रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारतीय सेना उत्तरी सीमा पर किसी भी आकस्मिक संकट से निपटने में सक्षम है। चीन का नाम लिये बिना श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए चल रही वार्ता जारी रहेगी और सैनिकों की वापसी तथा तनाव कम करना, आगे बढने का सबसे उत्तम तरीका है। रक्षा मंत्री ने यह बात आज नई दिल्ली में सैन्य कमांडरों के अर्धवार्षिक सम्मेलन के पहले संस्करण को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने नागरिक प्रशासन को सहायता देने तथा देश की सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
श्री राजनाथ सिंह ने सीमा सडक संगठन की सराहना करते हुए कहा कि उसके प्रयासों से कठिन परिस्थितियों में पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं पर सडक सम्पर्क में बडा सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत तथा चिकित्सा सहायता से लेकर देश में स्थिर आंतरिक स्थिति बनाए रखने में सेना का योगदान प्रशंसनीय है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण तथा समग्र राष्ट्र विकास में भारतीय सेना की अहम भूमिका है। उन्होंने विश्व की मौजूदा जटिल स्थिति का जिक्र किया जिससे पूरी दुनिया प्रभावित है। उन्होंने कहा कि हाइब्रिड युद्ध सहित अपरंपरागत और असममित युद्ध, भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होंगे। श्री सिंह ने कहा कि साइबर, सूचना, संचार, व्यापार और वित्त भविष्य के संघर्षों में अपरिहार्य हो गये हैं तथा रणनीतियां बनाते और तैयार करते समय इन पहलुओं पर ध्यान देना होगा।
श्री राजनाथ सिंह ने सीमा सडक संगठन की सराहना करते हुए कहा कि उसके प्रयासों से कठिन परिस्थितियों में पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं पर सडक सम्पर्क में बडा सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत तथा चिकित्सा सहायता से लेकर देश में स्थिर आंतरिक स्थिति बनाए रखने में सेना का योगदान प्रशंसनीय है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण तथा समग्र राष्ट्र विकास में भारतीय सेना की अहम भूमिका है। उन्होंने विश्व की मौजूदा जटिल स्थिति का जिक्र किया जिससे पूरी दुनिया प्रभावित है। उन्होंने कहा कि हाइब्रिड युद्ध सहित अपरंपरागत और असममित युद्ध, भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होंगे। श्री सिंह ने कहा कि साइबर, सूचना, संचार, व्यापार और वित्त भविष्य के संघर्षों में अपरिहार्य हो गये हैं तथा रणनीतियां बनाते और तैयार करते समय इन पहलुओं पर ध्यान देना होगा।

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