प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो कौशल विकास, अल्पसंख्यक महिलाओं में उद्यमशीलता और स्कूल छोड़ने वालों के लिए शिक्षा सहायता के माध्यम से छह अधिसूचित अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण पर केंद्रित है।
अल्पसंख्यक युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) योजना के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:-
प्रधानमंत्री विकास योजना के अंतर्गत, कार्यान्वयन एजेंसियों को योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार उम्मीदवारों की नियुक्ति सुनिश्चित करनी होती है और यह मंत्रालय द्वारा कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के अंतर्गत है। गैर-पारंपरिक (आधुनिक) कौशल विकास के अंतर्गत, पीआईए को कम से कम 75 प्रतिशत कुशल लाभार्थियों को किसी न किसी प्रकार के रोजगार (मजदूरी/स्व-रोजगार/प्रशिक्षुता) में नियुक्त करना सुनिश्चित करना होता है, जिनमें से कम से कम 50 प्रतिशत को राष्ट्रीय कौशल गुणवत्ता ढांचे (एनएसक्यूएफ)/सामान्य लागत मानदंड (सीसीएन) में वर्गीकृत संगठित क्षेत्र में नियुक्त किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री विकास योजना के अंतर्गत लगभग 1.40 लाख लाभार्थियों के लक्ष्य हेतु आवंटन पत्र जारी किए जा चुके हैं। घटक, कार्य-भूमिका और क्षेत्र के हिसाब से विभाजन (आज की तिथि तक) अनुलग्नक 1 में दिया गया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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अनुलग्नक-I
राज्य सभा अतारांकित प्रश्न संख्या के भाग (डी) का परिशिष्ट-I 131 ‘प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन योजना के उद्देश्य’ के संबंध में 01.12.2025 को उत्तर के लिए।
पीएम विकास के तहत आवंटित लक्ष्य का कार्य-भूमिका और क्षेत्र-वार विभाजन
- आवश्यकता-आधारित पाठ्यक्रमों में कौशल प्रशिक्षण सहायता प्रदान करके तथा उनके लिए रोजगार/आजीविका के अवसर सुनिश्चित करके लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों की क्षमता का निर्माण करना।
- साहित्य/दस्तावेजों/पांडुलिपियों के प्रचार-प्रसार तथा अपनी सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करके पारंपरिक कलाओं और शिल्प रूपों सहित सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और बढ़ावा देना।
- अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं को सशक्त बनाना तथा नेतृत्व एवं उद्यमिता प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान करके उनमें आत्मविश्वास पैदा करना।
- बाजार और ऋण संपर्कों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के लिए रोजगार क्षमता में सुधार लाना तथा आजीविका के बेहतर अवसर पैदा करना।
प्रधानमंत्री विकास योजना के अंतर्गत, कार्यान्वयन एजेंसियों को योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार उम्मीदवारों की नियुक्ति सुनिश्चित करनी होती है और यह मंत्रालय द्वारा कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के अंतर्गत है। गैर-पारंपरिक (आधुनिक) कौशल विकास के अंतर्गत, पीआईए को कम से कम 75 प्रतिशत कुशल लाभार्थियों को किसी न किसी प्रकार के रोजगार (मजदूरी/स्व-रोजगार/प्रशिक्षुता) में नियुक्त करना सुनिश्चित करना होता है, जिनमें से कम से कम 50 प्रतिशत को राष्ट्रीय कौशल गुणवत्ता ढांचे (एनएसक्यूएफ)/सामान्य लागत मानदंड (सीसीएन) में वर्गीकृत संगठित क्षेत्र में नियुक्त किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री विकास योजना के अंतर्गत लगभग 1.40 लाख लाभार्थियों के लक्ष्य हेतु आवंटन पत्र जारी किए जा चुके हैं। घटक, कार्य-भूमिका और क्षेत्र के हिसाब से विभाजन (आज की तिथि तक) अनुलग्नक 1 में दिया गया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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अनुलग्नक-I
राज्य सभा अतारांकित प्रश्न संख्या के भाग (डी) का परिशिष्ट-I 131 ‘प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन योजना के उद्देश्य’ के संबंध में 01.12.2025 को उत्तर के लिए।
पीएम विकास के तहत आवंटित लक्ष्य का कार्य-भूमिका और क्षेत्र-वार विभाजन

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