मुंबई, फरवरी (महासंवाद)
बंबई उच्च न्यायालय के प्रभारी मुख्य न्यायाधीश संजय वि. गंगापुरवाला ने श्री रमेश बैस को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई। श्री बैस 20वें राज्यपाल हैं और उन्होंने मराठी में पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
राज्यपाल की पत्नी रामबाई बैस, केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले, विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर, पर्यटन मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, लोकायुक्त विद्यासागर कानडे, अध्यक्ष राज्य मानवाधिकार आयोग। (सेवानिवृत्त) के.के. तातेड़, जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं आमंत्रित नागरिक उपस्थित थे।
प्रारंभ में मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव ने राज्यपाल की नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जारी अधिसूचना पढ़कर सुनाई। शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। शपथ ग्रहण समारोह के बाद भारतीय नौसेना द्वारा राज्यपाल का अभिनंदन किया गया।
राज्यपाल रमेश बैस का परिचय
राज्यपाल रमेश बैस तत्कालीन मध्य प्रदेश और वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में एक सम्मानित नाम हैं।
संसदीय राजनीति, सामाजिक सरोकार और संगठन कार्य में पांच दशकों के लंबे अनुभव के साथ श्री बैस ने सार्वजनिक जीवन में नगरसेवक के पद से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री और राज्यपाल के पद तक विभिन्न जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है।
2 अगस्त 1947 को रायपुर (छ.ग.) में जन्मे श्री बैस की शिक्षा रायपुर में हुई थी।
वर्ष 1978 में वे पहली बार रायपुर नगर निगम में पार्षद चुने गए। वे 1980 से 1985 तक मध्य प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। इस अवधि के दौरान, उन्होंने मध्य प्रदेश विधानमंडल की बजट समिति के सदस्य और फिर पुस्तकालय समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। वह 1982 से 1988 तक मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री भी रहे।
वर्ष 1989 में श्री बैस पहली बार रायपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे। तब से वह छह बार यानी कुल सात बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं।
वर्ष 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में श्री बैस को इस्पात और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
1999 से 2004 तक उन्होंने पहले रसायन और उर्वरक और फिर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
वर्ष 2003 में श्री बैस को केंद्रीय खान मंत्रालय में राज्य मंत्री के पद का स्वतंत्र प्रभार दिया गया और कुछ समय के लिए वे केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।
अपने लंबे संसदीय कैरियर के दौरान श्री बैस ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर संसदीय समिति, लोक लेखा समिति, ऊर्जा मंत्रालय की सलाहकार समिति, कोयला और खान मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति, नियम समिति आदि के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।
2009 से 2014 तक श्री बैस लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख प्रतिनिधि थे। 2014 से 2019 तक वह 16 वीं लोकसभा के सदस्य रहते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। श्री बैस ने विकलांग व्यक्तियों के साथ-साथ तृतीय पक्ष (ट्रांसजेंडर) व्यक्तियों के अधिकार और सुरक्षा विधेयक के संबंध में व्यापक शोध और अध्ययन किया है।
वर्ष 2019 में मि. बैस को राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया। वह 29 जुलाई 2019 से 13 जुलाई 2021 तक त्रिपुरा के राज्यपाल रहे। फिर उन्हें 14 जुलाई 2021 को झारखंड के राज्यपाल के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया।
नवनियुक्त राज्यपाल श्री बैस को समाज सेवा का शौक है और उन्होंने अक्सर स्वास्थ्य शिविर, नेत्र जांच शिविर और साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है। श्री। बैस छत्तीसगढ़ तीरंदाजी ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे मध्य प्रदेश बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
बंबई उच्च न्यायालय के प्रभारी मुख्य न्यायाधीश संजय वि. गंगापुरवाला ने श्री रमेश बैस को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई। श्री बैस 20वें राज्यपाल हैं और उन्होंने मराठी में पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।
राज्यपाल की पत्नी रामबाई बैस, केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले, विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर, पर्यटन मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, लोकायुक्त विद्यासागर कानडे, अध्यक्ष राज्य मानवाधिकार आयोग। (सेवानिवृत्त) के.के. तातेड़, जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं आमंत्रित नागरिक उपस्थित थे।
प्रारंभ में मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव ने राज्यपाल की नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जारी अधिसूचना पढ़कर सुनाई। शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। शपथ ग्रहण समारोह के बाद भारतीय नौसेना द्वारा राज्यपाल का अभिनंदन किया गया।
राज्यपाल रमेश बैस का परिचय
राज्यपाल रमेश बैस तत्कालीन मध्य प्रदेश और वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में एक सम्मानित नाम हैं।
संसदीय राजनीति, सामाजिक सरोकार और संगठन कार्य में पांच दशकों के लंबे अनुभव के साथ श्री बैस ने सार्वजनिक जीवन में नगरसेवक के पद से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री और राज्यपाल के पद तक विभिन्न जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है।
2 अगस्त 1947 को रायपुर (छ.ग.) में जन्मे श्री बैस की शिक्षा रायपुर में हुई थी।
वर्ष 1978 में वे पहली बार रायपुर नगर निगम में पार्षद चुने गए। वे 1980 से 1985 तक मध्य प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। इस अवधि के दौरान, उन्होंने मध्य प्रदेश विधानमंडल की बजट समिति के सदस्य और फिर पुस्तकालय समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। वह 1982 से 1988 तक मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री भी रहे।
वर्ष 1989 में श्री बैस पहली बार रायपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे। तब से वह छह बार यानी कुल सात बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं।
वर्ष 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में श्री बैस को इस्पात और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
1999 से 2004 तक उन्होंने पहले रसायन और उर्वरक और फिर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
वर्ष 2003 में श्री बैस को केंद्रीय खान मंत्रालय में राज्य मंत्री के पद का स्वतंत्र प्रभार दिया गया और कुछ समय के लिए वे केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।
अपने लंबे संसदीय कैरियर के दौरान श्री बैस ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर संसदीय समिति, लोक लेखा समिति, ऊर्जा मंत्रालय की सलाहकार समिति, कोयला और खान मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति, नियम समिति आदि के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।
2009 से 2014 तक श्री बैस लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख प्रतिनिधि थे। 2014 से 2019 तक वह 16 वीं लोकसभा के सदस्य रहते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। श्री बैस ने विकलांग व्यक्तियों के साथ-साथ तृतीय पक्ष (ट्रांसजेंडर) व्यक्तियों के अधिकार और सुरक्षा विधेयक के संबंध में व्यापक शोध और अध्ययन किया है।
वर्ष 2019 में मि. बैस को राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया। वह 29 जुलाई 2019 से 13 जुलाई 2021 तक त्रिपुरा के राज्यपाल रहे। फिर उन्हें 14 जुलाई 2021 को झारखंड के राज्यपाल के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया।
नवनियुक्त राज्यपाल श्री बैस को समाज सेवा का शौक है और उन्होंने अक्सर स्वास्थ्य शिविर, नेत्र जांच शिविर और साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है। श्री। बैस छत्तीसगढ़ तीरंदाजी ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे मध्य प्रदेश बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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