स्वच्छता का मौसम कभी ख़त्म नहीं होता क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरा मुक्त शहरों का सपना सफाई में किसी रूकावट का जोखिम नहीं उठा सकता। शहरी स्वच्छता के लिए जुनून चिरस्थायी है और इसलिए स्वच्छता पखवाड़ा की शुरुआत के साथ यह देश के कोने-कोने में फैल गया है। स्वच्छता के लिए जन आंदोलन जारी है। जब देश के स्वच्छता अभियान का नेतृत्व करने की बात आती है तो इसमें महाराष्ट्र प्रमुख राज्यों में से एक है। गणेश उत्सव महाराष्ट्र के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हालांकि, अतीत में, गणेश मूर्ति विसर्जन और इसे यथासंभव पर्यावरण-अनुकूल बनाने पर चिंता की आवाज़ें उठाई गई हैं। इसलिए, छोटे बच्चों ने इसे पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए आगे कदम बढ़ाया है।
स्वच्छता पखवाड़ा-स्वच्छता ही सेवा 2023 के तहत, ठाणे शहर के 493 स्कूलों के बीच पर्यावरण के अनुकूल गणपति मूर्ति निर्माण और अपशिष्ट से सर्वश्रेष्ठ के लिए प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इसमें कुल 22,177 छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करके गणपति की मूर्तियां बनाईं और इस तरह समाज में स्थायित्व को लेकर जागरूकता फैलाई। छात्रों ने इस प्रतियोगिता का भरपूर आनंद उठाया। इसके अलावा, नगर निगम ने भारतीय स्वच्छता लीग 2.0 के तहत मैंग्रोव स्वच्छता गतिविधि का आयोजन किया, जहां 2,200 से अधिक लोग एक साथ आए और मैंग्रोव की रक्षा करने और अपने आसपास को साफ रखने की शपथ ली। अधिकारियों के साथ स्थानीय सफाई मित्रों ने मैंग्रोव स्वच्छता अभियान में भाग लिया।
ठाणे में अन्य स्वच्छता गतिविधियों में व्यापक सार्वजनिक भागीदारी देखी गई। शहर के स्वच्छता कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर ठाणे रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर रेड स्पॉट सफाई अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य लोगों को खुले में न थूकने और सार्वजनिक संपत्ति को खराब न करने के लिए जागरूक करना था। इस पहल में ठाणे के 1,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। ठाणे नगर निगम ने भी पारसिक हिल स्वच्छता अभियान का आयोजन किया। इसमें 2,000 से अधिक नागरिक, स्कूली बच्चे, लड़कियां और लड़के, पुरुष और महिलाएं शामिल हुए। यह स्वच्छता अभियान काफी सफल रहा। इसने पारसिक पहाड़ी को सुंदर बना दिया और सफाई को लेकर स्थानीय समुदाय के बीच जागरूकता पैदा की। भारतीय स्वच्छता लीग की पूर्व संध्या पर, ठाणे शहर में एक नवीन अवधारणा "एक मिनट ठाणे साथी" की शुरुआत की गई। दादोजी कोंडदेव स्टेडियम में 25,000 स्कूली छात्रों सहित भारी भीड़ जमा हुई और उन्होंने ठाणे को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिदिन एक मिनट समर्पित करने की शपथ ली।
यह जन आंदोलन शहरी स्वच्छता का चेहरा बदल रहा है और स्वच्छता की भावना को प्रेरित कर रहा है। स्वच्छता के जन आंदोलन में लिंग, समुदाय, धर्म, संस्कृति और जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों के लोग शामिल हो रहे हैं और इसे एक भव्य त्योहार की तरह मना रहे हैं।

स्वच्छता पखवाड़ा-स्वच्छता ही सेवा 2023 के तहत, ठाणे शहर के 493 स्कूलों के बीच पर्यावरण के अनुकूल गणपति मूर्ति निर्माण और अपशिष्ट से सर्वश्रेष्ठ के लिए प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इसमें कुल 22,177 छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करके गणपति की मूर्तियां बनाईं और इस तरह समाज में स्थायित्व को लेकर जागरूकता फैलाई। छात्रों ने इस प्रतियोगिता का भरपूर आनंद उठाया। इसके अलावा, नगर निगम ने भारतीय स्वच्छता लीग 2.0 के तहत मैंग्रोव स्वच्छता गतिविधि का आयोजन किया, जहां 2,200 से अधिक लोग एक साथ आए और मैंग्रोव की रक्षा करने और अपने आसपास को साफ रखने की शपथ ली। अधिकारियों के साथ स्थानीय सफाई मित्रों ने मैंग्रोव स्वच्छता अभियान में भाग लिया।

ठाणे में अन्य स्वच्छता गतिविधियों में व्यापक सार्वजनिक भागीदारी देखी गई। शहर के स्वच्छता कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर ठाणे रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर रेड स्पॉट सफाई अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य लोगों को खुले में न थूकने और सार्वजनिक संपत्ति को खराब न करने के लिए जागरूक करना था। इस पहल में ठाणे के 1,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। ठाणे नगर निगम ने भी पारसिक हिल स्वच्छता अभियान का आयोजन किया। इसमें 2,000 से अधिक नागरिक, स्कूली बच्चे, लड़कियां और लड़के, पुरुष और महिलाएं शामिल हुए। यह स्वच्छता अभियान काफी सफल रहा। इसने पारसिक पहाड़ी को सुंदर बना दिया और सफाई को लेकर स्थानीय समुदाय के बीच जागरूकता पैदा की। भारतीय स्वच्छता लीग की पूर्व संध्या पर, ठाणे शहर में एक नवीन अवधारणा "एक मिनट ठाणे साथी" की शुरुआत की गई। दादोजी कोंडदेव स्टेडियम में 25,000 स्कूली छात्रों सहित भारी भीड़ जमा हुई और उन्होंने ठाणे को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिदिन एक मिनट समर्पित करने की शपथ ली।

0 टिप्पणियाँ