृष्टि का परिणाम : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने राष्ट्र की प्रगति की नींव रखी। उनकी दूरदृष्टि के कारण भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और शीघ्र ही तीसरे स्थान पर पहुंचेगा।
ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में बाबासाहेब के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड की संकल्पना भारत ने बाबासाहेब की वजह से स्वीकार की, जिससे देश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। भारतीय लोकतंत्र की मजबूत बुनियाद और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा बाबासाहेब द्वारा प्रदत्त संविधान के कारण संभव हुई।
उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने समाज से विषमता समाप्त कर समान अवसर देने वाला वातावरण निर्मित किया। विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान भारत के पास है और हर समस्याओं का समाधान इसी में उपलब्ध है। चैत्यभूमि परिसर में प्रस्तावित स्मारक कार्य जल्द पूर्ण करने हेतु शासन कटिबद्ध है, यह भी उन्होंने बताया।
महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचार राष्ट्र का मार्गदर्शन करते रहेंगे : उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने भारतीय संविधान का निर्माण कर लोकतंत्र को सुदृढ़ आधार दिया। उनका संघर्ष मानवमुक्ति का संघर्ष था — न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व स्थापित करने का संघर्ष था। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब द्वारा दिया गया त्रिसूत्री मंत्र “शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो” आज भी समाज परिवर्तन की दिशा है। संविधान के माध्यम से वंचित व कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का ऐतिहासिक कार्य डॉ. आंबेडकर ने किया, ऐसा भी उन्होंने कहा।
कार्यक्रम की शुरुआत में राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री सहित मान्यवरों ने पुष्पचक्र अर्पित कर डॉ. आंबेडकर को अभिवादन किया। इसके पश्चात राज्यपाल द्वारा भिक्षुओं को चिवर दान किया गया। मान्यवरों ने बीएमसी द्वारा आयोजित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्पवृष्टि भी की गई।
महाराष्ट्र राज्य त्रिभाषा समिति के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र जाधव ने सभी मान्यवरों को संविधान की प्रति भेंट की।


0 टिप्पणियाँ