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राज्य में आध्यात्मिक सत्संग शुरू करने की अनुमति दी जाए

स्पिरीचुअल सोशल एंड चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से मांग
हड़पसर, जनवरी (ह.ए. प्रतिनिधि)
कोविड-19 बीमारी पर राज्य में अंकुश लगा दिया गया है, साथ ही टीकाकरण भी शुरू किया गया है। राज्य पूर्ववत हो रहा है, इस स्थिति में आध्यात्मिक सत्संग शुरू करने की अनुमति दी जाए। यह मांग स्पिरीचुअल सोशल एंड चैरिटेबल फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को निवेदन द्वारा की है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को ई मेल द्वारा भेजे गए निवेदन में कहा गया है कि जब से आपने राज्य की बागडोर संभाली है, महाराष्ट्र सुचारू रूप से चल रहा है। हमें आपके काम पर बहुत गर्व है। आपने कोविड-19 प्रसार की अवधि के दौरान स्थिति को बहुत अच्छे तरीके से संभालकर इस बीमारी को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है। इसके अलावा, राज्य में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। तनावपूर्ण जीवन में तनाव से मन शांति आध्यात्मिक सत्संग से ही मिलती है। लोग दु:ख को भूलकर खुश रहें, इसलिए सत्संग की जरूरत है। केंद्र सरकार ने देश में आध्यात्मिक सत्संग के लिए 100 लोगों को इकट्ठा करने की अनुमति दी है। राज्य ने अभी तक इसके लिए अनुमति नहीं दी है। महाराष्ट्र में भी स्कूल शुरू हो रहे हैं। राज्य की स्थिति को देखते हुए कुछ शर्तों पर आध्यात्मिक सत्संगों को शुरू करने की अनुमति देने में कोई आपत्ति नहीं है। हम गवाही देते हैं कि आपके द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करेंगे। यह जानकारी स्पिरीचुअल सोशल एंड चैरिटेबल फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव अनिल मोरे ने दी है।
निवेदन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री महाराष्ट्र में आध्यात्मिक सत्संग आयोजित करने की अनुमति देने का आदेश संबंधित विभागों और नगर निगमों दें, यह मांग की गई है। उक्त निवेदन मांग पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने ध्यान देते हुए आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित विवरण शहरी विकास विभाग को भेज दिया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए स्पिरीचुअल सोशल एंड चैरिटेबल फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव अनिल मोरे ने कहा कि तनावपूर्ण जीवन में आध्यात्मिक समर्थन महत्वपूर्ण है। दैनिक जीवन में कई प्रकार के तनाव हैं। मन की शांति के लिए आध्यात्मिक सत्संग आवश्यक है। सत्संग के कारण चिंता दूर होती है, स्वास्थ्य बना रहता है और सामाजिक सद्भाव बना रहता है। आध्यात्मिक सत्संगों को नियमों द्वारा राज्य में शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

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