मुख्य समाचार

6/recent/ticker-posts

हड़पसर साहित्य व संस्कृति मंडल, शिवसमर्थ सिद्धेश्वर संस्था और संस्कार विश्व द्वारा किया गया पत्रलेखन प्रतियोगिता का आयोजन

हड़पसर, जनवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
पुराने समय की स्मृतियों को संजोए रखने वाला माध्यम था पत्रलेखन। आजकल व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे तेज संचार के युग में पत्र लेखन को भुलाया जा रहा है।
मोबाइल के नए जमाने में बच्चों को भूली हुई चिट्ठी के बारे में पता होना चाहिए, विचारों को प्रकट करनेवाला लेखन उनके द्वारा होना चाहिए। इसी उद्देश्य से पत्रलेखन प्रतियोगिता का आयोजन हड़पसर साहित्य व संस्कृति मंडल, शिवसमर्थ सिद्धेश्वर संस्था और संस्कार विश्व द्वारा संयुक्त रूप से मगरपट्टा स्थित लोहिया उद्यान में किया गया था। इस प्रतियोगिता में 15 वर्ष के बच्चों से लेकर 80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया।
शहर में बढ़ते अपराध पर कैसे अंकुश लगाया जाए, इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को पत्र, स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की पृष्ठभूमि में शहीदों को पत्र, एक पसंदीदा महान फिल्म के विषय पर अपने भाई/बहन को एक पत्र, कि आपको इसे क्यों देखना चाहिए? अपने पसंदीदा खिलाड़ी को पत्र, ऑनलाइन शिक्षा पर अपने विचारों के संबंध में अपने माता-पिता/शिक्षकों को एक पत्र, कोरोना ने क्या दिया और क्या छीन लिया? इस बारे में अपने मित्र को पत्र ऐसे विषयों पर प्रतिभागियों ने पत्र लिखें। 
इस अवसर पर यहां हड़पसर साहित्य व संस्कृति मंडल के अध्यक्ष सुधीर मेथेकर, पूर्व नगरसेविका उज्ज्वला सुभाष जंगले, वरिष्ठ नागरिक आशा शिंदे, जयवंत हापन, माधव उंडे, पुरुषोत्तम थेटे, पूर्व नगरसेवक शिवाजी पवार, सिद्धेश्वर संस्था के डॉ. शंतनु जगदाले, समर्थ संस्था की मनीषा दीपक वाघमारे, प्रा. कुलकर्णी, महादेव धर्मे, राहुल टकले, दिगंबर माने, बापू जगताप, राजेंद्र बाजारे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। 
पत्र लेखन प्रतियोगिता 2017 में शुरू हुई थी। बीच में कोरोना के कारण दो साल तक प्रतियोगिता नहीं हो सकी थी। यह इस साल की पांचवीं पत्र लेखन प्रतियोगिता थी। पत्र लेखन के प्रभावी माध्यम से संपर्क होना संभव था। इसके द्वारा सौहार्दपूर्ण संचार, एक दूसरे की भावनाएँ, काम की दिशा साथ ही आंतरिक चाह पैदा होती है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। 
प्रतियोगिता चार आयु वर्ग में ली गई। सर्वश्रेष्ठ पत्र लेखन के विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी आयोजक सुधीर मेथेकर, मनीषा वाघमारे और डॉ. शंतनु जगदाले द्वारा दी गई है।





एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ