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महालेखा नियंत्रक ने 47वां सिविल लेखा दिवस मनाया

    भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) के 47वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज यहां सिविल लेखा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर अपने संबोधन मेंश्री चौधरी ने वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के स्वचालन में अग्रणी भूमिका निभाने और अंतिम छोर के लाभार्थियों तक धन के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सिविल लेखा सेवा को बधाई दी। अब जबकि देश अमृत काल की ओर बढ़ रहा है, उन्होंने महामारी के दौरान चुनौतियों का सामना करने में इस सेवा की भूमिका और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाने के प्रति इसकी तत्परता की सराहना की। उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख किया कि अमृत काल के दौरान सेवा वितरण और समावेशी विकास के लिए वित्तीय जवाबदेही महत्वपूर्ण होगी। नए भारत की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए नई पहल के माध्यम से पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने की जरूरत होगी।

    श्री चौधरी ने इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणालीजोकि महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की प्रमुख गतिविधि हैअभूतपूर्व पैमाने की क्षमताओं को लाने की दिशा में एक गेमचेंजर साबित हुई है और यह एक ऐसी प्रणाली बन गई है जो वास्तव में ‘संपूर्ण सरकार वाले दृष्टिकोण’ की भावना के अनुरूप है। यह केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागोंराज्य सरकारोंस्वायत्त निकायोंकार्यान्वयन एजेंसियों और सबसे बढ़करहमारे नागरिकों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रणाली है।
   केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि पीएफएमएस प्रौद्योगिकी के मामले में हमेशा आगे रहेआवश्यक संवर्द्धन और उन्नयन को संभव बनाने के लिए निरंतर योजना निर्माणसंसाधनों का उचित आवंटन और परिणाम आधारित गतिविधियों को क्रियान्वित करने की जरूरत है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफरट्रेजरी सिंगल अकाउंट्ससिंगल नोडल एजेंसी और सेंट्रल नोडल एजेंसी जैसे पहल समय पर धन जारी किया जाना सुनिश्चित करने और नकदी के अधिक प्रभावी प्रबंधन में सरकार की मदद करने की दिशा में शक्तिशाली उपकरण हैं। इन पहलों से देश में सार्वजनिक ऋण का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने में मदद मिली है। श्री पंकज चौधरी ने लेखा और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान किए।
   सभा को वित्त सचिव और सचिव व्ययडॉ. टी.वी. सोमनाथन ने भी संबोधित किया। न्होंने समय पर भुगतान के महत्व पर जोर दिया और ई-बिल के कार्यान्वयन के माध्यम से दक्षता सुनिश्चित किए जाने की सराहना की। सभी भुगतान और लेखा कार्यालयों (पीएओ) को कवर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बिलिंग के दायरे का विस्तार किया जाना है। उन्होंने सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में सुधार शुरू करने के लिए पीएफएमएस द्वारा मंच प्रदान किए जाने की सराहना की। इस प्रणाली ने राज्यों को धन के प्रवाह को सुव्यवस्थित किया है और देश में एक मजबूत सार्वजनिक वित्तीय प्रशासन की नींव रखी है।

    महालेखा नियंत्रक ने लेखासार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में इस वर्ष के दौरान संगठन द्वारा हासिल की गई विभिन्न उपलब्धियों का विवरण दिया। इस वर्ष हासिल होने वाली उपलब्धियों में प्राप्ति एवं भुगतान संबंधित नियमों में संशोधनविस्तृत कवरेज के  साथ ई-बिल प्रणाली के दायरे का विस्तारट्रेजरी सिंगल अकाउंट्ससेंट्रल नोडल अकाउंट (सीएएनएवं सिंगल नोडल अकाउंट (एसएनएप्रणाली के माध्यम से संशोधित धन प्रवाह तंत्र का कार्यान्वयन आदि शामिल हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि सिविल लेखा सेवा इन पहलों को समेकित करने के लिए वित्त मंत्रालय के मार्गदर्शन में काम करेगी और वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में सुधारों को अगले स्तर तक ले जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संसाधनों को सही दिशा में लगाया गया है और इसका उपयोग अभीष्ट उद्देश्यों के लिए किया गया है।
  सिविल लेखा सेवा ने इस अवसर पर सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्टता हासिल करने और यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि देश में एक मजबूत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के लिए भारतीय रिजर्व बैंकएजेंसी बैंकोंराज्य सरकारों और केन्द्रीय मंत्रालयों जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय के माध्यम से एक प्रभावी डिजिटल इकोसिस्टम स्थापित हो।

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