पुणे, मार्च (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
चूंकि महावितरण की उच्चदाब भूमिगत बिजली लाइन बार-बार गंदा पानी ले जाने वाली पाइपलाइनों की खुदाई के दौरान टूट जाती है, इसलिए पिछले आठ से दस दिनों से वारजे परिसार के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित होने का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है, साथ ही महावितरण को आर्थिक नुकसान भी हुआ है।
इस बीच, महावितरण द्वारा पुणे महानगरपालिका के मलनि:सारण रखरखाव और मरम्मत विभाग को एक लिखित पत्र दिए जाने के बाद, हाल ही में वारजे में उत्खनन स्थल पर एक संयुक्त निरीक्षण किया गया। खुदाई में बिजली लाइनों को कोई नुकसान न हो, इसका ध्यान रखने का निर्णय लिया गया और साथ ही महानगरपालिका द्वारा संबंधित ठेकेदार को बिजली लाइनों की मरम्मत की पूरी लागत महावितरण को देने का आदेश दिया गया है।
इस संबंध में जानकारी यह है कि पुणे महानगरपालिका के ठेकेदार द्वारा जेसीबी से वारजे क्षेत्र में सीवेज के पानी वाली पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई का काम चल रहा है, लेकिन संबंधित ठेकेदार ने महावितरण के स्थानीय कार्यालयों को बिना कोई पूर्व सूचना दिए खुदाई शुरू कर दी। 1 मार्च से 8 मार्च के बीच वारजे ब्रिज, खानवस्ती, वारजे ट्रैफिक पुलिस चौकी, रामनगर और वारजे वाटर सप्लाई में 22 केवी भूमिगत बिजली लाइन टूट गई। नतीजतन, पुणे मेट्रो, डहाणूकर कॉलोनी, प्रथमेश सोसाइटी, भुजबल टाऊनशिप, डुक्करखिंड परिसर, खानवस्ती, हिंदुस्थान बेकरी, रामनगर आदि में औसतन 1 से 2 घंटे तक, 3 से 4 हजार बिजली उपभोक्ताओं को बाधित बिजली आपूर्ति की असुविधा का सामना करना पड़ा। जबकि शेष स्थानों पर महावितरण द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से विद्युत आपूर्ति को दुरुस्त रखा गया।
खुदाई के दौरान जेसीबी द्वारा भूमिगत बिजली लाइनों को काटे जाने के बाद ठेकेदार द्वारा जिम्मेदारी लेने से इनकार करने पर महावितरण ने तत्काल इसकी सूचना महानगर पालिका के संबंधित अधिकारियों को लिखित में दी। इसकी शिकायत वारजे थाने में भी की गई थी। इसके बाद महावितरण व महानगरपालिका के अधिकारियों ने उत्खनन स्थल का संयुक्त निरीक्षण किया। खुदाई में भूमिगत बिजली लाइनों को कोई नुकसान न हो, इसके लिए उपाय और समन्वय इस समय तय किए गए थे। साथ ही महानगरपालिका की ओर से संबंधित ठेकेदार को महावितरण की बिजली लाइनों की मरम्मत का पूरा खर्चा देने का आदेश दिया गया है।
यह जानकारी पुणे महावितरण के जनसंपर्क अधिकारी श्री निशिकांत राऊत द्वारा दी गई है।
चूंकि महावितरण की उच्चदाब भूमिगत बिजली लाइन बार-बार गंदा पानी ले जाने वाली पाइपलाइनों की खुदाई के दौरान टूट जाती है, इसलिए पिछले आठ से दस दिनों से वारजे परिसार के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित होने का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है, साथ ही महावितरण को आर्थिक नुकसान भी हुआ है।
इस बीच, महावितरण द्वारा पुणे महानगरपालिका के मलनि:सारण रखरखाव और मरम्मत विभाग को एक लिखित पत्र दिए जाने के बाद, हाल ही में वारजे में उत्खनन स्थल पर एक संयुक्त निरीक्षण किया गया। खुदाई में बिजली लाइनों को कोई नुकसान न हो, इसका ध्यान रखने का निर्णय लिया गया और साथ ही महानगरपालिका द्वारा संबंधित ठेकेदार को बिजली लाइनों की मरम्मत की पूरी लागत महावितरण को देने का आदेश दिया गया है।
इस संबंध में जानकारी यह है कि पुणे महानगरपालिका के ठेकेदार द्वारा जेसीबी से वारजे क्षेत्र में सीवेज के पानी वाली पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई का काम चल रहा है, लेकिन संबंधित ठेकेदार ने महावितरण के स्थानीय कार्यालयों को बिना कोई पूर्व सूचना दिए खुदाई शुरू कर दी। 1 मार्च से 8 मार्च के बीच वारजे ब्रिज, खानवस्ती, वारजे ट्रैफिक पुलिस चौकी, रामनगर और वारजे वाटर सप्लाई में 22 केवी भूमिगत बिजली लाइन टूट गई। नतीजतन, पुणे मेट्रो, डहाणूकर कॉलोनी, प्रथमेश सोसाइटी, भुजबल टाऊनशिप, डुक्करखिंड परिसर, खानवस्ती, हिंदुस्थान बेकरी, रामनगर आदि में औसतन 1 से 2 घंटे तक, 3 से 4 हजार बिजली उपभोक्ताओं को बाधित बिजली आपूर्ति की असुविधा का सामना करना पड़ा। जबकि शेष स्थानों पर महावितरण द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से विद्युत आपूर्ति को दुरुस्त रखा गया।
खुदाई के दौरान जेसीबी द्वारा भूमिगत बिजली लाइनों को काटे जाने के बाद ठेकेदार द्वारा जिम्मेदारी लेने से इनकार करने पर महावितरण ने तत्काल इसकी सूचना महानगर पालिका के संबंधित अधिकारियों को लिखित में दी। इसकी शिकायत वारजे थाने में भी की गई थी। इसके बाद महावितरण व महानगरपालिका के अधिकारियों ने उत्खनन स्थल का संयुक्त निरीक्षण किया। खुदाई में भूमिगत बिजली लाइनों को कोई नुकसान न हो, इसके लिए उपाय और समन्वय इस समय तय किए गए थे। साथ ही महानगरपालिका की ओर से संबंधित ठेकेदार को महावितरण की बिजली लाइनों की मरम्मत का पूरा खर्चा देने का आदेश दिया गया है।
यह जानकारी पुणे महावितरण के जनसंपर्क अधिकारी श्री निशिकांत राऊत द्वारा दी गई है।
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