हड़पसर, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
संभाजी ब्रिगेड की ओर से सुतारवाड़ी पाषाण मुंबई-बंगलौर महामार्ग का अतिक्रमण हटाने की जो मांग की गई थी उस मांग को सफलता मिली है। यह जानकारी संभाजी ब्रिगेड पुणे जिला के जिलाध्यक्ष उत्तम बापू कामठे ने दी।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि संभाजी ब्रिगेड पुणे जिला की ओर से पुणे महानगरपालिका प्रवेश द्वार पर आमरण अनशन चल रहा था। पुणे शहर और उसके आसपास कई अवैध निर्माण हैं, लेकिन गरीबों के घरों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है, लेकिन धनवानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है क्योंकि उनके पीछे प्रशासन के अधिकारी शामिल होते हैं। ये अधिकारी आर्थिक लेन-देन कर इन लोगों की मदद करने का काम करते हैं। इसकी कड़ी निंदा हम करते हैं। इस समस्या के खिलाफ आवाज उठाने के लिए संभाजी ब्रिगेड की ओर से आमरण अनशन किया गया था। पुणे महानगरपालिका के अधिकारियों के साथ संभाजी ब्रिगेड के आंदोलनकर्ता व पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में प्रशासन ने लिखित में आश्वासन दिया कि अगले कुछ दिनों में विभाग स्थल का विस्तार से निरीक्षण कर उचित कार्रवाई करेगा। अपर आयुक्त ने अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया। आमरण अनशन पर बैठे पदाधिकारियों ने उनके आग्रह का सम्मान करते हुए अपना अनशन वापस ले लिया। अनशनकारियों को नवी मुंबई जिलाध्यक्ष मारुति खुटवड, आरपीआई के पश्चिम महाराष्ट्र सचिव भिंगार दिवे, प्रवीण पवार, नामदेव कामठे, मनपा व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के हाथों से जूस पिलाकर अनशनकारियों ने अपना अनशन वापस ले लिया।
आमरण अनशन में संभाजी ब्रिगेड की जिला सचिव तेजश्री पवार, महिला आघाडी उपाध्यक्ष स्मिता पवार, जिला उपाध्यक्ष अनिल बोटे, अतुल येवले, संघटक रेखा कामठे, उज्वला कामठे व विविध संघटन के पदाधिकारी आंदोलन स्थल पर पिछले चार दिनों से उपस्थित रहकर आंदोलन में शामिल हुए थे।
संभाजी ब्रिगेड की ओर से सुतारवाड़ी पाषाण मुंबई-बंगलौर महामार्ग का अतिक्रमण हटाने की जो मांग की गई थी उस मांग को सफलता मिली है। यह जानकारी संभाजी ब्रिगेड पुणे जिला के जिलाध्यक्ष उत्तम बापू कामठे ने दी।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि संभाजी ब्रिगेड पुणे जिला की ओर से पुणे महानगरपालिका प्रवेश द्वार पर आमरण अनशन चल रहा था। पुणे शहर और उसके आसपास कई अवैध निर्माण हैं, लेकिन गरीबों के घरों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है, लेकिन धनवानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है क्योंकि उनके पीछे प्रशासन के अधिकारी शामिल होते हैं। ये अधिकारी आर्थिक लेन-देन कर इन लोगों की मदद करने का काम करते हैं। इसकी कड़ी निंदा हम करते हैं। इस समस्या के खिलाफ आवाज उठाने के लिए संभाजी ब्रिगेड की ओर से आमरण अनशन किया गया था। पुणे महानगरपालिका के अधिकारियों के साथ संभाजी ब्रिगेड के आंदोलनकर्ता व पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में प्रशासन ने लिखित में आश्वासन दिया कि अगले कुछ दिनों में विभाग स्थल का विस्तार से निरीक्षण कर उचित कार्रवाई करेगा। अपर आयुक्त ने अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया। आमरण अनशन पर बैठे पदाधिकारियों ने उनके आग्रह का सम्मान करते हुए अपना अनशन वापस ले लिया। अनशनकारियों को नवी मुंबई जिलाध्यक्ष मारुति खुटवड, आरपीआई के पश्चिम महाराष्ट्र सचिव भिंगार दिवे, प्रवीण पवार, नामदेव कामठे, मनपा व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के हाथों से जूस पिलाकर अनशनकारियों ने अपना अनशन वापस ले लिया।
आमरण अनशन में संभाजी ब्रिगेड की जिला सचिव तेजश्री पवार, महिला आघाडी उपाध्यक्ष स्मिता पवार, जिला उपाध्यक्ष अनिल बोटे, अतुल येवले, संघटक रेखा कामठे, उज्वला कामठे व विविध संघटन के पदाधिकारी आंदोलन स्थल पर पिछले चार दिनों से उपस्थित रहकर आंदोलन में शामिल हुए थे।
अनशन का पूरा नियोजन जिला अध्यक्ष उत्तम बापू कामठे व पदाधिकारियों द्वारा किया गया था। इस आंदोलन की सफलता से संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल निर्माण हुआ है।

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