मुंबई, अक्टूबर (महासंवाद)
अन्य पिछड़े समुदायों के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देना सरकार की भूमिका है। अन्य पिछड़े समाज निगमों, सारथी, बार्टी, महाज्योति, टीआरटीआई संस्थानों को निधि आवंटन को सुव्यवस्थित करते हुए सभी सामाजिक समूहों को समान न्याय दिया जाएगा। केंद्र सरकार की विश्वकर्मा योजना के साथ प्रदेश में इसके प्रभावी क्रियान्वयन से बारा बलुतेदारों को लाभ मिलेगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दी।
सह्याद्री अतिथिगृह में अन्य पिछड़ा वर्ग साथ ही घुमंतू समुदायों के विभिन्न संगठनों के साथ मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में बैठक हुई, तब उन्होंने उक्त जानकारी दी।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, अन्य पिछड़ा, बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे, वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, सांसद रामदास तडस, विधायक सर्वश्री डॉ. संजय कुटे, परिणय फुके, गोपीचंद पडलकर, प्रकाश शेंडगे, मुख्य सचिव मनोज सौनिक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विकास खारगे, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाडे के साथ अन्य विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
करीब तीन घंटे तक चली बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग, घुमंतू समुदाय, खानाबदोश, बारा बलुतेदार आदि समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।
किसी भी समुदाय का आरक्षण कम करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है, यह स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय का रद्द हो गया आरक्षण वापस दिलाते हुए अन्य पिछड़े समुदायों के आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पुराने कुनबी पंजीकृत वालों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षतावाली समिति की कार्यवाही चल रही है। राज्य सरकार अन्य पिछड़े, घुमंतू समाज के साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सारथी, बार्टी, महाज्योति, टीआरटीआई जैसे निगमों को निधि देने में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। यह आश्वासन देने के बाद ही घुमंतू समुदाय के विभिन्न मुद्दों पर अलग से बैठक की जायेगी। अन्य पिछड़े समुदाय के छात्रों के लिए 72 छात्रावास खोलने की प्रक्रिया में तत्काल तेजी लाने का निर्देश इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दिया। समुदाय के छात्रों को शैक्षणिक लाभ प्रदान करते समय गैर-आपराधिक प्रमाण पत्र के मामले में आठ लाख की सीमाओं का प्रमाण पत्र की शर्त को वापस लेने की स्थिति की जांच करने का भी सुझाव इस समय मुख्यमंत्री ने दिया।
अन्य पिछड़े समुदायों के लिए 4000 करोड़ की योजनाएँ : उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस
राज्य सरकार के माध्यम से अन्य पिछड़े समुदायों के लिए लगभग 4000 करोड़ रुपये की योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री फड़णवीस ने यह जानकारी दी। केंद्र सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला किया है। मेडिकल प्रवेश में ओबीसी छात्रों को आरक्षण देने का भी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है। राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय नहीं होने देगी। यह आश्वासन उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने दिया।
घुमंतू समाज के लिए पर्याप्त निधि का प्रावधान : उपमुख्यमंत्री अजीत पवार
राज्य के घुमंतू समाज और उपेक्षित वर्गों को पर्याप्त धनराशि प्रदान करने के लिए आगामी बजट में प्रावधान किया जाएगा। यह आश्वासन इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिया। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी घटक का आरक्षण प्रभावित नहीं होगा, शीतकालीन सत्र में पूरक मांगों के माध्यम से सारथी, बार्टी, महाज्योति, टीआरटीआई निगमों को निधि उपलब्ध कराई जाएगी।
इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल के साथ प्रकाश शेंडगे, सांसद रामदास तडस, डॉ. तायवाडे, श्री बावकर, श्री गोपीचंद पडलकर, लक्ष्मणराव गायकवाड, पल्लवी रेणके, मंगेश ससाणे, विश्वनाथ पाटिल ने अपने विचार व्यक्त किये।
बैठक में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के समन्वयक डॉ. अशोक जिवतोडे, सचिन राजुरकर, पुरुषोत्तम प. शहाणे (पाटिल), शरद वानखेडे, सुभाष घाटे, नरेश बरडे, शकील पटेल, दिनेश चोखारे, प्रकाश भगरथ, भालचंद्र ठाकरे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
अन्य पिछड़े समुदायों के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देना सरकार की भूमिका है। अन्य पिछड़े समाज निगमों, सारथी, बार्टी, महाज्योति, टीआरटीआई संस्थानों को निधि आवंटन को सुव्यवस्थित करते हुए सभी सामाजिक समूहों को समान न्याय दिया जाएगा। केंद्र सरकार की विश्वकर्मा योजना के साथ प्रदेश में इसके प्रभावी क्रियान्वयन से बारा बलुतेदारों को लाभ मिलेगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दी।
सह्याद्री अतिथिगृह में अन्य पिछड़ा वर्ग साथ ही घुमंतू समुदायों के विभिन्न संगठनों के साथ मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में बैठक हुई, तब उन्होंने उक्त जानकारी दी।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, अन्य पिछड़ा, बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे, वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, सांसद रामदास तडस, विधायक सर्वश्री डॉ. संजय कुटे, परिणय फुके, गोपीचंद पडलकर, प्रकाश शेंडगे, मुख्य सचिव मनोज सौनिक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विकास खारगे, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाडे के साथ अन्य विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
करीब तीन घंटे तक चली बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग, घुमंतू समुदाय, खानाबदोश, बारा बलुतेदार आदि समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।
किसी भी समुदाय का आरक्षण कम करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है, यह स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि मराठा समुदाय का रद्द हो गया आरक्षण वापस दिलाते हुए अन्य पिछड़े समुदायों के आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पुराने कुनबी पंजीकृत वालों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षतावाली समिति की कार्यवाही चल रही है। राज्य सरकार अन्य पिछड़े, घुमंतू समाज के साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सारथी, बार्टी, महाज्योति, टीआरटीआई जैसे निगमों को निधि देने में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। यह आश्वासन देने के बाद ही घुमंतू समुदाय के विभिन्न मुद्दों पर अलग से बैठक की जायेगी। अन्य पिछड़े समुदाय के छात्रों के लिए 72 छात्रावास खोलने की प्रक्रिया में तत्काल तेजी लाने का निर्देश इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दिया। समुदाय के छात्रों को शैक्षणिक लाभ प्रदान करते समय गैर-आपराधिक प्रमाण पत्र के मामले में आठ लाख की सीमाओं का प्रमाण पत्र की शर्त को वापस लेने की स्थिति की जांच करने का भी सुझाव इस समय मुख्यमंत्री ने दिया।
अन्य पिछड़े समुदायों के लिए 4000 करोड़ की योजनाएँ : उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस
राज्य सरकार के माध्यम से अन्य पिछड़े समुदायों के लिए लगभग 4000 करोड़ रुपये की योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री फड़णवीस ने यह जानकारी दी। केंद्र सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला किया है। मेडिकल प्रवेश में ओबीसी छात्रों को आरक्षण देने का भी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है। राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय नहीं होने देगी। यह आश्वासन उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने दिया।
घुमंतू समाज के लिए पर्याप्त निधि का प्रावधान : उपमुख्यमंत्री अजीत पवार
राज्य के घुमंतू समाज और उपेक्षित वर्गों को पर्याप्त धनराशि प्रदान करने के लिए आगामी बजट में प्रावधान किया जाएगा। यह आश्वासन इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दिया। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी घटक का आरक्षण प्रभावित नहीं होगा, शीतकालीन सत्र में पूरक मांगों के माध्यम से सारथी, बार्टी, महाज्योति, टीआरटीआई निगमों को निधि उपलब्ध कराई जाएगी।
इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल के साथ प्रकाश शेंडगे, सांसद रामदास तडस, डॉ. तायवाडे, श्री बावकर, श्री गोपीचंद पडलकर, लक्ष्मणराव गायकवाड, पल्लवी रेणके, मंगेश ससाणे, विश्वनाथ पाटिल ने अपने विचार व्यक्त किये।
बैठक में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के समन्वयक डॉ. अशोक जिवतोडे, सचिन राजुरकर, पुरुषोत्तम प. शहाणे (पाटिल), शरद वानखेडे, सुभाष घाटे, नरेश बरडे, शकील पटेल, दिनेश चोखारे, प्रकाश भगरथ, भालचंद्र ठाकरे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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