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मनपा पुणे में शामिल नए गांवों की समस्याएं ज्यों की त्यों

आंबेगांव बुद्रुक, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पुणे मनपा में पहले 11 और बाद में 23 गांवों को मनपा में शामिल किया गया और वहाँ के निवासियों से प्रापर्टी टैक्स, पानी का टैक्स और जो मनपा टैक्स बिल में टैक्स लगाए जाते हैं, वे सभी लिए जाने लगे और मनपा पुणे की आय में अच्छी खासी बढ़ोतरी भी हुई, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उतना इजाफा नहीं हुआ। प्रापर्टी टैक्स का बिल तो एक एक घर से 50 से लेकर 90 हजार तक का आ गया। पीने के पानी के नाम पर कोई विशेष कार्रवाई दिखाई नहीं देती। आंबेगांव खुर्द में शनिनगर से कालेवाडी तक बसी बस्तियों, सोसाइटियों में पीने के पानी के लिए आंदोलन किए गए, मनपा आयुक्त के साथ संसदरत्न सांसद सुप्रिया सुले को लेकर बैठकें की गईं तो शनिनगर से विट्ठलनगर तक करीब तीन चार सौ मीटर तक पानी आ गया। और बाकी की सद्गुरु हाइट्स, विवा सरोवर, सिद्धिविनायक सोसाइटी से आगे दरीपुल तक बसी सोसाइटियां पानी के लिए अभी भी इंतजार कर रही हैं। लगातार 8 वर्ष यानी कि मनपा में समावेशन से पहले ग्राम पंचायत के कार्यकाल से लेकर सप्तगिरी सोसाइटी के निवासी पानी के लिए संघर्ष कर रहे थे, परंतु विधायक संजय चंदूकाका जगताप की कृपा और पूर्व ग्राम पंचायत सदस्य प्रसाद शामराव जगताप के सहयोग से सप्तगिरी सोसाइटी को पानी मिल सका।
स्वास्थ्य और सफाई के मामले में दत्तनगर जांभुलवाडी रोड पर सांसद सुप्रिया सुले और दत्स्थातनगर जांभुलवाडी रोड पर रह रहीं स्थानीय पूर्व नगरसेविका स्मिता कोंढरे के सहयोग से एक मनपा का अस्पताल खोला गया और इसी रोड पर सफाई भी होने लगी परंतु सप्तगिरी सोसाइटी, वाघजाई नगर में कभी कभार सफाईवालियों के दर्शन हो जाते हैं। उल्लेखनीय है कि दत्तनगर जांभुलवाडी रोड के अलावा जैन मंदिर से लेकर पतंगराव कदम के बंगले तक सैकड़ों सोसाइटियां बन चुकी हैं। हजारों लोग रहने लगे हैं परंतु पानी नहीं, साफ सफाई नहीं, पोस्ट ऑफिस नहीं, कोई बैंक नहीं, एटीएम नहीं बस टैक्स वसूली। पुणे मनपा में शामिल नए 34 गांवों में विकास गंगा कब बहेगी, पता नहीं, बस इंतजार है।

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