निर्धारित समय से पहले गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के दिए गए निर्देश
पुणे, सितंबर (जिमाका)
तीर्थ स्थान जेजुरी किला विकास योजना के चल रहे प्रथम चरण के कार्यों का निरीक्षण करके कार्य को नियोजित समय से पहले एवं गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख ने दिए हैं।
जेजुरी किला विकास योजना के 349 करोड़ रुपये में से पहले चरण का 109 करोड़ रुपये के कार्यों का भूमिपूजन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शुभ हाथों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की प्रमुख उपस्थिति में 7 अगस्त को किया गया था।
योजना के तहत पालकमंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति का गठन किया गया है और जिलाधिकारी एक निगरानी अधिकारी के रूप में काम देख रहे हैं, इसलिए जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख द्वारा जेजुरी किले में जारी काम का निरीक्षण किया गया। पुरातत्व एवं नियोजन विभाग के माध्यम से कार्यों में तेजी लायी गयी है। विकास योजना के कुल 9 कार्यों में से 3 कार्य प्रगति पर हैं। नए 4 काम आनेवाले हफ्तों में शुरू हो रहे हैं जबकि एक काम के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है और वह काम भी अक्टूबर महीने में शुरू हो जाएगा। इससे काम में अधिक तेजी आएगी। यह जानकारी जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख ने दी है।
तीर्थ स्थान जेजुरी किला विकास योजना के चल रहे प्रथम चरण के कार्यों का निरीक्षण करके कार्य को नियोजित समय से पहले एवं गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख ने दिए हैं।
जेजुरी किला विकास योजना के 349 करोड़ रुपये में से पहले चरण का 109 करोड़ रुपये के कार्यों का भूमिपूजन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शुभ हाथों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की प्रमुख उपस्थिति में 7 अगस्त को किया गया था।
योजना के तहत पालकमंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति का गठन किया गया है और जिलाधिकारी एक निगरानी अधिकारी के रूप में काम देख रहे हैं, इसलिए जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख द्वारा जेजुरी किले में जारी काम का निरीक्षण किया गया। पुरातत्व एवं नियोजन विभाग के माध्यम से कार्यों में तेजी लायी गयी है। विकास योजना के कुल 9 कार्यों में से 3 कार्य प्रगति पर हैं। नए 4 काम आनेवाले हफ्तों में शुरू हो रहे हैं जबकि एक काम के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है और वह काम भी अक्टूबर महीने में शुरू हो जाएगा। इससे काम में अधिक तेजी आएगी। यह जानकारी जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख ने दी है।
मंदिर और उसके परिसर में किए गए अनियोजित परिवर्धन और निर्माण को हटाकर किले के पूर्व गौरव को बहाल करने की योजना बनाई गई है। यद्यपि कार्य पूर्ण करने की अवधि 2 वर्ष है, परन्तु कार्य निर्धारित समय से पूर्व गुणवत्तापूर्व किये जाने चाहिए। साथ ही इन कार्यों के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए ताकि कार्य शीघ्रता से पूर्ण हो सके। यह अपील भी जिलाधिकारी ने की है।
शिखर मरम्मत हेतु आवश्यक उपाय किये जायें। विद्युत कनेक्शन, सीवेज प्रबंधन, भूमि सौंदर्यीकरण (लैंडस्केपिंग) आदि कार्य मंदिर के मूल निर्माण और स्थापत्य शैली के अनुसार किये जाने चाहिए। अन्य सूचनाएं जिलाधिकारी डॉ. देशमुख ने पुरातत्व विभाग को दी हैं। बताया गया कि कार्यों में मूल शैली में प्रयुक्त पत्थर, चूना आदि सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है।
इस अवसर पर उपविभागीय अधिकारी मिनाज मुल्ला, जिला नियोजन अधिकारी किरण इंदलकर, पुरातत्व विभाग के सहायक संचालक डॉ. विलास वाहणे, मंदिर के विश्वस्त पांडुरंग थोरवे आदि उपस्थित थे।
शिखर मरम्मत हेतु आवश्यक उपाय किये जायें। विद्युत कनेक्शन, सीवेज प्रबंधन, भूमि सौंदर्यीकरण (लैंडस्केपिंग) आदि कार्य मंदिर के मूल निर्माण और स्थापत्य शैली के अनुसार किये जाने चाहिए। अन्य सूचनाएं जिलाधिकारी डॉ. देशमुख ने पुरातत्व विभाग को दी हैं। बताया गया कि कार्यों में मूल शैली में प्रयुक्त पत्थर, चूना आदि सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है।
इस अवसर पर उपविभागीय अधिकारी मिनाज मुल्ला, जिला नियोजन अधिकारी किरण इंदलकर, पुरातत्व विभाग के सहायक संचालक डॉ. विलास वाहणे, मंदिर के विश्वस्त पांडुरंग थोरवे आदि उपस्थित थे।




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