पुणे, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
भर्ती परीक्षा की तैयारी करनेवालों को हवा में और आरक्षण को चुना! क्या इस सरकार की यही नीति है? योग्यता एवं अवसर को नकारनेवाला संविदा भर्ती आदेश को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए? मंत्री के आशीर्वाद से वशिला के टट्टूओं के स्वार्थ के लिए जो संविदा भर्ती का आदेश है उसे रद्द करें? यह मांग आम आदमी पार्टी पुणे की ओर से की गई है।
बाह्य यंत्रणा से काम होने के लिए सेवा प्रदाता संगठनों का एक पैनल नियुक्त करने का फैसला सरकार द्वारा 6 सितंबर को किया गया है। इसके अनुसार सरकारी विभागों, अर्ध-सरकारी विभागों, स्थानीय स्व-सरकारी निकायों, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों आदि में विभिन्न पदों पर अनुबंध पर भर्ती करना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार से बाहरी एजेंसियों के माध्यम से अनुबंध भर्ती आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने शास्त्री रोड, नवी पेठ क्षेत्र में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया और शानदार प्रतिसाद दिया। इस आंदोलन में आम आदमी पार्टी के मुकुंद किर्दत के साथ अनिल कोंढालकर, सतीश यादव, निलेश वांजले, अक्षय शिंदे, एडवोकेट अमोल काले, किरण कद्रे, अमोल मोरे, ज्ञानेश्वर गायकवाड, प्रशांत कांबले, धनंजय बेनकर, शाशिभूषण होले, अभिजीत गायकवाड, साजिद कुरेशी, इरफान रोड्डे, मनोज थोरात, सैयद अली, संजय रणधीर, शंकर थोरात, तानाजी शेरखाने, किरण कांबले, अविनाश भाकरे, असगर बेग, जिबरील शेख, असिफ मोमीन, उमेश बागडे, शेखर ढगे, माधुरी गायकवाड, फेबियन सॅमसन, अजय पैठणकर, प्रभाकर कोंढालकर, शिवाजी डोलारे, उत्तम वडावराव, सुनील भोसले, कीर्तिसिंह चौधरी, बाबा शिरसाट, बापू रणसिंह, निखिल खंदारे आदि शामिल हुए।
भर्ती परीक्षा की तैयारी करनेवालों को हवा में और आरक्षण को चुना! क्या इस सरकार की यही नीति है? योग्यता एवं अवसर को नकारनेवाला संविदा भर्ती आदेश को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए? मंत्री के आशीर्वाद से वशिला के टट्टूओं के स्वार्थ के लिए जो संविदा भर्ती का आदेश है उसे रद्द करें? यह मांग आम आदमी पार्टी पुणे की ओर से की गई है।
बाह्य यंत्रणा से काम होने के लिए सेवा प्रदाता संगठनों का एक पैनल नियुक्त करने का फैसला सरकार द्वारा 6 सितंबर को किया गया है। इसके अनुसार सरकारी विभागों, अर्ध-सरकारी विभागों, स्थानीय स्व-सरकारी निकायों, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों आदि में विभिन्न पदों पर अनुबंध पर भर्ती करना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार से बाहरी एजेंसियों के माध्यम से अनुबंध भर्ती आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने शास्त्री रोड, नवी पेठ क्षेत्र में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया और शानदार प्रतिसाद दिया। इस आंदोलन में आम आदमी पार्टी के मुकुंद किर्दत के साथ अनिल कोंढालकर, सतीश यादव, निलेश वांजले, अक्षय शिंदे, एडवोकेट अमोल काले, किरण कद्रे, अमोल मोरे, ज्ञानेश्वर गायकवाड, प्रशांत कांबले, धनंजय बेनकर, शाशिभूषण होले, अभिजीत गायकवाड, साजिद कुरेशी, इरफान रोड्डे, मनोज थोरात, सैयद अली, संजय रणधीर, शंकर थोरात, तानाजी शेरखाने, किरण कांबले, अविनाश भाकरे, असगर बेग, जिबरील शेख, असिफ मोमीन, उमेश बागडे, शेखर ढगे, माधुरी गायकवाड, फेबियन सॅमसन, अजय पैठणकर, प्रभाकर कोंढालकर, शिवाजी डोलारे, उत्तम वडावराव, सुनील भोसले, कीर्तिसिंह चौधरी, बाबा शिरसाट, बापू रणसिंह, निखिल खंदारे आदि शामिल हुए।
इस बारे में जानकारी देते हुए आम आदमी पार्टी के मुकुंद किर्दत ने कहा कि महाराष्ट्र में विभिन्न सरकारी विभागों और जिला परिषदों के तहत 2.44 लाख से अधिक पद खाली हैं। इस भर्ती के लिए पिछले कुछ वर्षों से एमपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षा देनेवाले छात्र इस भर्ती का विरोध कर रहे हैं। सीधी सेवा भर्ती का इंतजार लाखों छात्र कर रहे हैं। इस बीच यह नई संविदा नीति भर्ती का इंतजार कर रहे छात्रों के चेहरे पर सेंध लगानेवाली है। इन एजेंसियों / ठेकेदारों द्वारा लगभग 75000 सरकारी पद भरे जाने का अनुमान है।
इस आदेश के अनुसार भर्ती पद के लिए निर्धारित वेतन का केवल 60 प्रतिशत वास्तविक कर्मचारी को और 15 प्रतिशत नियुक्ति करनेवाले ठेकेदार को प्रति माह दिया जाएगा। यह ठेकेदारों और मंत्रियों के लिए भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का प्रजनन स्थल होगा। प्रतिस्पर्धा की कमी के कारण मेधावी छात्रों के साथ अन्याय होगा जबकि वंचित वर्ग के बच्चों को कोई मौका नहीं मिलेगा। साथ ही इस पद्धति से संबंधित व्यक्ति की जनता के प्रति कोई जवाबदेही एवं उत्तरदायित्व नहीं रहेगा, जनता को सेवा की गारंटी नहीं मिलेगी। यह आपत्ति आम आदमी पार्टी के मुकुंद किर्दत ने जताते हुए आगे बोलते हुए कहा कि दिल्ली, पंजाब आदि में पुरानी पेंशन योजना लागू की जा रही है। साथ ही अनुबंध पर काम कर रहें शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को सेवा में बनाये रखने की नीति लागू करने पर आम आदमी पार्टी की सरकारें क्रियान्वित कर रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी की शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार द्वारा विपरीत नीति लागू की जा रही है।
इस आदेश के अनुसार भर्ती पद के लिए निर्धारित वेतन का केवल 60 प्रतिशत वास्तविक कर्मचारी को और 15 प्रतिशत नियुक्ति करनेवाले ठेकेदार को प्रति माह दिया जाएगा। यह ठेकेदारों और मंत्रियों के लिए भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का प्रजनन स्थल होगा। प्रतिस्पर्धा की कमी के कारण मेधावी छात्रों के साथ अन्याय होगा जबकि वंचित वर्ग के बच्चों को कोई मौका नहीं मिलेगा। साथ ही इस पद्धति से संबंधित व्यक्ति की जनता के प्रति कोई जवाबदेही एवं उत्तरदायित्व नहीं रहेगा, जनता को सेवा की गारंटी नहीं मिलेगी। यह आपत्ति आम आदमी पार्टी के मुकुंद किर्दत ने जताते हुए आगे बोलते हुए कहा कि दिल्ली, पंजाब आदि में पुरानी पेंशन योजना लागू की जा रही है। साथ ही अनुबंध पर काम कर रहें शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को सेवा में बनाये रखने की नीति लागू करने पर आम आदमी पार्टी की सरकारें क्रियान्वित कर रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी की शिंदे-फडणवीस-पवार सरकार द्वारा विपरीत नीति लागू की जा रही है।


0 टिप्पणियाँ