पुणे, फरवरी (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
04 फरवरी 2023 को भारतीय रेल सिविल इंजीनियरिंग संस्थान (इरिसेन), पुणे में भारतीय रेलों के निर्माण कार्य संगठनों में क्षमता वृद्धि विषय पर क्षेत्रीय रेलों के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माननीय रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव द्वारा अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा संबोधित किया गया।
श्री अनिल कुमार लाहोटी, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी/रेलवे बोर्ड (भारत सरकार के पदेन प्रधान सचिव) ने सेमिनार की अध्यक्षता की। सेमिनार में श्री आर. एन. सुनकर, सदस्य/इन्फ्रास्ट्रक्चर/ रेलवे बोर्ड (भारत सरकार के पदेन सचिव) तथा श्री नरेश लालवानी, महाप्रबंधक, मध्य रेल ने हिस्सा लिया।
श्री अशोक कुमार, महानिदेशक/इरिसेन ने अतिथियों का स्वागत किया और सेमिनार की शुरुआत की। सेमिनार का आयोजन क्षेत्रीय रेलों के निर्माण संगठन में क्षमता वृद्धि के लिए रणनीति और कार्य योजना पर विचार-विमर्श करने के लिए किया गया था ताकि आगामी वित्तीय वर्ष में वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में प्रोजेक्ट डिलीवरी में 2-3 गुना वृद्धि हो सके। इस अवसर पर क्षेत्रीय रेलों के निर्माण संगठनों के मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों ने विचार-विमर्श किया तथा उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उठाए जाने वाले विभिन्न पहलुओं पर विचार किया।
डॉ. मंगू सिंह, प्रधान सलाहकार/ डीएमआरसी (पूर्व प्रबंध निदेशक/ डीएमआरसी), श्री ब्रिजेश दीक्षित, प्रबंध निदेशक/ महाराष्ट्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड, श्री सुबोध गुप्ता, निदेशक (परियोजना) / एमएमआरडीए एवं श्री संजय यादव, भा.प्र.से., संयुक्त प्रबंध निदेशक/ एमएसआरडीसी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टोंम के शीघ्र निष्पादन पर अपने विचार एवं अनुभव साझा किए।
माननीय रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय बजट में रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 2.4 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं, जो वर्ष 2013-14 की तुलना में 9 गुना अधिक है, यह वृद्धि आगामी वर्षों में भी जारी रहेगी। क्षेत्रीय रेलों को प्रोजेक्ट पूरा करने की क्षमता को कई गुना बढ़ाना होगा। देश के विकास में रेलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास बहुत महत्वपूर्ण है, हम सभी को इस अवसर पर आगे बढ़कर भारतीय रेल के विकास का हिस्सा बनना होगा। उन्होंने सभी मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों से आगामी वित्तीय वर्ष में प्रोजेक्ट डिलीवरी को 2 से 3 गुना बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
भारतीय रेलों के केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थानों में से एक भारतीय रेल सिविल इंजीनियरिंग संस्थान (इरिसेन) कोरेगांव पार्क, पुणे में स्थित है, यह संस्थान रेल सेवा में भर्ती हुए भारतीय रेल इंजीनियरिंग सेवा (आईआरएसई) के समूह ‘क’ के अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय रेल के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में सेवारत अधिकारियों को उन्नत स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करता है।
यह जानकारी पुणे रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी श्री मनोज झंवर द्वारा दी गई है।
04 फरवरी 2023 को भारतीय रेल सिविल इंजीनियरिंग संस्थान (इरिसेन), पुणे में भारतीय रेलों के निर्माण कार्य संगठनों में क्षमता वृद्धि विषय पर क्षेत्रीय रेलों के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माननीय रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव द्वारा अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा संबोधित किया गया।
श्री अनिल कुमार लाहोटी, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी/रेलवे बोर्ड (भारत सरकार के पदेन प्रधान सचिव) ने सेमिनार की अध्यक्षता की। सेमिनार में श्री आर. एन. सुनकर, सदस्य/इन्फ्रास्ट्रक्चर/ रेलवे बोर्ड (भारत सरकार के पदेन सचिव) तथा श्री नरेश लालवानी, महाप्रबंधक, मध्य रेल ने हिस्सा लिया।
श्री अशोक कुमार, महानिदेशक/इरिसेन ने अतिथियों का स्वागत किया और सेमिनार की शुरुआत की। सेमिनार का आयोजन क्षेत्रीय रेलों के निर्माण संगठन में क्षमता वृद्धि के लिए रणनीति और कार्य योजना पर विचार-विमर्श करने के लिए किया गया था ताकि आगामी वित्तीय वर्ष में वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में प्रोजेक्ट डिलीवरी में 2-3 गुना वृद्धि हो सके। इस अवसर पर क्षेत्रीय रेलों के निर्माण संगठनों के मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों ने विचार-विमर्श किया तथा उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उठाए जाने वाले विभिन्न पहलुओं पर विचार किया।
डॉ. मंगू सिंह, प्रधान सलाहकार/ डीएमआरसी (पूर्व प्रबंध निदेशक/ डीएमआरसी), श्री ब्रिजेश दीक्षित, प्रबंध निदेशक/ महाराष्ट्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड, श्री सुबोध गुप्ता, निदेशक (परियोजना) / एमएमआरडीए एवं श्री संजय यादव, भा.प्र.से., संयुक्त प्रबंध निदेशक/ एमएसआरडीसी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टोंम के शीघ्र निष्पादन पर अपने विचार एवं अनुभव साझा किए।
माननीय रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय बजट में रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 2.4 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं, जो वर्ष 2013-14 की तुलना में 9 गुना अधिक है, यह वृद्धि आगामी वर्षों में भी जारी रहेगी। क्षेत्रीय रेलों को प्रोजेक्ट पूरा करने की क्षमता को कई गुना बढ़ाना होगा। देश के विकास में रेलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास बहुत महत्वपूर्ण है, हम सभी को इस अवसर पर आगे बढ़कर भारतीय रेल के विकास का हिस्सा बनना होगा। उन्होंने सभी मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों से आगामी वित्तीय वर्ष में प्रोजेक्ट डिलीवरी को 2 से 3 गुना बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
भारतीय रेलों के केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थानों में से एक भारतीय रेल सिविल इंजीनियरिंग संस्थान (इरिसेन) कोरेगांव पार्क, पुणे में स्थित है, यह संस्थान रेल सेवा में भर्ती हुए भारतीय रेल इंजीनियरिंग सेवा (आईआरएसई) के समूह ‘क’ के अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय रेल के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में सेवारत अधिकारियों को उन्नत स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करता है।
यह जानकारी पुणे रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी श्री मनोज झंवर द्वारा दी गई है।

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